पिछली कहानी में हमने पढा कि आयांशी कुछ पेपर्स लेकर राजपूत विला आती हैं। बाद में उसे पता चलता हैं कि वो पेपर्स सम्राट ने मंगवाए थे।
अब आगे..........
आयांशी डरती हुई सीढ़ियों पर चढ़ती हैं और मन ही मन प्रार्थना कर रही होती हैं कि आज कुछ गड़बड़ ना हो। तब वो सम्राट के कमरे के बाहर जाकर खड़ी हो जाती हैं। वो दरवाजा नोक करना चाहती थी पर वो मन ही मन बहुत डर रही होती हैं। वो थोड़ी हिम्मत जुटाती हैं और दरवाजा नोक करती हैं। पर अंदर से कोई जवाब नहीं आता हैं। तब वो वापिस दरवाजा नोक करती हैं कि तभी उसे ऐसा लगता हैं जैसे कि दरवाजा पहले से खुला हुआ हैं। आयांशी थोड़ा सा दरवाजा खोलती हैं और देखती हैं कि कही सम्राट अंदर तो नहीं हैना। उसे कमरे में कही भी सम्राट भी दिखता हैं तो वो थोड़ी रिलेक्स हो जाती हैं। और कमरे के अंदर जाती हैं। आयांशी बिना शोर किए कमरे के अंदर जाती हैं और वह रखे टेबल पर पेपर रख देती हैं और जैसे ही वापिस जाने को मुड़ती तभी वो देखती हैं कि सम्राट बाथरूम से शॉवर लेकर बाहर आया होता हैं। आयांशी सम्राट को ऐसे देखकर वहीं ठहर जाती हैं। तभी सम्राट की नजर आयांशी पर जाती हैं और उसके फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती हैं। सम्राट धीरे धीरे आयांशी के पास जाता हैं पर आयांशी को कोई ध्यान नहीं पड़ता हैं वो तो बस सम्राट को ही देखे जा रही थी। तभी सम्राट आयांशी के काफी करीब आ जाता हैं और आयांशी अपने होश में आती हैं । वो सम्राट को अपने इतने पास देखकर भागने की कोशिश करती हैं पर सम्राट उसे कमर से पकड़कर पीछे दीवार से सटा देता हैं। और अपना फेस आयांशी के फेस के करीब लाता हैं पर आयांशी अपना फेस को दूसरी तरफ कर देती हैं और सम्राट को धक्का देकर दूर करने की कोशिश करती हैं। पर आयांशी के इस हमले से सम्राट पर कोई असर नहीं पड़ रहा था।
तभी सम्राट डेविल स्माइल करते हुए बोलता हैं -कितनी भी कोशिश करलो तुम, मेरी पकड़ से छूट नहीं पाओगी और तुम मेरे कमरे में आई कैसे??
तब आयांशी थोड़ी डरती हुई बोलती हैं- वो.. वो.. वो... वो....
सम्राट- ये वो वो क्या कर रही हो। किसने परमिशन दी तुम्हे मेरे कमरे में आने की??
अ
आयांशी सम्राट से नजरे ही नहीं मिला पा रही थी।
तब आयांशी बोलती हैं- वो डैड ने कुछ पेपर्स भेजे हैं आपको देने के लिए। वो मैंने उस टेबल पर रखे हैं।
सम्राट टेबल पर रखे पेपर्स लेने जाता हैं कि तभी आयांशी वहां से जाने की कोशिश करती हैं।
तभी सम्राट बोलता हैं - यहाँ से हिलने की कोशिश भी मत करना वरना अंजाम सही नहीं होगा।
तब अआयांशी डर के मारे वहां से हिलती भी नहीं हैं।
तब सम्राट पेपर्स पढ़ने लगता हैं। सम्राट पेपर्स पढ़ने हुए अपने भीगे बालों में अपना हाथ घुमाने लगता हैं। आयांशी सम्राट के इस हरकत से बस उसको ही देखे जा रही थी। तब सम्राट पेपर्स पढ़ कर उनको वापिस टेबल पर रख देता हैं और ड्रेसिंग टेबल के पास जाकर अपने बाल सूखने लगता हैं।
आयांशी का ध्यान अभी भी बस सम्राट की बॉडी पर ही था। सम्राट आयांशी को ड्रेसिंग मिरर से देखे जा रहा था।
तब आयांशी से बोलता हैं- क्या देख रही हो इतनी देर से???
तभी आयांशी वापिस अपने होश में आ जाती हैं।