🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 26: "अंदर का रहस्य"
"कभी-कभी सबसे बड़ा रहस्य तुम्हारे अंदर ही छुपा होता है, और उसे जानने की हिम्मत तुम्हें खुद से जंग लड़ने को मजबूर करती है।"
अहाना का दिल अब जैसे एक आखिरी सवाल के सामने खड़ा था। पुराने गोदाम की वो खौफनाक रात—मायरा की मौत, रायान की चोट, और वो अनजाना मैसेज—“माफ़िया की दुनिया का आखिरी रहस्य तुम्हारे अंदर है” (Part 25)—ने उसे एक ऐसी राह पर ला खड़ा किया था, जहाँ जवाब सिर्फ़ उसके भीतर ही थे। मेमोरी चिप (Parts 21-25), पापा की चिट्ठी—“इस सच को दुनिया तक पहुँचाओ” (Parts 9-25), और रवि, विशाल, निहारिका, रुद्र, अर्जुन, विजय, और जस्टिस राघवेंद्र की सच्चाई (Parts 8-25) ने उसे एक लंबी जंग जीतने की ताकत दी थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश—“Decree of the Supreme Court of India”—ने राघवेंद्र को हिरासत में ले लिया था, और माफ़िया का साम्राज्य अब पूरी तरह ढह चुका था (Part 25)। लेकिन मायरा की मौत और सुमन का बलिदान (Parts 21-25) अहाना के दिल में एक गहरी चोट छोड़ गया था। “ये रहस्य… मेरे अंदर? इसका मतलब क्या है?”
अहाना अब अपने बचपन के घर में थी, जो शहर से दूर एक छोटे से गाँव में था। पुरानी लकड़ी की सीढ़ियाँ चरमरा रही थीं, और दीवारों पर पापा और मम्मी की तस्वीरें धूल में लिपटी थीं। रायान उसके बगल में था, उसका कंधा अभी भी पट्टियों में लिपटा था, लेकिन उसकी आँखों में एक अटल हिम्मत थी। इंस्पेक्टर करण, जो गोदाम में आखिरी पल में सामने आया था (Part 25), अब उनके साथ था, एक पुराना लिफाफा हाथ में लिए।
“अहाना,” करण ने गंभीर आवाज़ में कहा, “तुम्हारे पापा ने ये लिफाफा मुझे दिया था। इसमें तुम्हारे अंदर के रहस्य का जवाब है।”
अहाना ने कांपते हाथों से लिफाफा लिया। उसने रायान की तरफ देखा, जो धीरे से मुस्कुराया। “अहाना, जो भी सच हो, हम इसे साथ में सामना करेंगे।”
लिफाफे में एक पुरानी तस्वीर थी—अहाना की माँ सुमन और पापा अजय की, लेकिन उनके बीच एक छोटी लड़की थी, जिसे अहाना ने पहले कभी नहीं देखा था। पीछे लिखा था: “हमारी दूसरी बेटी, अनन्या।”
अहाना की साँसें रुक गईं। “दूसरी बेटी? मेरी… बहन?”
करण ने गहरी साँस ली। “हाँ, अहाना। तुम्हारी एक जुड़वाँ बहन थी, अनन्या। तुम्हारे पापा ने उसे माफ़िया से बचाने के लिए छुपा दिया था। लेकिन वो मैसेज… शायद वो अनन्या ने भेजा।”
रायान ने चौंककर पूछा, “अनन्या ज़िंदा है? लेकिन वो कहाँ है?”
करण ने सिर झुकाया। “मुझे नहीं पता। तुम्हारे पापा ने मुझे सिर्फ़ इतना बताया था कि अनन्या को एक अनाथालय में छोड़ा गया था, ताकि माफ़िया उसे कभी न ढूंढ सके। लेकिन वो मैसेज… वो उसी ने भेजा होगा।”
अहाना की आँखें आँसुओं से भरी थीं। “मेरी बहन… वो ज़िंदा है? और वो मुझे ढूंढ रही है?”
🌌 अनन्या का रहस्य
अहाना ने लिफाफे में एक और चीज़ देखी—एक छोटा सा कागज़, जिस पर लिखा था: “अनन्या को ढूंढो। वो तुम्हारी ताकत है।” उसने रायान की तरफ देखा। “रायान, मुझे उसे ढूंढना होगा। वो मेरी बहन है।”
रायान ने उसका हाथ पकड़ा। “अहाना, हम उसे ढूंढेंगे। लेकिन हमें सावधान रहना होगा। अगर अनन्या ने वो मैसेज भेजा, तो शायद वो भी खतरे में है।”
करण ने कहा, “मैंने उस अनाथालय का पता ढूंढ लिया है। वो दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर है। लेकिन हमें जल्दी करना होगा। अगर माफ़िया का कोई बचा हुआ हिस्सा है, तो वो अनन्या तक पहले पहुँच सकता है।”
अहाना ने अपनी डायरी खोली और उसमें लिखा: “पापा, मम्मी, मायरा… मैंने आप सबके लिए जंग लड़ी। अब मैं अपनी बहन को ढूंढूँगी।”
रात 9:00 बजे।
अनाथालय एक पुरानी इमारत थी, जिसके बाहर लोहे का जंग लगा गेट था। बारिश की बूँदें तेज़ी से गिर रही थीं, और हवा में एक ठंडी सिहरन थी। अहाना, रायान, और करण गेट के पास खड़े थे। अहाना ने GPS ट्रैकर चेक किया, लेकिन लाल बत्ती अब शांत थी।
“कुछ गड़बड़ है,” अहाना ने फुसफुसाते हुए कहा। “मुझे लगता है कोई यहाँ पहले से है।”
तभी अनाथालय के अंदर से एक छाया निकली। एक लड़की थी, जिसका चेहरा अहाना से हूबहू मिलता था। “अहाना?” उसने कांपती आवाज़ में कहा।
अहाना की आँखें फैल गईं। “अनन्या?”
अनन्या ने आगे बढ़कर अहाना को गले लगाया, उसकी आँखें आँसुओं से भरी थीं। “मैंने तुम्हें ढूंढ लिया… मैं वो मैसेज भेज रही थी।”
लेकिन तभी एक कार की हेडलाइट्स चमकीं, और तीन हथियारबंद लोग बाहर निकले। “अहाना शर्मा,” एक ठंडी आवाज़ गूंजी। “तुमने हमारा साम्राज्य तोड़ा, लेकिन अब तुम और तुम्हारी बहन दोनों खत्म होंगी।”
रायान ने अपनी बंदूक तानी। “अहाना, अनन्या, पीछे हटो!”
करण ने पुलिस को सिग्नल भेजा। “वे आ रहे हैं!”
गोलीबारी शुरू हो गई। अहाना ने अनन्या को एक कोने में खींच लिया। “अनन्या, तुमने वो मैसेज क्यों भेजा?”
अनन्या ने कांपते हुए कहा, “मुझे पता चला कि माफ़िया मुझे ढूंढ रहा था। मैं चाहती थी कि तुम मुझ तक पहले पहुँचो।”
तभी एक गोली रायान के पास से निकली, और वो ज़मीन पर गिर पड़ा। “रायान!” अहाना चिल्लाई।
अनन्या ने अहाना का हाथ पकड़ा। “अहाना, हमें भागना होगा!”
लेकिन अहाना ने रायान की ओर देखा, उसकी आँखें दृढ़ थीं। “नहीं, मैं उसे नहीं छोड़ूँगी।”
पुलिस की सायरन की आवाज़ गूंजी, और माफ़िया के बचे हुए लोग भागने लगे। लेकिन तभी अनन्या ने अहाना की ओर देखा और कहा, “अहाना, एक आखिरी सच बाकी है। वो मेमोरी चिप… उसमें मेरा नाम भी है।”
💥 To Be Continued…
अहाना ने अपनी बहन अनन्या को ढूंढ लिया, लेकिन रायान की चोट और मेमोरी चिप का आखिरी सच उसे फिर से खतरे में डाल रहा है।
मेमोरी चिप में अनन्या का क्या राज़ है?
क्या अहाना और रायान इस आखिरी जंग को जीत पाएँगे?
Part 27 में होगा:
अहाना का मेमोरी चिप के आखिरी सच की खोज।
रायान की ज़िंदगी की जंग।
एक ऐसा फैसला, जो इस कहानी को हमेशा के लिए खत्म कर देगा।
अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का आखिरी तूफ़ान आने वाला है।
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