जानवी :- पापा ! पापा । ये क्या , ये सब कैसे हो गया ?
अशोक :- कुछ नही बेटा मैं अभी बिल्कुल ठिक हूँ । ये अगर नही होता । तो आज मैं भी नही होता ।
अशोक आदित्य की और इशारा करके कहते है । जानवी आदित्य की और दैखती है । आदित्य का जबरदस्त पर्सेनालिटी दैखकर जानवी आदित्य को दैखती रह जाती है । जानवी आदित्य के पास जाती है और कहती है ।
जानवी :- थैंक्यू सो मच । तुम्हारे वजह से मेरे पापा सही सलामत है ।
आदित्य: - अपने पापा के लिए इतना प्यार है तो फिर उन्हें इतना दुख: क्यो देती हो ?
आदित्य की बात को सुनकर अशोक और मोनिका एक दम से हैरान हो जाता है ।
जानवी थोड़ी गुस्से से आदित्य से पूछती है ।
जानवी :- तुम कहना क्या चाहते हो ?
आदित्य: - तुम यहां पर तो भाग कर चली आई पर क्या यहां पर आकर तुमने अपने पापा से पूछा के उनको दिल का दौरा क्यों पड़ा ?
आदित्य से ये जानकर के उसके पापा को दिल का दौरा पड़ा था । जानवी एकदम से सहम जाती है । जानवी अपने पापा की और दैखती है और अशोक के पास जाकर कहती है ।
जानवी: - पापा , आपको दिल का दौरा पड़ा था । क्यों पापा ?
अशोक जानवी की बात का कोई जबाव नही देना चाहता था पर आदित्य अशोक से कहता है ।
आदित्य: - क्या हूआ सर ! बताओ ना इन्हें के आपको क्यो दिल का दौरा पड़ा था ।
आदित्य की बात पर अशोक फिर से हैरान हो जाता है , तभी जानवी अशोक से नाराज होकर कहती है ।
जानवी :- पापा । आप एक अनजान से इतना क्या कह दिया जो मुझे नही बता सकते । अब क्या मैं इतना बुरी हो गई आपके लिए ।
अशोक अब भी चुप था । तब आदित्य फिर कुछ कहना चाहता था पर तभी जानवी आदित्य पर भड़क जाती है और कहती है ।
जानवी : - देखो मिस्टर । तुमने मेरे पापा का जान बचाया उसके लिए मैने तुम्हें थेंक्यू बोल दिया है और अब मेरे और पापा के बिच बोलने की कोई जरुरत नही । तुम अब जा सकते हो और हां । तुम्हें ये जो चोंटे लगी है उसका बिल भी मैने पे कर दिया है। अब तुम जा सकते हो ।
अशोक आदित्य को इशारे से वहां से जाने के लिए कहता है । पर आदित्य अशोक के चुप रहने से बहोत हैरान था । आदित्य अब भी वही पर खड़ा था और फिर अशोक से कहता है ।
आदित्य: - ठिक है सर मैं चला जाता हूँ । पर पता है आज आपकी ये हालत क्यों है , ये सब आपके वजह से हो रहा है । और अगर आप ऐसे ही रहे तो आपको ये दिन दोबारा दैखना पड़ेगा । दिल की बात को दिल मे दबा के नही रखना चाहिए ।
जानवी :- क्या तुम अपनी बकवास बंद करोगे । तुम जानते नही तुम किसके सामने खड़े हो । ये मेरी तुम्हें लास्ट Warning है । अगर तुमने मेरे पापा की जान ना बचाया होता तो तुम्हें पता चलता के मैं कौन हूँ ।
आदित्य :- हेलो मेडम ये धमकी किसी और को देना । मुझे जो सही लगा वो मैने कहा , इनकी जो हालत है इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ तुम हो । ना तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ भागने की प्लानिंग करती और ना ये इनका हाल होता ।
आदित्य की बात को सुनकर जानवी एकदम से हैरान हो जाती है । उसे समझ मे नही आ रहा था के ये सब उसके पापा को कैसे पता चला । जानवी हैरानी से अपने पापा की और दैखती है ।
आदित्य: - किसी गैर के लिए तुम अपने पापा को छोड़ने पर तैयार हो । उस पापा को जिससे तुम्हारे जाने की बात पर ही दिल का दौरा पड़ गया । सोचो अगर तुम इन्हें छोड़ कर चली गई तो इनका क्या हाल होगा ।
आदित्य की बात को सुनकर जानवी चुप हो जाती है और अशोक की आंखो मे पानी आ जाता है । आदित्य अपनी बात को जारी रखते हूए कहता है ।
आदित्य: - मैं जानता हूँ के ये आपके घर का मामला है और मुझे ये सब नही कहना चाहिए पर मेडम जी । मेरी एक बात आप हमेशा याद रखऩा के एक पिता जो प्यार अपने बच्चो से करता है वो कोई और नही कर सकता । और अगर आप अपने पापा को दोबारा इस हाल मे नही दैखना चाहते तो प्लीज मेरी एक मान लो । के आप अपने पापा के सारे बात मान लो ।
जानवी :- तुम जानते क्या हो मेरे और विकाश के बारे मे । और तुम होते कौन हो मुझे ये बताने के लिए मैं उसे छोड़ दूँ । तुम जानते क्या हो विकास के बारे मे ।
आदित्य: - मुझे और कुछ जानने का जरुरत ही नही है । मैं इतने मे ही समझ गया के जब वो तुम्हारे पापा के सामने से तुम्हें भगाने और तुम्हारे 100 करोड़ ले जाने का बात करता हो वो किस टाईप का इंसान होगा ये मुझे और बताने की जरुरत नही है । उसने तुम्हें ये भी नही बताया के तुम्हारे पापा उसके सामने है ।
जानवी :- Get out from here . तुम्हारी हिम्मत कैसे हूई विकास के बारे मे ऐसा बोलने की । तुम हो क्या , तुम्हारी औकात क्या है ? एक फटीचर आदमी मुझे ज्ञान दे रहा है । तुम जानते हो विकाश कौन है । मैं कौन हूँ ?
अशोक :- जानवी । ये कैसे बात कर रही हो तुम ।
आदित्य I am sorry बेटा । इसकी तरफ से मैं तुमसे माफी मांगता हूँ ।
आदित्य: - it's ok sir , मैं समझ सकता हूँ । जब आपकी ऐसी हालत हूई तभी मैं समझ गया था के आपकी बेटी कैसी है ।
आदित्य के मुह से इतना सुनकर जानवी का गुस्सा सातवे आसमान पर था ।
आदित्य वहां से जाने लगता है । पर तभी अशोक आदित्य को पिछे से रोकते हूए कहता है ।
अशोक :- आदित्य ।
आदित्य अशोक की आवाज पर रुक जाता है और पिछे मुड़कर दैखता है ।
अशोक :- बेटा मुझे ऐसा क्यों लग रहा है के मैने तुम्हें कही देखा है । क्या हम इससे पहले कभी मिले है । किसी पार्टी या किसी बिजनेस मीटिंग मे ?
आदित्य: - नही सर । मैं ठहरा एक आम आदमी । मैं कहां बिजनेस मीटिंग या पार्टी मे मिलूगां सर ।
अशोक :- पर मैने कही तो दैखा है तुम्हें ।
आदित्य: - हो सकता है सर । देखा होगा कही रास्ते मे या कही और ।
तभी जानवी कहती है ।
जानवी :- क्या पापा अब इस बात के लिए इतना क्या सोचना । और वैसे भी ये ठिक ही तो बोल रहा है । ये कहां किसी बिजनेस मीटिंग या पार्टी मे होगा ।
अशोक :- पर बेटा ....!
आदित्य: - मेडम ठिक कह रही है सर । इन्हें आपसे ज्यादा पहचान है लोगो की । अच्छा अब मैं चलता हूँ ।
पर इतना बोलकर आदित्य वहां से चला जाता है ।
जानवी :- How dare he . इसकी हिम्मत कैसे हूई मुझसे इस तरह से बोलने ।
जानवी और कुछ कहती इससे पहले अशोक जानवी से कहता है ।
अशोक :- रुको जानवी । उसने क्या गलत कहा । सब सच ही कहा उसने । क्या उस विकाश ने तुमसे कहा के मैं वही पर हूँ । जब मैं वहां गया तब वो मुझसे कहता है के जब भी मुझे पैसो का जरुरत होता है तब मैं जानवी से अपनी माँ की बिमारी का बहाना करके उससे पैसा मांग लेता हूँ । और वो उसी पैसो से लड़कीयों को बुलाता है । और मुझसे कहता है के आप भी ........! आप भी इंजॉय करो आपका ही पैसो से आया है ।