अशोक :- बेटी जानवी । ये आदित्य कुछ अजीब सा नही है ।
जानवी :- मुझे तो कुछ अजीव नही लगा ऐसा उसमे । और आप फिर से उसके बारे मे सोचने लग गए ।
अशोक :- बात सौचनो वाली है बेटा । मुझे लगा , उसने भरत की नौकरी को और विद्युत जी के ऑफर को ऐसे छोड़ा जैसे उसे इन सब का कोई जरुरत ही नही है । जैसे वो कोई बहोत बड़ा रईस हो या रईस खानदान से हो ।
जानवी :- वो पागल है । वो अपने उसके एक्स को दिखाने के लिए ये सब किया । जिसके लिए वो हमेशा पछताएगा ।
अशोक :- पर मुझे तो उसमे कुछ बात दिखता है । वो आगे बहोत नाम कमाएगा । अगर ऐसे लड़के से तुम्हारी शादी कर दी जाए ।
जानवी :- O common papa . आप मेरे से इतना नफरत तो नही करते हो ना जो आप मेरी शादी उस बेकार लड़के से कराएगें ।
अशोक :- नही बेटा । पर मैं इस बात को लेकर सिरियस हूँ । मैं मजाक नही कर रहा हूँ ।
जानवी :- क्या ? आप मेरी शादी उस फटिचर से कराना चाहते हो ।
अशोक :- वो तुम्हारे उस विकाश से तो लाख गुना बेहतर है । और मुझे उम्मीद है के ये लड़का तुम्हारा बहोत ख्याल रखेगा । और आगे जाकर बहोत नाम कमाएगा ।
जानवी अशोक की बात पर गुस्सा जाती है और फिर कहती है ।
जानवी :- आप चाहे कुछ भी करो पर मैं अगर शादी करुगी तो सिर्फ विकास से और किसीसे नही ।
अशोक :- और मेरे जीते जी तुम्हारी शादी उस लंफगे विकाश से कभी नही हो सकता ।
जानवी :- तो फिर मेरी भी बात सुन लिजिए । अगर मेरी शादी विकास से नही हूआ तो मैं अपनी जान दे दूगीं या उसकी जान ले लूगीं। पर आपके पंसद के लड़के से कभी शादी नही करुगीं ।
इतना बोलकर जानवी वहीं से उठ जाती है और जाने लगती है के तभी जानवी से इस तरह की बात सुनकर अशोक के सिने मे फिर से दर्द उठना सुरु हो जाता है ।
अशोक अपनी छाती को पकड़ लेता है और वही पर निचे जमीन पर गिर जाते है । अशोक के गिरते ही जानवी भागकर चिल्लाती हूई अशोक के पास आती है ।
जानवी :- पापा ...! Someone call doctor . पापा , पापा आंखे खोलिए ना प्लिज ।
कुछ दैर बाद डॉक्टर अशोक का उसके घर मे चेकअप करता है तभी जानवी डॉक्टर से कहती है।
जानवी :- सब कुछ ठिक है ना डॉक्टर ?
डॉक्टर :- ये दवाईयां आप अभी मंगा लिजिए और आप जानवी जी मेरे साथ बाहर आईए ।
जानवी डॉक्टर के साथ बाहर आ जाती है ।
जानवी :- येस डॉक्टर क्या बात है ? पापा ठिक है ना ?
डॉक्टर :- नही जानवी । उनका तबियत अब ठिक नही है । मैने उस दिन ही कहा था के इन्हें किसी भी तरह का टेंशन नही देना है । अगर दोबारा इन्हें अटेक आई तो वो इनका आखिरी अटेक होगा। इस बात का जरा ध्यान रखना ।
इतना बोलकर डॉक्टर वहां से चला जाता है । जानवी डॉक्टर की बात को सुनकर परेशान हो जाती है । जानवी के पास अब अपने पापा के बात को मानने के अलावा और कोई चारा नही था । जानवी अब अपने पापा के लिए आदित्य से शादी करने के लिए मान जाती है । जानवी बाहर बैठकर बहोत सौचती है उसे अपना बचपन याद आता है ।
जब जानवी को एक बार चोट लग गई थी तो अशोक कैसे घबरा गया था । जानवी अपने बचपन के बातो को याद कपके रो रही थी । के उसके पापा ने उसको लिए कितना कुछ किया है । जानवी अपने पापा अशोक के पास जाती है और कहती है ।
जानवी :- पापा । अब कैसा लग रहा है ?
जानवी के बात का अशोक जबाव नही देता है और
अपना मुह दुसरी और घुमा लेता है । तभी जानवी फिर से कहती है ।
जानवी :- I am sorry papa . i love Vikash so much . i can't live without vikash . पर पापा मैं सबसे ज्यादा प्यार आपसे करती हूँ । आप ही मेरी सब कुछ हो । आपको कुछ हो गया तो मैं कैसे रहूँगी । पापा आपके लिए मैं विकाश को तो क्या पुरी दुनिया छोड़ सकती ों हूँ । आप जिससे बोलोगे , जहां बोलोगे । मैं उसी से शादी करूंगी । बस आप ठिक हो जाओ पापा ।
जानवी इतना बोलकर अशोक को पकड़कर रोने लगती है । अशोक अपनी बेटी जानवी को रोते दैखकर उसका दिल पसीज जाता है और जानवी के सर पर हाथ फेरते हूए कहता है ।
अशोक :- बेटा , मैं भी तुमसे बहोत प्यार करता हूँ । जब तु दो साल की थी तब तुने मुझसे एक बात पूछी थी के पापा आप सबसे ज्यादा प्यार किससे करते हो । तो मैने कहा था के तुमसे । फिर तुने मुझसे कहा के आप हमेशा ऐसे ही मुझे सबसे ज्यादा प्यार करोगे ? तो मैने कहा हा । उसके बाद मैने कोई और औलाद नही लिया । ताकी मैं हमेशा तुमसे सबसे ज्यादा प्यार करु । बेटे एक पिता हमेशा ये चाहेगा के उसकी बेटी की जिससे शादी हो वो उसे बहोत खुश रखे । मेरी तुमसे तो कोई दुश्मनी है नही के मैं तुम्हें दुख दूँ या तुमसे झुट बोलु । उस दिन विकास ने मेरे साथ जो किया वो मैने तुम्हें सब सच सच बता दिया । वो तुम्हारे लिए ठिक नही है बेटा ।
जानवी :- अब मुझे विकास के बारे मे कोई बात नही करनी पापा । आप जाओ और आदित्य से शादी की बात करो ।
जानवी की बात को सुनकर अशोक बहोत खुश हो जाता है । अशोक अपनी बेटी को अपने सिने से लगाता है और कहता है ।
अशोक :- दैखना बेटी , एक दिन तुम खुद आकर मुझसे कहेगी के पापा आपने मेरे लिए आदित्य को चुनकर सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है ।
ईधर आदित्य और उसके दोनो दोस्त आदित्य के घर जाने की बात कर रहे थे । क्योकी उसके मॉल की ओपनिंग कल थी ।
रमेश :- यार अब हमे दैर नही करनी चाहिए । चलो चलते है ।
आदित्य: - तुमने कल का सारा काम कर दिया ? सब याद करके आराम से करना क्योकी जल्दी का काम शैतान का होता है और अच्छे से सौच कर किया हूआ काम अच्छे से होता है ।
तभी वहां पर अशोक पहूँच जाता है ।
अशोक :- बिल्कुल ठिक कहा तुमने यंग मेन ।
अशोक के दैखकर सभी हैरान हो जाता है और अपने अपने जगह से खड़ा हो जाता है ।
अशोक :- ऐसे ही हिम्मत से काम करना होगा । पहले मैं भी एक गरीब फेमिली से था । और ऐसे ही स्ट्रगल कर रहा था । पर मैने हार नही मानी और आज दैखो मेरे पास सबकुछ है ।
आदित्य: - सर आप यहां ?
अशोक :- क्यों भाई , मुझे यहां नही आना चाहिए था क्या ?
आदित्य: - नही सर मेरा वो मतलब नही था ।
अशोक :- मुझे तुमसे मिलने का मन किया तो मैं आ गया ।
आदित्य: - आईए ना सर । बेठिए ।
अशोक वहां पर बैठ जाता है ।
आदित्य: - बोलिए सर , मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?
अशोक :- बेटा मुझे तुमसे एक मदद चाहिए । मैं कुछ चाहता हूँ और मुझे आशा है के तुम मुझे निराश नही करोगे ।
अशोक की बात को सुनकर आदित्य और उसके दोस्त सोच मे पड़ गए थे । के इतना बड़े आदमी को आदित्य से क्या चाहिए । तब आदित्य हल्की मुस्कान लिए कहता है ।
आदित्य: - जि सर कहिए , मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ।