Nazar Se Dil Tak - 15 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | नज़र से दिल तक - 15

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नज़र से दिल तक - 15

सुबह से ही आसमान में बादल घिरे हुए थे। अस्पताल के बाहर हल्की-हल्की फुहारें पड़ रही थीं।

Raj और Anaya आज किसी मेडिकल कैंप के सिलसिले में पास के गाँव गए थे।रास्ते में मिट्टी की खुशबू, हवा की ठंडक और उन दोनों के बीच पसरा हुआ अजीब-सा सन्नाटा — सब कुछ जैसे कुछ कह रहा था।

“लगता है बारिश तेज़ होने वाली है,” Anaya ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा।Raj ने हल्की मुस्कान दी, “हाँ… पर कभी-कभी ऐसी बारिश दिल के बोझ को भी हल्का कर देती है।

”Anaya ने उसकी तरफ देखा — उन आँखों में एक गहराई थी, जैसे Raj खुद भी कुछ कह देना चाहता हो, पर शब्दों में बाँध नहीं पा रहा।गाड़ी रुकी। दोनों उतरे।

कैंप में लोगों की भीड़ थी, बच्चों की हँसी, और बीच-बीच में आती बारिश की ठंडी बूंदें।Raj काम में डूब गया, पर जब भी वो मुड़कर देखता, Anaya की सादगी भरी मुस्कान उस पूरे माहौल को शांत कर देती।

कई घंटे बीते। शाम तक दोनों ने कई patients देखे। तभी तेज़ बारिश शुरू हो गई। सब जल्दी-जल्दी टेंट्स में घुस गए। Raj और Anaya भी एक छोटे से शेड के नीचे आ खड़े हुए।हवा में ठंड थी, पर उस पल में कुछ और भी था — एक अनकहा सुकून।

Raj ने पूछा, “थक गई?”Anaya ने सिर हिलाया, “नहीं… बस थोड़ा भीग गई।”उसकी पलकों से टपकती पानी की बूँदें Raj की नज़र में ठहर गईं।

वो पल कुछ ज़्यादा ही लंबा लगने लगा।कुछ देर दोनों चुप रहे, फिर Raj ने धीमे स्वर में कहा,“Anaya… तुम कभी सोचती हो कि कुछ बातें कहनी ज़रूरी होती हैं?

”Anaya ने चौंककर उसकी ओर देखा, “क्यों, आप कुछ कहना चाहते हैं?”Raj ने हल्की साँस ली, “कभी-कभी कहना आसान नहीं होता।

कुछ भावनाएँ अगर लफ़्ज़ों में आ जाएँ, तो शायद उनका जादू टूट जाए।”Anaya के होंठों पर हल्की मुस्कान आई। उसने धीरे से कहा —“शायद इसलिए कुछ नज़रों की बातों में ज़्यादा सच्चाई होती है।

”दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा — बारिश की आवाज़, हवा की ठंडक और दिलों की गर्माहट एक साथ घुल गई थी।Raj ने उसके कंधे पर हल्के से शॉल डाल दिया, “ठंड लग जाएगी।

”Anaya ने कुछ नहीं कहा, बस नज़रें झुका लीं। लेकिन उस नज़र में इतना कुछ था, जो शब्द कभी नहीं कह सकते थे।बारिश थमने लगी थी।

गाड़ी की खिड़कियों पर पानी की धारें अब धीमी पड़ चुकी थीं। Raj ने गाड़ी स्टार्ट की, मगर दोनों के बीच का सन्नाटा अब आराम देने वाला लग रहा था।

शहर लौटते वक्त Anaya खिड़की से बाहर देख रही थी — हर बूँद, हर झोंका जैसे उसी दिन की याद दिला रहा था।

रात को hostel पहुँचकर उसने diary खोली और लिखा —

 “आज कुछ लफ़्ज़ भीग गए, कुछ एहसास बह गए…पर जो उसकी नज़रों ने कहा, वो शायद उम्रभर याद रहेगा।”दूसरी तरफ Raj अपने cabin में बैठा सोच रहा था —“अगर ये feeling गलत है, तो इतनी सुकूनभरी क्यों लगती है?”दोनों के बीच अभी भी distance था — मगर आज, वो distance भी “दिल की धड़कनों” में बदल चुका था।


To Be Continued…

(कभी-कभी बारिश सिर्फ़ धरती को नहीं, दिलों को भी भिगो देती है… क्या ये भीगते एहसास अब किसी नए इकरार में बदलेंगे?)