💔 अधूरा इश्क़ — हिस्सा 4
आख़िरी अलविदा
लेखिका: नैना ख़ान
“कभी-कभी इश्क़ अधूरा नहीं होता,
बस वक्त पूरा नहीं होता…”
रात के गहरे सन्नाटे में समा बालकनी में खड़ी थी।
हवा में ठंडक थी, मगर उसके अंदर एक अजीब सी गर्मी — बेचैनी की, दर्द की, और शायद मोहब्बत की भी।
फोन उसके हाथ में था, स्क्रीन बंद, मगर दिल में हजारों सवाल।
तीन दिन हो गए थे — यूसुफ का कोई मैसेज नहीं आया था।
समा के अंदर जैसे किसी ने दीवार खड़ी कर दी थी।
वो चाहती थी सब खत्म हो जाए,
मगर वो ये भी चाहती थी कि कुछ खत्म न हो।
🌙 ख़ामोशी का वज़न
रात को बिस्तर पर लेटे हुए समा ने आँखें बंद कीं।
उसे याद आया, यूसुफ ने आख़िरी बार क्या लिखा था —
“Tum meri dua thi, meri kismet nahi.”
उस एक लाइन ने जैसे सब कुछ कह दिया था।
समा ने खुद से कहा —
"शायद यही बेहतर है… अब और नहीं।"
मगर अगले ही पल उसका दिल बोला —
"अगर सब खत्म था तो दर्द क्यों बाकी है?"
वो उठी, पानी का गिलास लिया, मगर घूंट नीचे नहीं गया।
वो अपने भीतर डूबती चली गई —
उसकी यादों के समंदर में।
🌧️ यादों का सैलाब
वो पहली मुलाकात…
कोचिंग सेंटर की सीढ़ियाँ, जहाँ यूसुफ हर दिन उसी समय खड़ा होता।
वो छोटी-सी मुस्कान, वो हल्की सी नज़र…
किसी को पता भी नहीं चला, कब दोस्ती मोहब्बत में बदल गई।
उसे याद आया वो दिन, जब यूसुफ ने उसे कहा था —
“समा, अगर कभी खो जाऊँ… तो ढूंढना मत,
क्योंकि शायद मैं वहीं रह जाऊँगा जहाँ तुमने छोड़ा था।”
और सच में — वो वहीं रह गया था।
🌅 सुबह का फैसला
सुबह समा ने तय कर लिया —
वो सब कुछ खत्म कर देगी, हमेशा के लिए।
वो नहीं चाहती थी कि एक पुराना रिश्ता उसकी आज की दुनिया को तोड़ दे।
उसने मोबाइल उठाया, चैट खोली।
यूसुफ की चैट सबसे ऊपर थी,
और आख़िरी मैसेज अब भी चमक रहा था।
उसने टाइप किया —
“Yusuf, mujhe maaf kar dena.
Main tumse mohabbat karti thi, lekin ab meri duniya meri zimmedari hai.
Agar hum milte bhi, to shayad waqt humare haq mein nahi hota.”
उसने वो मैसेज भेज दिया।
फिर चैट डिलीट की।
और खुद को समझाया — “बस, अब ख़त्म।”
मगर क्या सच में ख़त्म हुआ था?
🌤️ यूसुफ की तरफ़ से
उधर, यूसुफ उस सुबह अपने ऑफिस में बैठा था।
कॉफी का कप ठंडा हो चुका था,
स्क्रीन पर क्लाइंट की डिज़ाइन खुली थी,
मगर उसकी नज़र बस मोबाइल नोटिफ़िकेशन पर थी।
जब समा का मैसेज आया,
वो देर तक उसे पढ़ता रहा।
हर शब्द ने दिल में जैसे छुरी घोंप दी।
वो मुस्कुराया —
वो मुस्कान जो सिर्फ़ दर्द से पैदा होती है।
फिर उसने जवाब लिखा —
“Sama, main samajh gaya.
Tumhara sukoon meri khwahish se zyada zaroori hai.
Main dua karta hoon, tumhara har din woh ho jaisa tum chahti ho.
Bas ek baat yaad rakhna —
main kabhi ‘miss’ nahi karunga tumhe,
kyunki tum kabhi gayi hi nahi.”
और भेज दिया।
🌙 टूटे दिल की शांति
रात को समा ने वो मैसेज पढ़ा,
आँखों से आँसू बहते रहे, पर चेहरा शांत था।
पहली बार, उसे लगा कि शायद मोहब्बत सिर्फ़ मिलना नहीं होती।
कभी-कभी मोहब्बत छोड़ देने में भी होती है।
उसने आसमान की तरफ देखा,
चाँद पूरा था — जैसे खुदा ने कहा हो,
"अब तुम्हारी कहानी पूरी है, भले ही साथ नहीं।"
🌸 कुछ साल बाद
वक़्त बीता।
समा अब पहले से ज़्यादा मज़बूत हो चुकी थी।
बच्चे बड़े हो रहे थे,
ज़िंदगी अपनी रफ़्तार में चल रही थी।
एक दिन वो बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट के लिए पुराना लैपटॉप खोल रही थी।
फाइल्स के बीच एक फ़ोल्डर था — “Old Memories”
उसने क्लिक किया।
अंदर एक फोटो थी —
कोचिंग सेंटर की ग्रुप पिक्चर…
वही तस्वीर जिसमें यूसुफ पीछे खड़ा मुस्कुरा रहा था।
समा देर तक उस स्क्रीन को देखती रही।
फिर धीरे से मुस्कुराई —
“कुछ चेहरे वक़्त नहीं मिटा पाता…”
उसने फोटो को देखा,
हाथ से स्क्रीन छुआ, और कहा —
“तुम ठीक होगे न, Yusuf?”
फिर उसने लैपटॉप बंद कर दिया।
वो मुस्कुराई, जैसे किसी ने दिल के ज़ख्म पर मरहम रख दिया हो।
💫 यूसुफ की कहानी
दूसरी तरफ, यूसुफ अब एक छोटे शहर में रहने चला गया था।
उसने अपना स्टूडियो खोला — “Aadhura Creations”
लोग पूछते — “नाम इतना अजीब क्यों?”
वो मुस्कुराकर कहता,
“क्योंकि कुछ कहानियाँ अधूरी रहकर ही खूबसूरत होती हैं।”
कभी-कभी वो देर रात तक काम करते हुए चाय का प्याला लेकर बालकनी में जाता,
आसमान देखता और कहता —
“तुम खुश रहो, Sama.
तुम्हारी खुशियाँ मेरी मोहब्बत की सबसे बड़ी जीत हैं।”
और फिर चुपचाप मुस्कुरा देता।
🌧️ मोहब्बत का सच
कहते हैं —
हर मोहब्बत को मुकम्मल होना ज़रूरी नहीं,
कुछ इश्क़ बस रूह का हिस्सा बनकर जीते हैं।
समा और यूसुफ की कहानी भी वैसी ही थी।
वो ना मिले, ना एक हुए,
मगर फिर भी एक-दूसरे का हिस्सा बन गए।
कभी किसी शेर में, किसी बारिश में, किसी धड़कन में —
वो दोनों अब भी जिंदा थे।
“वो अलविदा नहीं था,
बस ख़ामोशी में कहा गया एक वादा था —
कि चाहे वक्त बदल जाए,
यादें कभी नहीं बदलेंगी।”
(समाप्त — अधूरा इश्क़, हिस्सा 4)
✨ “कभी-कभी सबसे खूबसूरत मोहब्बत वही होती है,
जो अधूरी रह जाए।”
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