हम फिर से मिले मगर इस तरह
{ ऐपीसोड़ - 5 }
{ रूपाली मोहन }
अरुण बाहर से आकर स्टोरी पर फिर से काम करने लग जाता लेकिन काफी देर भी उसे कोई अच्छा आईडिया नही आता वो किस प्रकार की स्टोरी को डेवलप करे पर उसे कुछ सुझता ही नही और काफी वक्त ऐसे ही निकल जाता है, फिर उसके दिमाग मे उस लड़की रूपाली का ख्याल आता है, वो बार बार याद करने की कोशिश करता है कि उसे कहा देखा है, मगर उसे याद नही आता और रूपाली ने भी उसे असमंजस मे छोड़ दिया था अपने बारे मे कुछ ना बताकर .
अरुण सोचता है,,ऐसा क्या खूद को काम और शराब के नशे मे इतना झोक दिया की लोगो से दूर ही हो गया, उनकी शकले तक याद नही रहती मुझे पर ये लड़की जो भी है मे इसे अच्छी तरह जानता हूं , कही ये वो रोपाली नही नही वो कैसे हो सकती है, वो क्या करेगी इस जंगल मे,अगर हुई तो कैसे रोकूंगा खुद को इस दफा .
यूही उधेड़ बुन मे उलझा रहता है ऐसे ही दोपहर का वक्त हो जाता है और फिर वह अंगडाई लेकर उठता है अपने लिए खाने को कुछ बनाता है फिर खाना खाकर वो बाहर टहलने के लिए निकल जाता है और वह उसी तालाब की ओर पहुंचता है जहा उसने उस लड़की रूपाली से मिला था इस उम्मीद मे कि वह फिर उससे मुलाकात कर किलयर कर सके कि क्या ये वह रुपाली है फिर वह वही पत्थर की बेंच पर बैठ जाता है, और उसकी उम्मीद बेकार नही जाती वह लड़की फिर वहा आ पहुंचती है .
तुम सुबह से यही बैठे हो क्या ?उस आवाज को सुनकर वह जल्दी से पिछे गर्दन घूमाकर देखता है तो पिछे वही लड़की खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी, और मुस्कुराहट की साथ और ज्याद खुबसुरत लग रही थी वह उसे गोर से देखता है फिर उसकी बात का जवाब देता है .
अरुण,, नही अभी कुछ वक्त पहले आया हूँ यहा ,और आप यहा पर कैसे मिस रूपाली ?ओह आपको मेरा नाम याद है वेरी नाइस काफी अच्छी याददास मालूम पड़ती आपकी … रूपाली ने कहा .
याददास का तो पता पर अपका नाम भुलने वाला कहा मिस रूपली … अरुण ने उसकी आंखो मे देखकर जवाब दिया .
वो क्यू मिस्टर अरुण ? … रूपाली ने सवाल किया .
वो असल मे मेरी एक दोस्त का नाम भी रूपाली था वो मेरे साथ कॉलेज मे पढ़ती थी वो थोड़ी गोल मटोल थी मगर थी बहुत क्यूट कालेज मे उसे सभी कददू कहे कर पुकारते थे मगर मुझे वो हमेशा प्यारी लगती थी , वो दिल की बहुत अच्छी थी … अरुण रूपाली का वर्णन अपने शब्दो मे करते हुए कहा ताकी वह जान पाये कि क्या ये वही है .
क्या सच मै आपको प्यारी लगती थी ? … रूपाली ने उसकी आंखो मे देखकर ने भी सवाल किया .
अरुण उसकी सवाल सुनकर सोच मै पड़ जाता है कि उसने ऐसा सवाल क्यू किया वह जवाब देने ही वाला होता है कि तभी वह उसको गोर से देखता उसको ऊपर से नीचे तक तब जाकर उसके भाव बदल जाते है वह हैरान हो जाता है ये जानकर कि यह वाके ही वो ही रुपाली है .
ओ नो नो फकिंग नो, ` यू आर रुपाली मोहन `इट इज नोट पोसीबल , ये कैसे हो सकता है ? तुम्हारा बड़ा चश्मा , तुम्हारी बीग साईज बोड़ी और तुम्हारे करली बालो का गुच्छा कहा गायब हो गये , और तुम्हारा डेरेसिंग सेंस कितना बदल गया है यार रूपाली आई कांट बिलिव दिस, इट इस यू... अरुण ने रुपाली से हेरान होते हुए कहा .
रुपाली ने अरुण को यू आश्चार्य मे देखकर मुस्कुराने लगी वही अरुण उसको इस नये अवतार मे देखकर हैरान होकर अपना सर खुजाये जा रहा था .
क्यू तुम्हे अच्छा नही लगा मुझे नये अवतार मे देखकर ? ,मिस्टर लाईटर चोर … रूपाली ने हंसकर अरुण से पूछा .
जस्ट शर्ट अप कददू मेने लाईटर एक ही बार चुराया था मिस्टर मदन की पोकिट से और तुमने भी तो मेरी मदद की थी … अरुण ने कहा .
हा हा मैने भी मदद की थी चोरी करने मे तुम्हारी वो मोस्ट वल्यूबल चीज द स्मोकिंग के लिए, मगर तुम्हे मै अब भी कददू लगती हूं , यू आर वैरी बैड अरुण … रुपाली ने गुस्सा दिखाते हुए कहा .
ओ आई अम सोरी रूपाली , मेरी गलती है मानता हूं , मगर यू आर मोस्ट ब्यूटीफुल गर्ल नाओ , यू आर लूकिंग डिफरेंट , बट पहले यू वर वेरी क्यूट लाईक टेडी बियर . अरुण ने अपनी गलती मानते हुए कहा .
रुपाली को अरुण की बात सुन कर बड़ा अच्छा लगा है वह थोड़ा शरमाती है .
तुम लड़कियो का भी सही है थोड़ी तारीफ कर दो तो शर्माना शुरू हो जाता है , वैसे पहले सोचता था तुम्हारी तारीफ कैसे करू , अब तुम्हारे इस नये रूप मे तुम्हारी तारीफ करना थोड़ा आसान हो जायेगा मेरे लिए … अरुण ने रुपाली को छेड़ते हुए कहा .
हाऊ रूड यू आर अरुण , तुम कितने कमीने हो मै तुम्हे छोड़गी नही , अभी बताती हूं तुम्हे … रूपाली अरुण को पिटने के लिए उसकी तरफ बड़ी ,अरुण रुपाली से बचकर भागता है रूपाली उसके पिछे दोड़ लगा देती है अरुण एकाएक रूक जाता है तो रूपाली उससे टकराती है तो दोनो नीचे गिर जाते है , अरुण नीचे जमीम पर था और रुपाली अरुण के ऊपर थी तब दोनो की आंखे मिलती है और दोनो के दिल की धड़कने बड़ने लगती है दोनो का चेहरा एक दूसरे के करीब था दोनो की सांसे एक दूसरे की सांसो से टकरा रही थी दोनो कुछ वक्त के लिए इस लम्हे मे खाये थे, फिर रूपाली एक दम से उसके ऊपर से उठती है और उसको बाये बोलकर जल्दी से जाने लगती है , अरुण अभी तक उस अहसास से बाहर नही निकला था वह रूपाली को जाता हुआ देख रहा था फिर वह होश मे आता है तो तब तक रुपाली वहा से जा चूकि थी .फिर वह उस वुडन हाऊस मे वापस आ जाता है और अपनी स्टोरी पर काम करने लगता है अब उसके दिमाग मे कई तरह के आईडियास थे वो रुपाली की वजाह से थे या किसी और वजाह से लेकिन वह स्टोरी पर काम करने लगता है जो उसके लिए बहुत अच्छा था फिर वह रात का खाना खा कर अपने बेड़ पर लेट जाता है और रूपाली के ही बारे मे सोचता है कि वह अब कितना बदल गयी है पहले वह कैसी थी कालेज मे लेकिन अब कितना बदल गयी और कितनी खुबसुरत भी हो गयी हालकि वह रूपाली को पहले भी पसंद करता था भले ही वो उस वक्त कैसा भी दिखती थी , वो दिल की बहुत अच्छी इंसान थी उसकी सादगी ,उसका अपने आप को हमेशा पोशिटिव रखना और उसका लोगो का केयर करना उसे उस वक्त सबसे अलग बनाता था , इसी कारण वह उससे दोस्ती कर बैठा था
कहानी जारी है....✍️