Quotes by Bitu in Bitesapp read free

Bitu

Bitu

@bita


काफी वक्त के बाद गई थी वहां ,
B.A., M.A. की डिग्री की थी जहां।

अजनबी सा लगा वो शहर आज ,
दोस्तो के साथ घुमा करते थे जहां हर रोज ।

याद बहुत आई उन गलियों में उन दोस्तो की
जिनके साथ गलियों से भी हो गई हमें मोहब्बत थीं।

शहर वही था बस बाजार बदल गया ,
मैं भी वहीं हु बस वक्त बदल गया ।।

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कल परसों पास के कस्बे में हुआ हैं एक हादसा,
18 साल की मनीषा की कर दी बेरहमी से हत्या।

बिना आंख कान के गर्दन धड़ से अलग मिली ,
ना जाने किस जुर्म की बेचारी को सजा मिली ?

किसने मारी कैसे मारी ना कोई सुराख मिला ?
उस दरिंदे को कैसे क्या कोई मिलेगी सजा?

जिस दिन सुनसान रास्तों पर नारी महफूज होगी,
कसम से उस दिन नारी आजादी का पर्व मनाएगी।

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फरमाइश ये नहीं की मोहब्बत बेहद करो मुझसे ,
ख्वाइश इतनी है कि मोहब्बत
बेशक कम करो पर करो सिर्फ़ मुझसे ।

पर्वतों की घाटियों में
बर्फ की वादियों में
रेगिस्तान के टिब्बों में
मेघालय की बारिश में
बंगाल की खाड़ी में
मना रहे आजादी का जश्न
देश के हर कोने में
लहरा रहा तिरंगा हर घर पर
जय हिंद का नारा हैं जुबान पर
मां तुझे सलाम
वंदे मातरम ।।

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आया राखी का त्यौहार ,
भाई नहीं चाहिए मुझे कोई उपहार ।

हंसदा वसदा रहे तेरा संसार ,
छोटा हैं पर बड़ों जैसा करना आदर सत्कार ।

आते जाते रहना बेशक गिले शिकवे हो हजार,
तेरी कलाई पर सजाऊं राखी मैं हर बार।

करूं दुआ यही यूंही रहे रिश्ता हमारा बरकार,
हमेशा रहे महफूज तू कभी ना हो अपनी तकरार।

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तुम्हारे नजरअंदाज करने के
अंदाजे से अंदाजा लगाया मैंने ,

मेरा दिल कहता था की तेरे दिल में नहीं हु मैं
फिर भी मेरे दिल को नजरअंदाज किया मैंने ।

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छलकते जाम
बहकती जुबान
नशीली आंखें
बढ़ती सांसे
किसी की यादों में टूटा दिल,
इन सब के लिए बनी महफिल ।

आएगा तेरे नाम के साथ
मेरा नाम मैं इसी गुमान में थीं ,

सजी थी महफिल मेरे नाम की,
पर जाम किसी और के नाम की थी।

देखा जब गौर से तेरे हाथों में हाथ
गैरो का और मैं गुमनाम सी थीं ।

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चांद सितारे तोड़ कर लाने वाले
गुस्से में दो वक्त की रोटियां भी गिना देते हैं।

कहते हैं जिंदगी भर रोने नहीं दूंगा,
और मुझे रोता छोड़कर खुद चैन से सो जाते हैं।

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school Time में एक rough copy रखते थे
सभी किताबों का काम उसमें करते थे,
game खेलना, cartoon बनाने
होते तो उसी को आगे रखते थे।
भर जाती थी जब रद्दी में फेंक दिया करते थे।

same ऐसी ही life नारी की हैं ,
जो सारे घर की जिम्मेदारी उठाती हैं।
हंसी मज़ाक ताने tount सब बर्दाश्त करती है,
बच्चों को , घर को संभालते संभालते
खुद रद्दी जैसी बन जाती हैं।।

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