The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
ना सपने हकीक़त बने... ना पूरे हुए ख्वाब.. ना वादे पूरे हुए पर गुजर गया ये साल... देखो दिसम्बर फिर आगया जनाब... Bitu....
अच्छा लगता अगर तुम पकड़कर मेरा हाथ बैठाकर अपने पास कहते कुछ देर और बैठो ना मेरे साथ.... कभी पीछे से आकर सीने से लगाकर कहते मैं हु ना तेरे साथ... तकलीफ़ होती हैं जनाब जब जिंदगी के सफर में साथ होकर भी ना हो हमसफर साथ में....
बदल दिया तुमने मुझे जनाब खुद के हिसाब से.. कम से कम मोहब्बत तो करने देते मुझे मेरे हिसाब से... Bitu
सोचते हैं, लिखते हैं, मिटाते हैं, तब जाकर अल्फ़ाज़ मिलते हैं। जरूरी नहीं टूटे दिल वाले करे शायरी कभी कभार सांवली सूरत की सादगी पर भी खूबसूरत गजल बन जाते हैं Bitu....
जनाब हर दिन दिवाली जैसा होता हैं, जब महबूब साथ होता हैं। और जब तक ना हो उससे बात तब दिवाली भी नहीं लगती खास।। - Bitu
जब कोई मोहब्बत में महबूब को मानने लगे खुदा, तब खुदा अपना वजूद बचाने के लिए कर देता हैं उन्हें जुदा । - Bitu
बहुत भीड़ हैं इन मोहब्बत के रास्तों में, जो एक बार बिछड़ गया वो फिर कभी नहीं मिला... - Bitu
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser