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Abha Dave

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@daveabha6


गुरुनानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏

गुरुनानक (जन्म 15 अप्रैल 1469
निधन 22 सितम्बर 1539)

रीतिकाल के कवि/संत गुरु नानक जी ने समाज को एक नई दिशा प्रदान की। उनकी रचनाओं में ईश्वर को सर्वोपरि माना है और समाज को ईश्वर भक्ति की ओर प्रेरित किया गया है। गुरुनानक देव जी ने कई रचनाएं लिखी है । उनकी रचनाएँ 'गुरु ग्रंथ साहब में संग्रहीत हैं, जिनमें 'जपु जी अधिक प्रसिध्द है। गुरु-भक्ति, नाम-स्मरण, एकेश्वरवाद, परमात्मा की व्यापकता तथा विश्व-प्रेम इनके प्रमुख धार्मिक सिध्दांत हैं । उनकी जयंती पर सादर नमन करते हुए प्रस्तुत है उनकी कुछ रचनाएं 🙏🙏

1)जगत में झूठी देखी प्रीत।
अपने ही सुखसों सब लागे, क्या दारा क्या मीत॥
मेरो मेरो सभी कहत हैं, हित सों बाध्यौ चीत।
अंतकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत॥
मन मूरख अजहूँ नहिं समुझत, सिख दै हारयो नीत।
नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥

2)सब कछु जीवितकौ ब्यौहार।
मातु-पिता, भाई-सुत बांधव, अरु पुनि गृहकी नारि॥
तनतें प्रान होत जब न्यारे, टेरत प्रेत पुकार।
आध घरी को नहिं राखै, घरतें देत निकार॥
मृग तृस्ना ज्यों जग रचना यह देखौ ह्रदै बिचार।
कह नानक, भजु रामनाम नित, जातें होत उधार॥

3)काहे रे बन खोजन जाई।
सरब निवासी सदा अलेपा, तोही संग समाई॥१॥

पुष्प मध्य ज्यों बास बसत है, मुकर माहि जस छाई।
तैसे ही हरि बसै निरंतर, घट ही खोजौ भाई ॥२॥

बाहर भीतर एकै जानों, यह गुरु ग्यान बताई।
जन नानक बिन आपा चीन्हे, मिटै न भ्रमकी काई॥३॥

4)राम सुमिर, राम सुमिर / नानकदेव

राम सुमिर, राम सुमिर, एही तेरो काज है॥

मायाकौ संग त्याग, हरिजूकी सरन लाग।
जगत सुख मान मिथ्या, झूठौ सब साज है॥१॥

सुपने ज्यों धन पिछान, काहे पर करत मान।
बारूकी भीत तैसें, बसुधाकौ राज है॥२॥

नानक जन कहत बात, बिनसि जैहै तेरो गात।
छिन छिन करि गयौ काल्ह तैसे जात आज है॥३॥

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आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🙏💐💐💐💐

करवाचौथ
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मेहंदी रचाई है हाथ में
पिया मन बसे साथ में
करवा चौथ का व्रत है
चाँद मुस्कुराया नाथ में।

प्रीत की रीत बड़ी निराली है
पिया के संग ही खुशहाली है
नयन ताकते साजन को ही
चाँदनी रात बड़ी मतवाली है।

रहता इंतजार इस रात का
ख्याल है हरेक बात का
चलनी से झाँकता है चाँद
मिलन अद्भुत सौगात का ।

आभा दवे
मुंबई

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सभी पाठकों का हार्दिक धन्यवाद मेरी रचनाओं को पढ़ने के लिए 🙏🙏

आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏

आज के दिन शमी के पत्तों और नीलकंठ का बहुत महत्व है। आज के दिन नीलकंठ देखना शुभ माना जाता है। जो सुख समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है जब श्रीराम रावण का वध करने जा रहे थे तो उसी दौरान उन्हें नीलकंठ के दर्शन हुए थे । यही वजह है कि नीलकंठ का दिखना शुभ माना गया है। आज के दिन अस्त्र -शस्त्र, वाहन, सरस्वती जी की पूजा की जाती है । दशहरे के बाद से ही दीवाली की तैयारी शुरू हो जाती है। बुराई की हार और अच्छाई की जीत का त्योहार जीवन को एक सीख देता है। सभी का जीवन सुख समृद्धि शांति से भरा रहे यही शुभकामनाएं हैं 🙏🙏

अभिनय
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मंच पर आज रामलीला का आखरी दिन था
राम को रावण करना था वध
राम और रावण दोनों आज बहुत खुश थे
राम के मुख पर मधुर हास्य था
रावण कर रहा अट्टहास था
पर दोनों को ये ज्ञात था
आज रावण मरेगा और राम विजयी होगे
राम बना पात्र बड़ा गर्व महसूस कर रहा था
आख़िर उसने अपना अभिनय द्वारा
राम बनने का सपना पूरा कर लिया
अब वो कहलायेगा हमेशा राम
उधर रावण बना पात्र मन ही मन
मुस्कुरा कर सोच रहा था
मैं ना होता तो राम आज किसका
करते वध
अब तो हरदम ही मैं रावण का किरदार निभाऊँगा
लोगों की नज़रों में रावण कहलाऊँगा
अभिनय द्वारा मैं भी अपना नाम कमाऊँगा
तभी दर्शकों ने जोर से चिल्लाया रावण को मारो
राम ने धनुष पर तीर चढ़ाया रावण को मार गिराया
परदा गिरा राम रावण दोनों गले मिले
उनका अभिनय रंग लाया
आज दोनों भाईयों को तकदीर ने एक को
राम तो एक को रावण बनाया ।

आभा दवे
मुंबई

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