The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
ज़िंदगी कभी जिया नहीं बेईमानी के साथ ज़िंदगी बिताई रब की मेहरबानी के साथ जो भी मिला उस पर मैं शुक्र बजाता रहा किरदार सच्चा निभाया हर कहानी के साथ
मोती महंगे होते हैं जो गंवाए नहीं जाते अपने तो अपने होते जो चाह कर भी भुलाए नहीं जाते - DINESH KUMAR KEER
माना कि सादगी का दौर नहीं है पर सादगी से अच्छा कुछ और नही है। - DINESH KUMAR KEER
ख़ैर कोई बात नहीं इतना तो चलता है, हर किसी को इश्क़ थोड़ी मिलता है... - DINESH KUMAR KEER
सुनो तुम.... ये जो नज़रों से बार बार चोट देते हो ना तुम... दर्द वहीं होता है जहां रहते हो तुम... - DINESH KUMAR KEER
चाहे कहने में सदियों की देरी हो तुम जब कहना, कहना मेरी हो... - DINESH KUMAR KEER
उसके शहर के आसमान पर चाँद, सितारे, बादल हैं मेरी आँखों से मुझको बस उसका चेहरा दिखता है। उसके पाँव की पायल मेरी कलम से लेकिन मँहगी है दौलत की जंजीरों में फँसके दोस्त! इश्क़ कहाँ ही टिकता है। - DINESH KUMAR KEER
प्रेम की गली में सब शराब लेकर आए थे हम बहुत खराब थे किताब लेकर आए थे - DINESH KUMAR KEER
कितनी नादान होती हैं न वो स्त्रियां उन्हें लगता है प्रेम के बदले प्रेम मिलेगा - DINESH KUMAR KEER
जहाँ तक मुमकिन था कहानी सुनाई गई, जब गला भर आया तो कलम उठाई गई? - DINESH KUMAR KEER
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser