Quotes by nidhi mishra in Bitesapp read free

nidhi mishra

nidhi mishra

@nidhimishra705356
(362)

कभी स्याही से वो आँसू लिख देता है,
कभी मुस्कान को मौसम बना देता है।
हर दर्द को लफ़्ज़ों में ढाल देता है,
हर ख़्वाब को सच में बदल देता है।

वो लेखक है — जो खामोशी को आवाज़ देता है,
जिसके शब्दों में पूरा आकाश रहता है।
कभी धूप की तरह तपता है उसका विचार,
कभी चाँदनी बनकर झरता है प्यार।

जब दुनिया सो जाती है, वो जगता है,
काग़ज़ों से बातें करता है, लिखता है।
कभी यादों के झोंके में बह जाता है,
कभी अपनी ही कहानी में खो जाता है।

उसकी कलम में इंद्रधनुष के सात रंग हैं,
हर शब्द में किसी आत्मा के संग हैं।
वो दुख को कविता बनाता है,
और टूटे सपनों को जीवन सिखाता है।

लोग कहते हैं — "बस कहानी है ये",
पर उसके लिए तो ये आत्मा की रवानी है ये।
हर अक्षर में एक साँस बसती है,
हर पंक्ति में एक दुनिया हँसती है।

वो किसी भीड़ में भी अकेला नहीं होता,
क्योंकि उसके शब्द उसके मेले होते।
हर लफ़्ज़ में उसकी पहचान झलकती है,
हर कविता में उसकी जान बसती है।

वो लेखक — जो खुद से संवाद करता है,
जो गिरकर भी सृजन में विश्वास करता है।
कभी टूटे शब्दों से ब्रह्मांड रच देता है,
कभी एक पंक्ति से इंसान बदल देता है।

उसकी कलम कोई साधारण चीज़ नहीं,
वो तो ईश्वर का एक उपहार है कहीं।
क्योंकि जो दुनिया देख नहीं पाती,
वो लेखक अपनी आँखों से दिखा देता है वहीं।

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"मर के भी दिल से ये प्यार न होगा कम…"

वक़्त की धूल उड़ जाएगी,
नाम भी एक दिन मिट जाएगा…
पर तू जिस दिल में बसा है,
वो दिल हर जनम में तुझसे मिल जाएगा।

तेरे बिना साँसें अधूरी सही,
पर तेरी यादें मुकम्मल हैं अब भी…
जिस पल तू मुस्कुराया था,
वो पल मेरी रूह में आज भी धड़क रहा है चुप-चुप सी।

मर जाऊँ तो क्या…
ये इश्क़ कोई जिस्म का किरायेदार नहीं,
ये तो वो रौशनी है,
जो क़ब्रों के अंधेरों में भी उजाला कर दे कहीं।

तू सोच भी नहीं सकता,
कि एक टूटी लड़की ने तुझसे कितना चाहा है…
वो जो कभी खुद को आईने में देखना नहीं चाहती थी,
वो आज खुद को तेरी नज़र से देखना सीख गई है।

तेरे बिना जी लूँगी शायद,
पर मर कर भी तुझसे जुदा न हो पाऊँगी…
क्योंकि मेरा नाम मिट सकता है,
पर दिल में लिखा ये प्यार… कभी नहीं।

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🌅 "मैं खुद अपनी सुबह हूं" 🌅

मुझसे मत पूछो
कि मेरी सुबह कौन लाएगा,
क्योंकि मैं खुद अपनी सुबह हूं —
अंधेरे में जलती एक लौ,
जो तूफानों से डरती नहीं,
उन्हें चीरकर चलती है।

कभी मेरी आंखों में आंसू होंगे,
तो कभी उन आंसुओं में उम्मीद चमकेगी।
कभी मेरी आवाज़ काँपेगी,
पर कभी उसी आवाज़ से
मैं दुनिया को हिला दूंगी।

जब लोग कहेंगे —
"ये तेरे बस की बात नहीं…"
तब मैं चुप रहूंगी नहीं,
बल्कि अपने काम से जवाब दूंगी —
एक-एक कोशिश से,
हर असंभव को संभव बना दूंगी।

मुझे पता है,
मेरे पास ना बड़ी डिग्रियाँ हैं,
ना कोई बड़ी पहचान,
पर मेरे पास है —
इरादा, आग, और वो वादा
जो मैंने खुद से किया है।

माँ कहती है —
"किचन सीख ले, शादी के लिए तैयार हो जा…"
पर मेरा दिल कहता है —
"पहले अपने सपनों की रसोई में
अपनी मेहनत की रोटियाँ सेंक!"

मैं सिर्फ़ किसी की बहू नहीं,
मैं किसी की प्रेरणा भी बन सकती हूँ।
मैं किसी के घर की दीवार नहीं,
मैं खुद का एक आकाश बन सकती हूँ।

मैं वो हूं —
जो बंद आंखों से भी रास्ता देख लेती है,
जो बिना सहारे भी
चट्टानों से लड़ लेती है।
मैं वो हूं जो
अपने आंसुओं से खुद को सींचती है,
और हर सुबह खुद को फिर से उगाती है।

आज अगर मेरे पास
एक कमरा, एक मोबाइल, और एक सपना है,
तो समझ लो —
मेरे पास पूरी दुनिया है।

मैं बिखरूंगी, फिर जुड़ जाऊंगी।
मैं थकूंगी, फिर मुस्कराऊंगी।
मैं रोऊंगी, फिर दौड़ूंगी।
क्योंकि मैं वो लड़की हूं —
जो अपने आँसुओं से
कहानी नहीं…
इतिहास लिखती है।

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एक अधूरा प्यार
तू मिला था चुपके से एक शाम के साये में बिना कहे दिल ने तुझे अपना जान लिया तेरे मुस्कुराने में जैसी सारी दुनिया बसी थी और मैंने हर एहसास में तेरा नाम लिया वो अधूरा सा रिश्ता वो अनकही सी दास्तान आज भी मेरे रूह में गूंजती है तेरी यादें अब मेरी आदत सी बन गई है बहुत डर है ना पास बस कहीं बीच में रह गया है आज तो पास नहीं है मेरी दुआओं में है और यहीं एक अधूरा प्यार की कहानी बनती है

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