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शिकायत थी अपनो से ! शिकायत से शिकायत थी ! शिकायतें वादा खिलाफ थीं! शिकायत अब रही नही ।। - Ruchi Dixit
मर गया ! ! काश वह जान पाती की क्या था?? - Ruchi Dixit
भावना है पर बोल नही ! आँसू है पर मोल नही !! - Ruchi Dixit
किसे मारेगी वो ! पैदा सबको उसी ने किया तो । शायद ! जो प्रेम से पुकारेगा । कहेगा माँ!!!! करेगी स्नेह , हृदय उसका उसी को दुलारेगा ।।- Ruchi Dixit
तेरी प्रर्थना के सिवाय कोई हल नही खुद कर सके कोई सामर्थ्य वह बल नही । प्रार्थना भी प्रार्थना से माँगनी होती है तुही अकेली वही , वही ज्योति है ।।🙏❤ - Ruchi Dixit
सब खत्म सा लगता है जब झूठ लगता है । - Ruchi Dixit
अनगिनत पत्थरों के बीच पड़ा एक पत्थर पड़ी नजर पत्थर पर पड़ी मार , जीवन के क्रम में , चली छैनिया और हथौड़े उस पर, प्राण बाहर लाने को , न हो रहा टस से मस जाने कौन सी छैनी -हथौड़ी करेगी उस शिला पर असर ..... -Ruchi Dixit
अलग - अलग मस्तक पर भिन्न -भिन्न मति ! भिन्न-भिन्न गति ।। -Ruchi Dixit
आज के समय मे समझाना बहुत रोचक प्रक्रिया है । समझना दुरूह । -Ruchi Dixit
मेरा हृदय रोया तेरी आँख में आँसू क्यों न आये ? जब आँखे रोई मेरी तेरे होंठ क्यों मुस्कुराये ? जब तु मुझसे जुदा न था तो मेरी हालत का तुझे पता क्यों न था ? खुद को सुनाया ! मुझे सुन पाया था क्या ? रुचि दीक्षित -Ruchi Dixit
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