hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • नगद व्यवहार

    आज सुबह से राधिका बहुत खुश थी। रक्षाबंधन मनाने वो आज मायके जा रही थी। तभी उसकी न...

  • चाह

    लेखिका- सिवसंकरी अनुवादक - डॉ लता रामचंद्रन वह अपनी आँखों को मूंदें उस लड़की की त...

  • विदेश में अपना देस

    “दीदी में मरना चाहती हूँ “ फातिमा ने दुखी हो कर कहा. फातिमा की उम्र लगभग 42 साल...

मेल - भाग 2 By Jitin Tyagi

सूरज दिनभर अपनी ड्यूटी करकर थक गया है। इसलिए उसने अपनी किरणों की समेटना शुरू कर दिया है। मौसम वैज्ञानिक इस स्थिति को शाम कहते है। जिसका बच्चों के लिए मतलब सिर्फ बाहर खेलने जाना है।...

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नगद व्यवहार By मानव सिंह राणा सुओम

आज सुबह से राधिका बहुत खुश थी। रक्षाबंधन मनाने वो आज मायके जा रही थी। तभी उसकी ननद आ गई राखी बांधने। मन ही मन कुसमुसा के रह गई राधिका। इनको भी अभी आना था।बस फिर हंसी ठिठोली के साथ...

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15 जनवरी By Krishna Kaveri K.K.

15 जनवरीकृष्णा सिंह कावेरी "के के"कहानी के पात्र , स्थान , संवाद और घटनाएं काल्पनिक है।"आज पूरे एक साल गुजर गए.. वो दिन आज भी याद है मुझे जिस दिन हर्ष (उम्र 24) ने गुड न्यूज दी थी।...

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आखिरी खत By piyush rai

कविता - अखिरी खतलेखक - पीयूष राय ️(प्यार️)•प्यार तो आपसे इतना है कि ताउम्र आपका इंतजार करूंगा,आप किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जाओगे उसके बाद भी मैं अपना कहूंगा।~पीयूष राय•प्यार या प्...

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मुझे कोई अफ़सोस नहीं By जॉन हेम्ब्रम

एक दिन मुझे मेरा एक दोस्त आकर कहता है "ये तू क्या फालतू की चीजें कर रहा है?" "ये तुम क्या कह रहे हो,तुम्हे कोई चीज़ नही पसंद इसका ये मतलब तो नही की वो फालतू है" मेने उसे गुस्से से...

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डबल सेलिब्रेशन By Deepak sharma

अतिथियों में सबसे पहले सलोनी आंटी आई हैं। साढ़े बारह पर। हालाँकि अपने विवाह की इस पच्चीसवीं वर्षगाँठ पर पापा ने इस क्लब में लंच का आयोजन एक से तीन बजे तक का रखा है। ’’पह...

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जिंदगी दो पल की – जियो जी भर के By Jas lodariya

नंदन वन में कुटकुट गिलहरी रहती थी। कुटकुट गिलहरी बहुत ईमानदार और बहुत मेहनती थी। वह जंगल के राजा शेर सिंह के यहाँ नौकरी करती थी, शेर सिंह ने उसे 10 बोरी अखरोट देने का वादा किया था।...

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शहर की साँज By Mehul Pasaya

शहर मे अगर सांज ना हो तो वो शहर कैसा,शहर मे अगर देर रात मे, और देर रात तक दंगे फसाद नही होंगे तो इस शहर का पुलिस स्टेशन कैसा, शहर मे अगर टहल ने वाले लोग ना हो तो शहर कैसा, वैसे ही...

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तस्वीर का सम्मान है इंसान का नहीं By Saroj Prajapati

"वाह बहुत ही सुंदर घर बनाया है तुमने नैना और उससे बढ़कर उसे सजाया है।""हां भई! देखने से ही वैभव झलक रहा है। लगता है दिल खोलकर खर्च किया है तुमने!"" अनीता, मेरा बरसों का सपना था कि...

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छोटा भाई By Shubh Tripathi

पैसे में इतनी ताकत है ना कि अगर तुम्हारे पास नही है तो तुम कुछ नही हो, वो एक कागज का टुकड़ा कुछ भी करवा सकता है, ये कहानी एक उस छोटे भाई की है जो समय की चोट को हर कदम हर मोड़ हर रास्...

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चाह By Latha Ramachandran

लेखिका- सिवसंकरी अनुवादक - डॉ लता रामचंद्रन वह अपनी आँखों को मूंदें उस लड़की की तस्वीर को मन ही मन देख रहा था. पिछले एक महीने से वह उस लड़की को याद कर रहा था, और अपने दिल के आईने में...

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विदेश में अपना देस By Arun Singla

“दीदी में मरना चाहती हूँ “ फातिमा ने दुखी हो कर कहा. फातिमा की उम्र लगभग 42 साल कद 5.5 रंग गेहुआ, चोडा माथा, भूरी आँखे, तीखी नाक शरीर भरा भरा था. वह बंगलादेश भारत के 4,156 किलोमीटर...

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बहुत कुछ बदल गया था! By Brajesh Kumar

आज वो फिर मिली। इतने सालों बाद, उसी पुराने बरगद के नीचे, यूं अचानक। मैं तो लाइब्रेरी से निकल कर किताब की दुकान पे कोई किताब देख रहा था। तभी एक जानी पहचानी आवाज़ मेरे कानों तक पहुंच...

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कोमल तुम्हारे लिए... By Lalit Rathod

कोमल तुम्हारे लिए... जब कोई अपना शहर छोड़कर चला जाता है, तब ना जाने क्यों समय भी उसके अभाव में रिसने लगता है। ऐसे समय में मुझे मौसम भी बदला हुआ प्रतीत होता है। रात को आसमान पर चमकी...

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जादुई तोहफ़ा - 5 - अंतिम भाग By जॉन हेम्ब्रम

अनुज पूरी शाम उस ताबीज़ के बारे में सोचता रहा। उसका मन इधर से उधर घूमता ही रहा।"क्या उसने सिर्फ मज़ाक में कहा था,या वाकई ऐसा कुछ है?" "क्या बात है छोटे मालिक?" उसे परेशान देखा उसके...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 20) By Kishanlal Sharma

62--त्रिया चरित्रश्वसुर दिन भर बड़बड़ाता रहता और खांस खांस कर कमरे को गंदा करता रहता।जिसे राधा को साफ करना पड़ता।पति दूसरे शहर मे नौकरी करता था।वह शनिवार को रात को आता और सोमवार की सु...

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सुनसान By Priyansu Jain

जुलाई महीने की सुबह 4 बजे मैं तैयार होके जूत्ते पहन कर घर से निकला। अँधेरा था, पर मेरा रोज़ का यही नियम था। जिम का रास्ता यहाँ से लगभग 4 किलोमीटर था। आसमान में बादल आये हुए थे और बू...

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….. कुछ ख्वाहिशें…. By Anup

ज़िन्दगी हर सू एक कहानी सी है , हर पल जाने कितना कुछ कहती है | समझना तो दूर, हम उसे एहसास भी नहीं करना चाहते | आज ही तो कहा था पत्नी ने कहीं साथ चलने को कहीं साथ घूमने को, मैंने वाद...

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बचपन का गुल्लक By praveen singh

मैं अपने कपडे को पैक कर रहा था | कल सुबह में ही  ४ बजे के करीब मेरी ट्रैन के आने का टाइम था| मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढाई के लिए दूसरे शहर को जाने वाला था | मुझे बहुत ख़ुशी थी की मै...

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प्यार इक्तर्फा By Piya

सुबह के 7 बजे थे मे बस अख़बार पढ़ते पढ़ते चाई का एक सिप लेने वाली थी की बारवाजे की घंटी बजी, ऊपर से आवाज भी दी " कोई है क्या plz help" आवाज किसी लड़के की थी दरवाजा खोला तो...., ये कनो...

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आई. सी. यू. By Shwet Kumar Sinha

रात्रि के तकरीबन ग्यारह बजे थे जब अस्पताल में उद्घोषणा हुई और मुझे आई सी यू में बुलाया गया। दरअसल पिताजी के सांस लेने में काफी तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें आई सी यू में भर...

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तेरी महिमा अपरम्पार …. By Piyush Goel

एक मध्यवर्गीय सेठ जी अपनी दुकान पर जा रहे थे, रास्ते में सड़क पर पड़े कागज को सेठ जी ने पता नहीं क्या सोच कर उठा लिया, सेठ जी ने कागज पढ़ा, सेठ जी दंग रह गए एक दम वापिस घर आए और सि...

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हीरे की अंगूठी…. By Piyush Goel

एक ३४-३५ साल के एक सज्जन बड़े ही सीधे साधे,लेकिन अपने सिद्धांत के पक्के थे, नौकरी की तलाश में शहर के बीच से गुज़रे जा रहे थे. रास्ते में एक मंदिर पड़ा, मत्था टेक कर जैसे ही आगे बढ़...

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ब्लाइंड डेट- अंतिम भाग By Jitin Tyagi

आने वाला शनिवार तक विकास ने जो ज़िन्दगी जी वो बेमतलब सी थी। पहले प्यार में मिले धोखे जैसी उसे कुछ होश नहीं था। कि वो क्या कर रहा हैं। वो घर पर होने के वक़्त सड़क पर होता और सड़क पर होन...

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गोरा और काला By S Sinha

                                                कहानी  - गोरा और काला    “ बेटे अब तो तेरी नौकरी भी लग गयी है और कम्पनी ने तुम्हें अच्छा फ्लैट भी दिया है  . तुम शहर में अकेले रह रह...

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आमजन से सत्ता के गलियारों तक By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ      मन में उबलते गुबार को, किसी ग़लत या सही बात की प्रतिक्रिया स्वरूप कागजों पर उतार देने के लिये गद्ध में सबसे छोटी विधा है 'लघु कथा. 'कोई...

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मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. By Piyush Goel

मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. एक दिन अचानक एक भिखारी सेठ जी की दुकान पर आया, सेठ ने जैसे ही भिखारी को पैसे दिए, भिखारी ने पैसे लेने से माना कर दिया नहीं साहेब मुझे पैसे नहीं मुझे ख...

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प्यार लफ्जों में कहां - 2 By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ा villa जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम नहीं ले...

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ईश्क में दर्द - 2 - अथर्व के घर आने की खुशी By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ी हवेली टाइप घर जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम...

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एक मृत पत्नी कि विडंबना । By Rubi Shukla

एक मृत पत्नी ने अपने पति को दिए हुए कुछ सलाह जो कठिन हृदय रख के हर एक पति पत्नी को पढ़ना और समझना चाहिए।नमस्कार दोस्तों, कहा जाता हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता...

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डिलीट इट By Sushma Tiwari

माही की नजर बार - बार घड़ी की ओर जाती और उसे लगता जैसे समय वहीं थम सा गया है। ये बीस मिनट का ऑफिस लंच ब्रेक उसे सदियों सा लगता जब अपने अंतर्द्वंद से निकल सबके सामने खुद को साझा करन...

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खड़ूस By Veena Vij

"जब देखो तुम फोन पर चिपकी रहती हो!" वैष्णवी के पास से गुजरते हुए मनोज खिजे हुए से बाहर वराण्डे की ओर चले गए। उसे लगा शायद वे उससे कुछ बात करने आए थे। वह व्हाट्सएप पर आज के कुछ मैसे...

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रोशनी.... By Lotus

2006 की ये कहानी है... रोशनी.. नागपूर के पास एक छोटा सा टाऊन बुटी बोरी ...रौशनी एक सहकारी स्कूल में पढती थी छोटी सी फेमिली थी रौशनी की मेरी मुलाकात रोशनी से स्कूल के पास हुई थी जब...

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किशोर अवस्था By Arun Singla

किशोर अवस्था सुबह 9 बजे हम अपनी कार से श्रीनगर के लिए निकल लिए थे. रशिम की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, वो रात भर सो भी ना सकी थी, वह सपनो में भी काश्मीर की सैर कर रही थी. देर सुबह उ...

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दोस्ती बचपन की By Sakshi Pandey

दोस्तों ,इस दोस्ती शब्द के कई पर्यायवाची होते जैसे सखा,मित्र,यार आदि। दोस्ती एक एहसास होता है। इस पृथ्वी पर एक दोस्ती एसी भी है जिसमें न किसी प्रकार की लालच,ईस्या होता है ,ओर वो है...

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परजीवी By Deepak sharma

बंगले के बोर्ड पर चार नाम अंकित थे : पति, बृजमोहन नारंग का; पत्नी, श्यामा नारंग का; बड़े बेटे, विजयमोहन नारंग का; और छोटे बेटे इन्द्रमोहन नारंग का। एजेंसी के कर्मचारी ने अपना पत्र ब...

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दो चिट्ठी By Ansh Sisodia

कहा जाता है कि अगर आप किसी से दूर जाओ तो प्यार बढ़ता है। अब यह बात कितनी सही है यह नही पता पर दूर जाना ही क्यों है......जैसा तुमने कहा था, वैसे ही यहाँ आकर तुम्हें यह एक और चिट्ठी ल...

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मार्ग-श्रान्त By Deepak sharma

विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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मेल - भाग 2 By Jitin Tyagi

सूरज दिनभर अपनी ड्यूटी करकर थक गया है। इसलिए उसने अपनी किरणों की समेटना शुरू कर दिया है। मौसम वैज्ञानिक इस स्थिति को शाम कहते है। जिसका बच्चों के लिए मतलब सिर्फ बाहर खेलने जाना है।...

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नगद व्यवहार By मानव सिंह राणा सुओम

आज सुबह से राधिका बहुत खुश थी। रक्षाबंधन मनाने वो आज मायके जा रही थी। तभी उसकी ननद आ गई राखी बांधने। मन ही मन कुसमुसा के रह गई राधिका। इनको भी अभी आना था।बस फिर हंसी ठिठोली के साथ...

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15 जनवरी By Krishna Kaveri K.K.

15 जनवरीकृष्णा सिंह कावेरी "के के"कहानी के पात्र , स्थान , संवाद और घटनाएं काल्पनिक है।"आज पूरे एक साल गुजर गए.. वो दिन आज भी याद है मुझे जिस दिन हर्ष (उम्र 24) ने गुड न्यूज दी थी।...

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आखिरी खत By piyush rai

कविता - अखिरी खतलेखक - पीयूष राय ️(प्यार️)•प्यार तो आपसे इतना है कि ताउम्र आपका इंतजार करूंगा,आप किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जाओगे उसके बाद भी मैं अपना कहूंगा।~पीयूष राय•प्यार या प्...

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मुझे कोई अफ़सोस नहीं By जॉन हेम्ब्रम

एक दिन मुझे मेरा एक दोस्त आकर कहता है "ये तू क्या फालतू की चीजें कर रहा है?" "ये तुम क्या कह रहे हो,तुम्हे कोई चीज़ नही पसंद इसका ये मतलब तो नही की वो फालतू है" मेने उसे गुस्से से...

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डबल सेलिब्रेशन By Deepak sharma

अतिथियों में सबसे पहले सलोनी आंटी आई हैं। साढ़े बारह पर। हालाँकि अपने विवाह की इस पच्चीसवीं वर्षगाँठ पर पापा ने इस क्लब में लंच का आयोजन एक से तीन बजे तक का रखा है। ’’पह...

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जिंदगी दो पल की – जियो जी भर के By Jas lodariya

नंदन वन में कुटकुट गिलहरी रहती थी। कुटकुट गिलहरी बहुत ईमानदार और बहुत मेहनती थी। वह जंगल के राजा शेर सिंह के यहाँ नौकरी करती थी, शेर सिंह ने उसे 10 बोरी अखरोट देने का वादा किया था।...

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शहर की साँज By Mehul Pasaya

शहर मे अगर सांज ना हो तो वो शहर कैसा,शहर मे अगर देर रात मे, और देर रात तक दंगे फसाद नही होंगे तो इस शहर का पुलिस स्टेशन कैसा, शहर मे अगर टहल ने वाले लोग ना हो तो शहर कैसा, वैसे ही...

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तस्वीर का सम्मान है इंसान का नहीं By Saroj Prajapati

"वाह बहुत ही सुंदर घर बनाया है तुमने नैना और उससे बढ़कर उसे सजाया है।""हां भई! देखने से ही वैभव झलक रहा है। लगता है दिल खोलकर खर्च किया है तुमने!"" अनीता, मेरा बरसों का सपना था कि...

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छोटा भाई By Shubh Tripathi

पैसे में इतनी ताकत है ना कि अगर तुम्हारे पास नही है तो तुम कुछ नही हो, वो एक कागज का टुकड़ा कुछ भी करवा सकता है, ये कहानी एक उस छोटे भाई की है जो समय की चोट को हर कदम हर मोड़ हर रास्...

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चाह By Latha Ramachandran

लेखिका- सिवसंकरी अनुवादक - डॉ लता रामचंद्रन वह अपनी आँखों को मूंदें उस लड़की की तस्वीर को मन ही मन देख रहा था. पिछले एक महीने से वह उस लड़की को याद कर रहा था, और अपने दिल के आईने में...

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विदेश में अपना देस By Arun Singla

“दीदी में मरना चाहती हूँ “ फातिमा ने दुखी हो कर कहा. फातिमा की उम्र लगभग 42 साल कद 5.5 रंग गेहुआ, चोडा माथा, भूरी आँखे, तीखी नाक शरीर भरा भरा था. वह बंगलादेश भारत के 4,156 किलोमीटर...

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बहुत कुछ बदल गया था! By Brajesh Kumar

आज वो फिर मिली। इतने सालों बाद, उसी पुराने बरगद के नीचे, यूं अचानक। मैं तो लाइब्रेरी से निकल कर किताब की दुकान पे कोई किताब देख रहा था। तभी एक जानी पहचानी आवाज़ मेरे कानों तक पहुंच...

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कोमल तुम्हारे लिए... By Lalit Rathod

कोमल तुम्हारे लिए... जब कोई अपना शहर छोड़कर चला जाता है, तब ना जाने क्यों समय भी उसके अभाव में रिसने लगता है। ऐसे समय में मुझे मौसम भी बदला हुआ प्रतीत होता है। रात को आसमान पर चमकी...

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जादुई तोहफ़ा - 5 - अंतिम भाग By जॉन हेम्ब्रम

अनुज पूरी शाम उस ताबीज़ के बारे में सोचता रहा। उसका मन इधर से उधर घूमता ही रहा।"क्या उसने सिर्फ मज़ाक में कहा था,या वाकई ऐसा कुछ है?" "क्या बात है छोटे मालिक?" उसे परेशान देखा उसके...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 20) By Kishanlal Sharma

62--त्रिया चरित्रश्वसुर दिन भर बड़बड़ाता रहता और खांस खांस कर कमरे को गंदा करता रहता।जिसे राधा को साफ करना पड़ता।पति दूसरे शहर मे नौकरी करता था।वह शनिवार को रात को आता और सोमवार की सु...

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सुनसान By Priyansu Jain

जुलाई महीने की सुबह 4 बजे मैं तैयार होके जूत्ते पहन कर घर से निकला। अँधेरा था, पर मेरा रोज़ का यही नियम था। जिम का रास्ता यहाँ से लगभग 4 किलोमीटर था। आसमान में बादल आये हुए थे और बू...

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….. कुछ ख्वाहिशें…. By Anup

ज़िन्दगी हर सू एक कहानी सी है , हर पल जाने कितना कुछ कहती है | समझना तो दूर, हम उसे एहसास भी नहीं करना चाहते | आज ही तो कहा था पत्नी ने कहीं साथ चलने को कहीं साथ घूमने को, मैंने वाद...

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बचपन का गुल्लक By praveen singh

मैं अपने कपडे को पैक कर रहा था | कल सुबह में ही  ४ बजे के करीब मेरी ट्रैन के आने का टाइम था| मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढाई के लिए दूसरे शहर को जाने वाला था | मुझे बहुत ख़ुशी थी की मै...

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प्यार इक्तर्फा By Piya

सुबह के 7 बजे थे मे बस अख़बार पढ़ते पढ़ते चाई का एक सिप लेने वाली थी की बारवाजे की घंटी बजी, ऊपर से आवाज भी दी " कोई है क्या plz help" आवाज किसी लड़के की थी दरवाजा खोला तो...., ये कनो...

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आई. सी. यू. By Shwet Kumar Sinha

रात्रि के तकरीबन ग्यारह बजे थे जब अस्पताल में उद्घोषणा हुई और मुझे आई सी यू में बुलाया गया। दरअसल पिताजी के सांस लेने में काफी तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें आई सी यू में भर...

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तेरी महिमा अपरम्पार …. By Piyush Goel

एक मध्यवर्गीय सेठ जी अपनी दुकान पर जा रहे थे, रास्ते में सड़क पर पड़े कागज को सेठ जी ने पता नहीं क्या सोच कर उठा लिया, सेठ जी ने कागज पढ़ा, सेठ जी दंग रह गए एक दम वापिस घर आए और सि...

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हीरे की अंगूठी…. By Piyush Goel

एक ३४-३५ साल के एक सज्जन बड़े ही सीधे साधे,लेकिन अपने सिद्धांत के पक्के थे, नौकरी की तलाश में शहर के बीच से गुज़रे जा रहे थे. रास्ते में एक मंदिर पड़ा, मत्था टेक कर जैसे ही आगे बढ़...

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ब्लाइंड डेट- अंतिम भाग By Jitin Tyagi

आने वाला शनिवार तक विकास ने जो ज़िन्दगी जी वो बेमतलब सी थी। पहले प्यार में मिले धोखे जैसी उसे कुछ होश नहीं था। कि वो क्या कर रहा हैं। वो घर पर होने के वक़्त सड़क पर होता और सड़क पर होन...

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गोरा और काला By S Sinha

                                                कहानी  - गोरा और काला    “ बेटे अब तो तेरी नौकरी भी लग गयी है और कम्पनी ने तुम्हें अच्छा फ्लैट भी दिया है  . तुम शहर में अकेले रह रह...

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आमजन से सत्ता के गलियारों तक By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ      मन में उबलते गुबार को, किसी ग़लत या सही बात की प्रतिक्रिया स्वरूप कागजों पर उतार देने के लिये गद्ध में सबसे छोटी विधा है 'लघु कथा. 'कोई...

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मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. By Piyush Goel

मुझे पैसे नहीं ख़ुशी चाहिये…. एक दिन अचानक एक भिखारी सेठ जी की दुकान पर आया, सेठ ने जैसे ही भिखारी को पैसे दिए, भिखारी ने पैसे लेने से माना कर दिया नहीं साहेब मुझे पैसे नहीं मुझे ख...

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प्यार लफ्जों में कहां - 2 By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ा villa जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम नहीं ले...

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ईश्क में दर्द - 2 - अथर्व के घर आने की खुशी By Nisha Rani

दूसरी तरफ बहुत बड़ी हवेली टाइप घर जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल एज की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम...

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एक मृत पत्नी कि विडंबना । By Rubi Shukla

एक मृत पत्नी ने अपने पति को दिए हुए कुछ सलाह जो कठिन हृदय रख के हर एक पति पत्नी को पढ़ना और समझना चाहिए।नमस्कार दोस्तों, कहा जाता हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता...

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डिलीट इट By Sushma Tiwari

माही की नजर बार - बार घड़ी की ओर जाती और उसे लगता जैसे समय वहीं थम सा गया है। ये बीस मिनट का ऑफिस लंच ब्रेक उसे सदियों सा लगता जब अपने अंतर्द्वंद से निकल सबके सामने खुद को साझा करन...

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खड़ूस By Veena Vij

"जब देखो तुम फोन पर चिपकी रहती हो!" वैष्णवी के पास से गुजरते हुए मनोज खिजे हुए से बाहर वराण्डे की ओर चले गए। उसे लगा शायद वे उससे कुछ बात करने आए थे। वह व्हाट्सएप पर आज के कुछ मैसे...

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रोशनी.... By Lotus

2006 की ये कहानी है... रोशनी.. नागपूर के पास एक छोटा सा टाऊन बुटी बोरी ...रौशनी एक सहकारी स्कूल में पढती थी छोटी सी फेमिली थी रौशनी की मेरी मुलाकात रोशनी से स्कूल के पास हुई थी जब...

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किशोर अवस्था By Arun Singla

किशोर अवस्था सुबह 9 बजे हम अपनी कार से श्रीनगर के लिए निकल लिए थे. रशिम की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, वो रात भर सो भी ना सकी थी, वह सपनो में भी काश्मीर की सैर कर रही थी. देर सुबह उ...

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दोस्ती बचपन की By Sakshi Pandey

दोस्तों ,इस दोस्ती शब्द के कई पर्यायवाची होते जैसे सखा,मित्र,यार आदि। दोस्ती एक एहसास होता है। इस पृथ्वी पर एक दोस्ती एसी भी है जिसमें न किसी प्रकार की लालच,ईस्या होता है ,ओर वो है...

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परजीवी By Deepak sharma

बंगले के बोर्ड पर चार नाम अंकित थे : पति, बृजमोहन नारंग का; पत्नी, श्यामा नारंग का; बड़े बेटे, विजयमोहन नारंग का; और छोटे बेटे इन्द्रमोहन नारंग का। एजेंसी के कर्मचारी ने अपना पत्र ब...

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दो चिट्ठी By Ansh Sisodia

कहा जाता है कि अगर आप किसी से दूर जाओ तो प्यार बढ़ता है। अब यह बात कितनी सही है यह नही पता पर दूर जाना ही क्यों है......जैसा तुमने कहा था, वैसे ही यहाँ आकर तुम्हें यह एक और चिट्ठी ल...

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मार्ग-श्रान्त By Deepak sharma

विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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