hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • नून-तेल

    हमारे मुहल्ले वाले दूसरे जन कुन्ती का उसके इसी नाम से जानते हैं मगर वहाँ रहने वा...

  • पत्थर के हो गये….

    दो दोस्त कुछ खोजते हुए जंगल में आगे बढ़ते जा रहे थे. अचानक जंगल में चार चोरों ने...

  • दो अज़नबी

    "दो अजनबी!" आज बारिश इतनी तेज थी कि रास्ते भी नजर नहीं आ रहे थे, मगर एक परेशान स...

मार्ग-श्रान्त By Deepak sharma

विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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बाल हठ By Deepak sharma

उन दिनों मेरे पिता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर थे और उस दिन मालिक का सोफा-सेट उसके मकान में पहुँचाने के लिए उनके ट्रक पर लादा गया था । मकान में उसे पहुँचाते समय उन्होंने...

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अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का By Piyush Goel

अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का … शाहगढ के तेजस्वी युवा ज्ञानी राजा घने जंगलों में घूमने के लिए निकल पड़े थकान बहुत हो गई थी अचानक उनकी नज़र एक सुंदर तलैया पर पड़ी राजा का मन तलैय...

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पैदल सेना By Deepak sharma

सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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पंख फैलाये उकाब By Deepak sharma

’’मदर सुपीरियर ने जीवणी हरेन्द्रनाथ को बुलाया है।’’ पाँचवी जमात को को हिन्दी पढ़ा रही सिस्टर सीमोर से मैंने कहा। हमारे कान्वेन्ट में लड़कियों के नाम उनके पिता...

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नून-तेल By Deepak sharma

हमारे मुहल्ले वाले दूसरे जन कुन्ती का उसके इसी नाम से जानते हैं मगर वहाँ रहने वाली हम लड़कियाँ उसे एक-एक करके तीन नाम तो दिए ही दिए रहीं: नून-तेल, लिली ओ’ ग्रेडी और इच्च-इच्च।...

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पत्थर के हो गये…. By Piyush Goel

दो दोस्त कुछ खोजते हुए जंगल में आगे बढ़ते जा रहे थे. अचानक जंगल में चार चोरों ने उन दोनो दोस्तों को घेर लिया , सब कुछ देने के लिए कहा उनमें से एक दोस्त चालाक था, तुरंत बोला भाइयों...

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दो अज़नबी By Surbhi Goli

"दो अजनबी!" आज बारिश इतनी तेज थी कि रास्ते भी नजर नहीं आ रहे थे, मगर एक परेशान सा पच्चीस- छब्बीस साल का लड़का जो एक पुराना सा स्कूटर लुढ़काते हुए बारिश के पानी में बुरी तरह भीगा हुआ...

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बंद घोड़ागाड़ी By Deepak sharma

अपनी दसवीं जमात के बोर्ड का सोशल स्टडीज का पर्चा खत्म करते ही मैं अपने कदम परीक्षा केंद्र के साइकिल स्टैंड की ओर बढ़ाती हूँ । तभी देखती हूँ दूर खड़ी मेरी एक सहपाठिनी एक अजनबी को मेरी...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) By Kishanlal Sharma

47--पागल"हमे पापा की सम्पत्ति में से कुछ नही मिलेगा",प्रवीणा बोली,"बाप के मरने के बाद सब कुछ उस पागल का हो जाएगा।"हरबंस के दो बेटियां प्रवीणा और रंजीता और एक बेटा बलवंत था।हरबंस की...

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तल-घर By Deepak sharma

’’पुत्तू को लौटाना पड़ेगा,’’ उस दोपहर डॉ. बृजलाल बिस्तर पर ऊँघने जा रहे थे जब उनकी पत्नी, कमला, न आन घोषणा की, ’’उसके हाथ में आज सुबह मैंने अपनी...

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दो मुँह हँसी By Deepak sharma

दो मुँह हँसी ’’ऊँ ऊँ,’’ सुनयन जगा है ।  बिजली की फुर्ती से मैं उसके पास जा पहुँचता हूँ । रात में उसे कई बार सू-सू करने की जरूरत महसूस होती है ।  ज...

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मरा मरा …. से राम राम ….. मोह मोह से ….ॐ ॐ…. By Piyush Goel

एक सेठ जी बड़े ही दयालु पूजा पाठ वाले इंसान थे. दूसरों की सेवा करना उनका जैसे अपना काम था सेठ जी का व्यापार भी बहुत बढ़िया था एक दिन जैसे ही सुबह सेठ जी पूजा के लिए तैयार हो रहे थे...

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तलाकशुदा बहू By पूर्णिमा राज

" अरे भइया सोहन , इहाँ गाँव मे सब कहाँ है कौउनो नजर नहीं आय रहा है। "" उ का बतई भई गाँव मा पंचायत लगी है। अपने बड़के काका के बेटवा ने शादी कर ली है। "" अरे भइया ई तो खुशी की बात है...

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भाभी जी घर पर हैं By S Sinha

कहानी - भाभी जी घर पर हैं “ अरे यार , इस खूसट मकान मालिक को डिपाजिट की रकम तीन दिन के अंदर न मिली तो हमलोगों को यह फ्लैट खाली करने के अलावा और भी कितना घाटा होगा सोचा है तुमलोगों न...

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पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी……. By Piyush Goel

दोस्त,ज़िंदगी में जब भी सुनहरा मौक़ा मिले उस अवसर को हाथ से जाने ना दो , इस कहानी के माध्यम से ये ही बताना की कोशिश की गई . एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे बड़े ही परोपकारी व प...

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दुख में ही भगवान को……… By Piyush Goel

दुख में ही भगवान को………बहुत पुरानी बात हैं,किशनगढ़ के राजा ने अपनी प्रजा की नियत के बारे में पता लगाने के लिए सेनापति को बुलाया और एक आदेश पारित किया की सुखो व दुखो की पोटलिया बनाकर...

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ईमानदारी का ईनाम….. By Piyush Goel

एक राहजन रहजनी करने के लिए दूर जंगल में रास्ता भटक गया. रास्ते में उस दूर एक व्यक्ति दिखाई दिया राहजन मन ही मन सोचने लगा चलो इस को लूटते हैं जैसे ही उसके पास पहुँचा जो भी तेरे पास...

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नवसृजन By praveen bhargava

"पूर्वी मुझे उम्मीद नहीं है कि, स्थिति जल्दी ठीक होने वाली है। क्यों न तुम कुछ दिन के लिए अपने घर चली जाओ? मैं भी गाँव चला जाता हूं, वहां खेती..." पूर्वी ने बात काट दी "वहां खेती क...

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दोस्त,जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना… By Piyush Goel

दोस्त जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना….सच्चा दोस्त- दोस्त ही होता हैं.दो दोस्त रोहित और दिव्य आपस में १०वी कक्षा तक कब पहुँच गए पता ही नहीं चला, दिव्य ने १०वी की परीक्षा प्रथम...

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आदत By R.KapOOr

सूचना : ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है व इसका जीवित यां मृत किसी भी व्यक्ति से कोई सम्बंध नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक इत्तेफाक है ।ये कहानी केवल पाठकों के मनोरंजन के लि...

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सोने की दस अँगूठियाँ …. By Piyush Goel

कुशागढ़ के राजा तेजस्वी अपनी प्रजा का बड़ा ही ख़याल रखते थे. समय समय पर अपनी प्रजा से मिलना और महीने में एक बार अपने दरबार में विशिष्ट नागरिकों को आमंत्रित करते थे प्रजा के उन लोगो...

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जेन ऑस्टिन - अंतिम भाग By Jitin Tyagi

घर में हुए इस कारनामे को एक महीना गुज़र चुका था। लेकिन बिगड़ी हुई व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं हुईं थी। और इस बिगड़ी हुई व्यवस्था की उथल-पुथल में निशा बड़ी शांत रहने लगी थी। उसका कॉलेज तक...

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अस्तित्व By Piya

रात के 3 बजे थे फिर भी मुझे नींद नहीं आ रही थी बस यही बत मुझे खाये जा रही थी की कल क्या होगा? ऐसे अनगिनत सवाल मेरे दिमाग़ मे अपना घर बनाये बैठे थे,वैसे देखा जाये तो हम घर मे सिर्फ 3...

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रोटी By Neelam Kulshreshtha

रोटी से रोटी तक जिन्दगी की दौड़ डॉ. लता अग्रवाल लघुकथा आज की समृध्द होती विधा है, जिसने अधिकांश लेखकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है | अपनी लघुता के साथ लघुकथा ने अपनी उपस्थिति द...

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साधक की साधना By Rajesh Maheshwari

साधक की साधना जबलपुर शहर में नर्मदा नदी के किनारे कुंडलपुर नामक कस्बे में एक प्रसिद्ध महात्मा जी अपने आश्रम में निवास करते थे। वे स्वभाव से बहुत मृदु, सरल और सबके प्रति परोपकार की...

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स्वप्नशास्त्र - अंगूठी की चमक By गायत्री शर्मा गुँजन

गर्मियों का मौसम है और धरती अंगारों की तरह तप रही है , पवन की गति भी आड़ी तिरछी यानी एक तरफ ना बहकर हवाएँ भी रुख बदल रही है ना जाने किस ओर से लू के थपेड़े पड़ जाए नहीं मालूम !अब शरद ठ...

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हजबां By Prabodh Kumar Govil

"हजबां" - प्रबोध कुमार गोविल तेज़ धूप थी। हेलमेट सुहा रहा था। क्या करें, कोई सरकारी नौकरी होती तो अभी आराम से सरकारी बिल पर चलते एसी में उनींदे से बैठे होते। या फ़िर घर का कोई व्या...

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आंसू सूख गए - 2 By LM Sharma

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का भी कोई अ...

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प्रकृति से सीखे सेहत का राज By Jatin Tyagi

अच्छे स्वास्थ्य की कामना सभी को होती है। हम सभी चाहते हैं कि स्वस्थ जीवन जिएं, कोई बिमारी न हो, किसी प्रकार के दवा खाने की जरुरत न पड़े। परंतु ऐसा होता नहीं है। अक्सर हम सभी बीमार...

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यहां पतली गली भी है By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “डिमॉनीटाइज़ेशन से देश का कितना फ़ायदा हुआ है,कितना ब्लैक मनी बर्बाद हो गया। “ भारत में सब जगह,अख़बारों में तो हल्ला है कि सरकार की डिमॉनीटाइज़ेशन स्कीम बिल...

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नीम का पेड़ (भाग 19) By Kishanlal Sharma

" सुंदर है।किसकी है?"फोटो देखकर रमेश बोला।"दूर के रिश्ते की मौसी की भतीजी की लड़की रेखा है।"रेखा के बारे में बताते हुए कमला बोली,"इससे तेरी शादी की बात चल रही है।""मेरी शादी,"मा की...

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पुकार By falguni doshi

पुकार - फाल्गुनी दोशी - 9 /04 /2022 धरती आज बहुत बेचैन थी | उसे तरह तरह की धीमी धीमी आवाज़े कानो में पड़ रही थी | उसने पुरे घर में घूम कर सब जगह देख लिया , कुछ समज नहीं आ रहा था | आव...

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अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम By राज कुमार कांदु

शहर में दंगा चरम पर था। कहीं से 'अल्लाहो अकबर ' का समवेत शोर उभरता तो कहीं से जोर जोर से ' जय श्री राम 'का गगनभेदी घोष वातावरण में गूँज उठता।टोलियों में घूमते दंगाइ...

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एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति By Lalit Raj

कॉलेज में जब रिया राज को न पाकर वो परेशान होने लगी थी काफी टाइम राज का इंतजार किया लेकिन राज नहीं आया,वैसे तो राज हर वार रिया को पिकअप करता और वो चारों एक साथ कॉलेज आते थे,लेकिन आज...

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MISERABLE NIGHT By Darshita Babubhai Shah

It would have been better if that one night had not come in my life. Only good until you know the truth. Sometimes the truth comes to life with storms and hurricanes and in one fel...

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काली रात By Darshita Babubhai Shah

एक रात जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। रात हर दिन की तरह थी लेकिन आज भयानक साबित हुई। भगवान को  भी आज गुस्से में महसूस किया। बार-बार माफी मांग रहा था। इसमें मेरा कोई दोष नहीं था। नि...

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एक मुलाक़ात ऐसी भी By Samriti

चारों तरफ़ बर्फ़ से ढकी दुकाने थी...उन दुकानो में एक दुकान किताबों की भी थी... जिसका दरवाज़ा हमेशा खुला रहता... और दुकान मे सामने ही एक लड़की हिजाब पहने बैठी दिखायी देती... जो दुका...

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सौगात By Deepak sharma

’सअ !’ रेलवे प्लेटफॉर्म एक पर अभी में पहुँचा ही था कि एक परिचित आवाज ने मुझे पुकारा। आयकर विभाग की केंद्रीय सेवा के अन्तर्गत चार साल मेरी जूनियर रोहिणी, मुझे ’सर&...

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सख़्तजान By Deepak sharma

दीपक शर्मा “आप की मां का फोन आया है,’’ सुबह के आठ बजने में पन्द्रह मिनट बाकी थे जब जौहरी परिवार की नौकरानी ने उनके वैवाहिक कक्ष पर दस्तक दी । उषा का मोबाइल मां के...

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MY DEAR TOILET - 1 By Suresh Pawar

MY DEAR TOILETWRITTEN BY SURESH PAWAR“लगे तो लगे भले किसी की बद्दुआ लगे लेकिन किसी की हमे आदत ना लगे।“इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल...

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कल तो गोविंद के गुण गाएंगे.. By SUNIL ANJARIA

कल तो गोविंद के गुण गाएगे…एक गाँव था। लहराते खेतों से हरा भरा, अपनी तरह से समृद्ध और आपस में मिलजुलकर रहने वाले गाम लोग।श्रावण के धार्मिक महीनेमें गांव में एक कथा रखी गई। कथाकार लो...

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एक रात ---जिसने मेरा जीवन बदल दिया By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव मन सदैव से ही सुख-दु:ख के झंझावातों से घिरा रहता है। अनेक प्रकार के संकल्प विकल्प उसे विचलित करते रहते हैं। विचारों की श्रंखला सदैव ही उसे जकड़े रहती है । अनेकों बार इस जकड़न...

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मार्ग-श्रान्त By Deepak sharma

विद्यावती निझावन किस विभं्रश घाटी में विचर रही थी? कहाँ थी वह? ये पर्दे उसने पहले कहाँ देखे रहे? कब देखे रहे? बयालीस साल पहले? या फिर पैंतालीस साल पहले? वह दरवाजा ढूँढ़ने लगी। सामने...

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बाल हठ By Deepak sharma

उन दिनों मेरे पिता एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर थे और उस दिन मालिक का सोफा-सेट उसके मकान में पहुँचाने के लिए उनके ट्रक पर लादा गया था । मकान में उसे पहुँचाते समय उन्होंने...

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अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का By Piyush Goel

अभी भी इंतज़ार हैं उन पारियों का … शाहगढ के तेजस्वी युवा ज्ञानी राजा घने जंगलों में घूमने के लिए निकल पड़े थकान बहुत हो गई थी अचानक उनकी नज़र एक सुंदर तलैया पर पड़ी राजा का मन तलैय...

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पैदल सेना By Deepak sharma

सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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पंख फैलाये उकाब By Deepak sharma

’’मदर सुपीरियर ने जीवणी हरेन्द्रनाथ को बुलाया है।’’ पाँचवी जमात को को हिन्दी पढ़ा रही सिस्टर सीमोर से मैंने कहा। हमारे कान्वेन्ट में लड़कियों के नाम उनके पिता...

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नून-तेल By Deepak sharma

हमारे मुहल्ले वाले दूसरे जन कुन्ती का उसके इसी नाम से जानते हैं मगर वहाँ रहने वाली हम लड़कियाँ उसे एक-एक करके तीन नाम तो दिए ही दिए रहीं: नून-तेल, लिली ओ’ ग्रेडी और इच्च-इच्च।...

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पत्थर के हो गये…. By Piyush Goel

दो दोस्त कुछ खोजते हुए जंगल में आगे बढ़ते जा रहे थे. अचानक जंगल में चार चोरों ने उन दोनो दोस्तों को घेर लिया , सब कुछ देने के लिए कहा उनमें से एक दोस्त चालाक था, तुरंत बोला भाइयों...

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दो अज़नबी By Surbhi Goli

"दो अजनबी!" आज बारिश इतनी तेज थी कि रास्ते भी नजर नहीं आ रहे थे, मगर एक परेशान सा पच्चीस- छब्बीस साल का लड़का जो एक पुराना सा स्कूटर लुढ़काते हुए बारिश के पानी में बुरी तरह भीगा हुआ...

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बंद घोड़ागाड़ी By Deepak sharma

अपनी दसवीं जमात के बोर्ड का सोशल स्टडीज का पर्चा खत्म करते ही मैं अपने कदम परीक्षा केंद्र के साइकिल स्टैंड की ओर बढ़ाती हूँ । तभी देखती हूँ दूर खड़ी मेरी एक सहपाठिनी एक अजनबी को मेरी...

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) By Kishanlal Sharma

47--पागल"हमे पापा की सम्पत्ति में से कुछ नही मिलेगा",प्रवीणा बोली,"बाप के मरने के बाद सब कुछ उस पागल का हो जाएगा।"हरबंस के दो बेटियां प्रवीणा और रंजीता और एक बेटा बलवंत था।हरबंस की...

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तल-घर By Deepak sharma

’’पुत्तू को लौटाना पड़ेगा,’’ उस दोपहर डॉ. बृजलाल बिस्तर पर ऊँघने जा रहे थे जब उनकी पत्नी, कमला, न आन घोषणा की, ’’उसके हाथ में आज सुबह मैंने अपनी...

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दो मुँह हँसी By Deepak sharma

दो मुँह हँसी ’’ऊँ ऊँ,’’ सुनयन जगा है ।  बिजली की फुर्ती से मैं उसके पास जा पहुँचता हूँ । रात में उसे कई बार सू-सू करने की जरूरत महसूस होती है ।  ज...

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मरा मरा …. से राम राम ….. मोह मोह से ….ॐ ॐ…. By Piyush Goel

एक सेठ जी बड़े ही दयालु पूजा पाठ वाले इंसान थे. दूसरों की सेवा करना उनका जैसे अपना काम था सेठ जी का व्यापार भी बहुत बढ़िया था एक दिन जैसे ही सुबह सेठ जी पूजा के लिए तैयार हो रहे थे...

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तलाकशुदा बहू By पूर्णिमा राज

" अरे भइया सोहन , इहाँ गाँव मे सब कहाँ है कौउनो नजर नहीं आय रहा है। "" उ का बतई भई गाँव मा पंचायत लगी है। अपने बड़के काका के बेटवा ने शादी कर ली है। "" अरे भइया ई तो खुशी की बात है...

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भाभी जी घर पर हैं By S Sinha

कहानी - भाभी जी घर पर हैं “ अरे यार , इस खूसट मकान मालिक को डिपाजिट की रकम तीन दिन के अंदर न मिली तो हमलोगों को यह फ्लैट खाली करने के अलावा और भी कितना घाटा होगा सोचा है तुमलोगों न...

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पाँच रुपये ने ज़िंदगी बदल दी……. By Piyush Goel

दोस्त,ज़िंदगी में जब भी सुनहरा मौक़ा मिले उस अवसर को हाथ से जाने ना दो , इस कहानी के माध्यम से ये ही बताना की कोशिश की गई . एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे बड़े ही परोपकारी व प...

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दुख में ही भगवान को……… By Piyush Goel

दुख में ही भगवान को………बहुत पुरानी बात हैं,किशनगढ़ के राजा ने अपनी प्रजा की नियत के बारे में पता लगाने के लिए सेनापति को बुलाया और एक आदेश पारित किया की सुखो व दुखो की पोटलिया बनाकर...

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ईमानदारी का ईनाम….. By Piyush Goel

एक राहजन रहजनी करने के लिए दूर जंगल में रास्ता भटक गया. रास्ते में उस दूर एक व्यक्ति दिखाई दिया राहजन मन ही मन सोचने लगा चलो इस को लूटते हैं जैसे ही उसके पास पहुँचा जो भी तेरे पास...

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नवसृजन By praveen bhargava

"पूर्वी मुझे उम्मीद नहीं है कि, स्थिति जल्दी ठीक होने वाली है। क्यों न तुम कुछ दिन के लिए अपने घर चली जाओ? मैं भी गाँव चला जाता हूं, वहां खेती..." पूर्वी ने बात काट दी "वहां खेती क...

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दोस्त,जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना… By Piyush Goel

दोस्त जीवन में एक सच्चा दोस्त ज़रूर कमाना….सच्चा दोस्त- दोस्त ही होता हैं.दो दोस्त रोहित और दिव्य आपस में १०वी कक्षा तक कब पहुँच गए पता ही नहीं चला, दिव्य ने १०वी की परीक्षा प्रथम...

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आदत By R.KapOOr

सूचना : ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है व इसका जीवित यां मृत किसी भी व्यक्ति से कोई सम्बंध नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक इत्तेफाक है ।ये कहानी केवल पाठकों के मनोरंजन के लि...

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सोने की दस अँगूठियाँ …. By Piyush Goel

कुशागढ़ के राजा तेजस्वी अपनी प्रजा का बड़ा ही ख़याल रखते थे. समय समय पर अपनी प्रजा से मिलना और महीने में एक बार अपने दरबार में विशिष्ट नागरिकों को आमंत्रित करते थे प्रजा के उन लोगो...

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जेन ऑस्टिन - अंतिम भाग By Jitin Tyagi

घर में हुए इस कारनामे को एक महीना गुज़र चुका था। लेकिन बिगड़ी हुई व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं हुईं थी। और इस बिगड़ी हुई व्यवस्था की उथल-पुथल में निशा बड़ी शांत रहने लगी थी। उसका कॉलेज तक...

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अस्तित्व By Piya

रात के 3 बजे थे फिर भी मुझे नींद नहीं आ रही थी बस यही बत मुझे खाये जा रही थी की कल क्या होगा? ऐसे अनगिनत सवाल मेरे दिमाग़ मे अपना घर बनाये बैठे थे,वैसे देखा जाये तो हम घर मे सिर्फ 3...

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रोटी By Neelam Kulshreshtha

रोटी से रोटी तक जिन्दगी की दौड़ डॉ. लता अग्रवाल लघुकथा आज की समृध्द होती विधा है, जिसने अधिकांश लेखकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है | अपनी लघुता के साथ लघुकथा ने अपनी उपस्थिति द...

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साधक की साधना By Rajesh Maheshwari

साधक की साधना जबलपुर शहर में नर्मदा नदी के किनारे कुंडलपुर नामक कस्बे में एक प्रसिद्ध महात्मा जी अपने आश्रम में निवास करते थे। वे स्वभाव से बहुत मृदु, सरल और सबके प्रति परोपकार की...

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स्वप्नशास्त्र - अंगूठी की चमक By गायत्री शर्मा गुँजन

गर्मियों का मौसम है और धरती अंगारों की तरह तप रही है , पवन की गति भी आड़ी तिरछी यानी एक तरफ ना बहकर हवाएँ भी रुख बदल रही है ना जाने किस ओर से लू के थपेड़े पड़ जाए नहीं मालूम !अब शरद ठ...

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हजबां By Prabodh Kumar Govil

"हजबां" - प्रबोध कुमार गोविल तेज़ धूप थी। हेलमेट सुहा रहा था। क्या करें, कोई सरकारी नौकरी होती तो अभी आराम से सरकारी बिल पर चलते एसी में उनींदे से बैठे होते। या फ़िर घर का कोई व्या...

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आंसू सूख गए - 2 By LM Sharma

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का भी कोई अ...

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प्रकृति से सीखे सेहत का राज By Jatin Tyagi

अच्छे स्वास्थ्य की कामना सभी को होती है। हम सभी चाहते हैं कि स्वस्थ जीवन जिएं, कोई बिमारी न हो, किसी प्रकार के दवा खाने की जरुरत न पड़े। परंतु ऐसा होता नहीं है। अक्सर हम सभी बीमार...

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यहां पतली गली भी है By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “डिमॉनीटाइज़ेशन से देश का कितना फ़ायदा हुआ है,कितना ब्लैक मनी बर्बाद हो गया। “ भारत में सब जगह,अख़बारों में तो हल्ला है कि सरकार की डिमॉनीटाइज़ेशन स्कीम बिल...

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नीम का पेड़ (भाग 19) By Kishanlal Sharma

" सुंदर है।किसकी है?"फोटो देखकर रमेश बोला।"दूर के रिश्ते की मौसी की भतीजी की लड़की रेखा है।"रेखा के बारे में बताते हुए कमला बोली,"इससे तेरी शादी की बात चल रही है।""मेरी शादी,"मा की...

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पुकार By falguni doshi

पुकार - फाल्गुनी दोशी - 9 /04 /2022 धरती आज बहुत बेचैन थी | उसे तरह तरह की धीमी धीमी आवाज़े कानो में पड़ रही थी | उसने पुरे घर में घूम कर सब जगह देख लिया , कुछ समज नहीं आ रहा था | आव...

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अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम By राज कुमार कांदु

शहर में दंगा चरम पर था। कहीं से 'अल्लाहो अकबर ' का समवेत शोर उभरता तो कहीं से जोर जोर से ' जय श्री राम 'का गगनभेदी घोष वातावरण में गूँज उठता।टोलियों में घूमते दंगाइ...

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एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति By Lalit Raj

कॉलेज में जब रिया राज को न पाकर वो परेशान होने लगी थी काफी टाइम राज का इंतजार किया लेकिन राज नहीं आया,वैसे तो राज हर वार रिया को पिकअप करता और वो चारों एक साथ कॉलेज आते थे,लेकिन आज...

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MISERABLE NIGHT By Darshita Babubhai Shah

It would have been better if that one night had not come in my life. Only good until you know the truth. Sometimes the truth comes to life with storms and hurricanes and in one fel...

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काली रात By Darshita Babubhai Shah

एक रात जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। रात हर दिन की तरह थी लेकिन आज भयानक साबित हुई। भगवान को  भी आज गुस्से में महसूस किया। बार-बार माफी मांग रहा था। इसमें मेरा कोई दोष नहीं था। नि...

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एक मुलाक़ात ऐसी भी By Samriti

चारों तरफ़ बर्फ़ से ढकी दुकाने थी...उन दुकानो में एक दुकान किताबों की भी थी... जिसका दरवाज़ा हमेशा खुला रहता... और दुकान मे सामने ही एक लड़की हिजाब पहने बैठी दिखायी देती... जो दुका...

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सौगात By Deepak sharma

’सअ !’ रेलवे प्लेटफॉर्म एक पर अभी में पहुँचा ही था कि एक परिचित आवाज ने मुझे पुकारा। आयकर विभाग की केंद्रीय सेवा के अन्तर्गत चार साल मेरी जूनियर रोहिणी, मुझे ’सर&...

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सख़्तजान By Deepak sharma

दीपक शर्मा “आप की मां का फोन आया है,’’ सुबह के आठ बजने में पन्द्रह मिनट बाकी थे जब जौहरी परिवार की नौकरानी ने उनके वैवाहिक कक्ष पर दस्तक दी । उषा का मोबाइल मां के...

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MY DEAR TOILET - 1 By Suresh Pawar

MY DEAR TOILETWRITTEN BY SURESH PAWAR“लगे तो लगे भले किसी की बद्दुआ लगे लेकिन किसी की हमे आदत ना लगे।“इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल...

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कल तो गोविंद के गुण गाएंगे.. By SUNIL ANJARIA

कल तो गोविंद के गुण गाएगे…एक गाँव था। लहराते खेतों से हरा भरा, अपनी तरह से समृद्ध और आपस में मिलजुलकर रहने वाले गाम लोग।श्रावण के धार्मिक महीनेमें गांव में एक कथा रखी गई। कथाकार लो...

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एक रात ---जिसने मेरा जीवन बदल दिया By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव मन सदैव से ही सुख-दु:ख के झंझावातों से घिरा रहता है। अनेक प्रकार के संकल्प विकल्प उसे विचलित करते रहते हैं। विचारों की श्रंखला सदैव ही उसे जकड़े रहती है । अनेकों बार इस जकड़न...

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