hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • निम्मो (भाग-4 अंतिम)

    कंटीन्यू पार्ट -4अपनी नाकामियों का कसुरबार अपनों को ही बना देना कहां तक सही है.....

  • दहेज (लघुकथा)

    विनायक बाबू के घर शादी की तैयारी बड़े ही धूमधाम से हो रही थी धीरे-धीरे मेहमान आ...

  • चुभन

    ये कहानी है अमृत नाम के लड़के की जिसको सभी प्यार से गुड्डा कहा करते थे| उसके परि...

निम्मो (भाग-4 अंतिम) By Deepak Bundela AryMoulik

कंटीन्यू पार्ट -4अपनी नाकामियों का कसुरबार अपनों को ही बना देना कहां तक सही है.. आज कल नहीं ये तो ज़माने से चला आ रहा है जिस तरह शाहिद ने और उसकी अम्मी ने अपनी खुद की नाकामी का कसूर...

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दहेज (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

विनायक बाबू के घर शादी की तैयारी बड़े ही धूमधाम से हो रही थी धीरे-धीरे मेहमान आ रहे थे कई प्रकार की उपहार से कमरा भरा दिखाई दे रहा था, लेकिन इस खुशी की माहौल में कभी-कभी विनायक ब...

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झूठी शान By Shubham Rawat

सन 1998, जहां भारत एक परमाणु देश बन चुका था। वहीं दूसरी तरफ निहारिका, 16 साल की लड़की, जिसकी शादी तय कर दी गई थी। निहारिका ने अभी-अभी आठवीं की परीक्षा पास करी थी और वह आगे की पढ़ाई...

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चुभन By Surbhi Singh

ये कहानी है अमृत नाम के लड़के की जिसको सभी प्यार से गुड्डा कहा करते थे| उसके परिवार में उसके अलावा उसके पिता, माँ और एक बड़ा भाई थे|उसके पिता नामी दवा कंपनी में काम करते थे और माँ...

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जितना ‘जतन’ उतना ‘पतन’ By Anil Patel_Bunny

“तो तू आ रही है ना इस संडे?” संजना ने पूछा।“ये में अभी से कैसे फाइनल कह सकती हूं?” कामिनी ने कहा।संजना और कामिनी कॉलेज के समय से पुरानी सहेलियां थी, वर्तमान समय मे दोनों एक कुशल गृ...

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दूसरा आखिरी पन्ना। By रामानुज दरिया

अब बात नहीं होती, न ही fb पर रात - रात भर चैट होती है। काफी दिन गुजर जाता है, न ही कोई मैसेज न ही कोई call। सब बन्द पड़ा है अगर एक तरफ से hello आ भी जाता है तो दूसरी तरफ से रिप्लाई...

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आज की द्रौपदी और सुभद्रा - 3 By आशा झा Sakhi

शुभी ने कुछ शंकाओं के साथ धवल का प्रेम स्वीकार कर लिया । धवल ने भी शुभी से वादा किया कि वो शुभी और अंशिका दोनों को खुश रखेगा। अब गतांक से आगे------- दो दिनों की खुमारी में शुभी के...

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सुनहरे भविष्य की कल्पना By Dev Borana

प्रो - देवाराम पटेलयह कहानी लेखक खुद सुना रहा है , लेखक कहता है कि गया था मैं शहर से गांव कुछ दिन बिताने । बहुत अच्छा भी लग रहा था...

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लाकेट By Mamta

लाकेट सामने पड़ी किताबों के ढेर में आँखे गड़ाए ,अपने गले के लाकेट को उँगलियो से नचाती सी ना जाने कब से खोयी थी कि अचानक सामने प्रिन्सिपल महोदया को सामने देखकर वह अचकचा कर उ...

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मुखौटा By Ratna Raidani

मुखौटा आज राजस्थान के एक छोटे से शहर में एक विशाल मंदिर का उदघाटन था। शहर के विख्यात उद्योगपति श्री हीराचंद जी की तरफ से इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। संगमरमर से बना नक्काशीदार...

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कागज By Shubham Rawat

मोहित को अपनी पढाई पूरी करे पाच साल हो चुके है और आज तक वो बेरोजगार है। वो हमेसा से पढाई में ठीक-ठाक रहा है ना ज्यादा होशियार ना ही कमजोर। उसके पास पहले डिवीजन की डिग्री है फिर भी...

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यादों की बारात By S Sinha

कहानी - यादों की बारात एक लम्बे अंतराल के बाद राज पटना आया था . लगभग बीस साल पहले पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर वह अम...

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360 डिग्री का कोण By Sneh Goswami

360 डिग्री का कोण मैं प्लेटफार्म पर खड़ी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी । गाड़ी करीब दो घंटे लेट थी और हमे यहाँ खड़े डेढ़ घंटा तो हो ही गया था सो इन्तजार करते करते बुरी तरह से थका...

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ज़िन्दगी का नाम दोस्ती By Vijay Raval

सोमवारसप्ताह का पहला दिन, बैसाख महीने की त्राहिमाम जैसी भीषण गरमी के प्रकोप से पसीने से लथपथ ऑफिस टाईम के पीक अवर्स की भीड़ को चीरते महात्मा सर्किल के पास सिटी बस के पीक-अप प्वाइंट...

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मतलबी दुनिया By Ganesh

दुनिया का क्या है दोस्त, आज तेरे साथ है, कल किसी और के साथ। वो बोलते है ना कि दुनिया गोल है, गोल नहीं, दुनिया मतलबी है। आज हर इंसान एक दूसरे को हराने में लगा है, हर द...

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खिलते पत्थर By Prabodh Kumar Govil

"खिलते पत्थर!" उन्हें इस अपार्टमेंट में आए ज़्यादा समय नहीं हुआ था। ज़्यादा समय कहां से होता। ये तो कॉलोनी ही नई थी। फ़िर ये इमारत तो और भी नई। शहर से कुछ दूर भी थी ये बस्ती। सब कु...

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अपेक्षाएं By Dr Sonika Sharma

मेहरोत्रा जी को रिटायर हुए अभी कुछ ही साल हुए है पर अभी भी वह अपने को पूरे दिन किसी न किसी काम में व्यस्त रखते है और अपनी लाइफ को भी नियमित रखते है वह पहले की तरह सुबह उठते है, समय...

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हार जीत - 2 By S Sinha

अंतिम भाग 2 - पहले अंक में आपने निर्मला और गरिमा के शर्त के बारे में और उनके साथ हुई दुर्घटना के बारे में पढ़ा . अब आगे पढ़ें इस शर्त का अंजाम क्या हुआ ....

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दरार By Monty Khandelwal

नरेंद्र के पिता ने नरेंद्र के फ्रेंड मोहित को बोलते हुए कहा आज तो नरेंद्र की शादी की बात करने के लिए लड़की वाले आ रहे हैं | मोहित इस बात को सुनकर बहुत ही खुश हुआ क्योंकि कुछ...

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मठोली By Rajesh Kumar

"मठोली" एक गरीब 12 वर्ष का लड़का जिसके माँ-बाप 4 वर्ष पहले उसे दुनिया में बेसहारा छोड़ गए। माँ-बाप की बीमारी ने एक सामान्य घर को तोड़ कर रख दिया बाद में वो भी नही रहे। रहने के लिए कोई...

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पागल – बंदूक सिंह By Mens HUB

पागल एक छोटे शहर और उसके दरोगा का किस्सा है जिससे 3 भागों में लिखा गया है इस किस्से का वास्तविक नाम ‘रामनगर’ या ‘दरोगा बन्दूक सिंह’ होना चाहिए था | परन्तु बहुत सोच विचार करने के पश...

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करवा चौथ की मेहंदी.. By Mahira Choudhary

(((सिंगल होना मुश्किल नहीं सिंगल होके सबको ये यकीन करवाना की हम सिंगल हैं बहुत मुश्किल है! हमारे साथ कुछ ऐसा होता है फॅमिली और जिगरी दोस्तों को ख़ुद भी बोल दे हमे इश्क़ है यकीन नही...

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भगवान बेचने वाला By Alok Mishra

भगवान ले लो .....भगवान, रंग-बिरंगे भगवान...., फैंसी भगवान..... ,भगवान ले लो...। हाथठेले वाला हाथठेले पर मूर्तियां सजा कर और जोर जोर से आवाज लगाता है। उसके भगवान बहुत...

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ग़लतफ़हमी भाग-3 (विरह के दिन) By रामानुज दरिया

देखो न , हर कोई आ गया मिलने, कौन रूठता नहीं है पर इसका मतलब ये थोड़ी होता है कि बीच राह में साथ छोड़ कर चला जाये ओ भी सिर्फ़ ग़लतफ़हमी की वजह से। रात भी आई और मिलकर चली गयी, आंखों से आँ...

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नन्हा फ़रिश्ता By zeba Praveen

सलमा आज के दिन का इंतज़ार कई सालो से कर रही थी, एक ऐसी ख़ुशी जिसने उसके घर को उजड़ने से बचा लिया, कई सालो से सूनी पड़ी...

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सम्पादक By राजेश ओझा

नीलेश अपने प्रथम लघुकथा संग्रह के कवर पेज को लेकर द्वन्द में था..तीन चार स्केच सामने विखरे पड़े थे..एक से बढ़कर एक..इसी में से एक फाइनल करना था.....

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एक शायराना सफ़र By Aksha

नजरो से नजर मिला कर जान ना सके,हाथ से हाथ मिलाकर नियति अपना ना सके,लफ्ज़ से लफ्ज़ प्यासे सागर का इरादा ना समझ सके,जिस्म से जिस्म का ये इत्तेफाक कभी दोहरा ना सके,रूह से रूह जोड़ कर...

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मोहब्बत By अनामिका

रात का घना अंधेरा छाया हुआ था UP के किसी रास्तें पर फुल्ल स्पीड से बाईक भागे जा रही थी वो बाईक एक शानदार घर के सामने खड़ी रहीबाईक लॉक कर के वो लड़का उतारा घर के भीतर जाते वक़्त उसक...

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घर है कहाॅं ? By Archana Singh

घर है कहाॅं ? माघ का महीना सुबह की धूप,...

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कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई By S Sinha

कहानी - कार अलाउएंस से एक्स्ट्रा कमाई गौतम और नरेश दोनों अच्छे मित्र थे .दोनों एक ही सरकारी कारखाने में अफसर पद थे . संयोगवश दोनों की स...

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लिखी हुई इबारत - 8 By Jyotsana Kapil

दंश बाबूजी ने बहुत उमंग व आतुरता से दरवाजे पर लगा घण्टी का बटन दबाया। सोच रहे थे, उन्हें अचानक सामने देखकर बिटिया कितनी खुश होगी। कितना समय हो गया उस...

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भगवान पे उजाला By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या सच में, उस दिन, मैंने भगवान पे उजाला कर दिया था ??हमारे शहर ग्वालियर और गुना के बीच एक जिला और पड़ता है, जिसे शिवपुरी के नाम से जानते हैं, शिवपुरी में प्रसिद्ध माधव रा...

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बैल-हैं-बैल By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- बैल-हैं-बैल...

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अनचाहा रिस्ता By Sunil Gupta

अनचाहा रिस्ता अपने पुराने मोबाइल पर वह कांपते हुए हाथों से टाइप कर रही थी, ' मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन...आप की बेरुखी ने मुझे ये कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया बस अब औ...

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आजाद परिंदा – आत्मनिर्भर By Mens HUB

नमिता सुबह 7 बजे ही ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी थी | ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला उसकी सहेली थी और विशेष तौर पर नमिता के अनुरोध पर ही ब्यूटी पार्लर इतनी सुबह खुला था | ब्यूटी पार्लर...

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रघुवन की कहानियां - आसमान से गिरे By Sandeep Shrivastava

रघुवन में पक्षियों के झुण्ड आसमान में कलरव करते हुए उड़ान भरते रहते थे| एक दूसरे को देखऐसे उड़ते जैसे कि कोई प्रतियोगिता चल रही हो| अलग अलग प्रजाति के पक्षी एक दूसरे को देख कर ऊँची ऊ...

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प्यार का फलसफा By S Sinha

कहानी - प्यार का फलसफा गर्मियों की शुरुआत थी .एक दिन शाम हम अपनी पत्नी के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे . मौसम कोई भी हो , चाहे गर्मी भी कितनी पड़ रही हो ,शाम के पांच और...

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मास्टर जी की धोती By Geeta Kaushik Ratan

माँ रोज़ सुबह सवेरे ही रतन को नहला-धुला कर तैयार करके बिठा देती। एक स्टील की डिबिया में चूरमा भरकर और साथ में घी में डूबी दो रोटी भी बाँधकर बस्ते में रख देती। साथ ही रतन के गले में...

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पंखेवाला (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

अप्रैल का महीना था चिलचिलाती धूप निकली थी बाहर गर्म हवाएं चल रही थी कही-कही कोई दूर यात्री छाता लेकर आते-जाते दिखाई दे रहे थे,तो कही वृक्षों की छाया में बैठे हुए राहगीर दिखाई दे जा...

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अनामिका By Sudheer Maurya

अनामिका ने शशांक का फोन कट करके मोबाईल बेड के सिरहाने तिपाई पर रख दिया और अपनी देह को बिस्तर पर ढीला छोड़ कर उसने अपनी आँखें मूँद ली। शशांक की अपन्तव से लबरेज बातो ने अनामिका के बिख...

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Motivational Shayari for students In Hindi By hardik Demo

Motivational Shayari In Hindi मैं तो मुसाफिर हूं चलता रहता हूं|मैं तो मुसाफिर हूं रास्ता ढूंढता रहता हूंमैं तो मुसाफिर हूं मंजिल ढूंढता रहता हूं लिखते लिखते पूरी किताब लिख डाली।पढ़...

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अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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निम्मो (भाग-4 अंतिम) By Deepak Bundela AryMoulik

कंटीन्यू पार्ट -4अपनी नाकामियों का कसुरबार अपनों को ही बना देना कहां तक सही है.. आज कल नहीं ये तो ज़माने से चला आ रहा है जिस तरह शाहिद ने और उसकी अम्मी ने अपनी खुद की नाकामी का कसूर...

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दहेज (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

विनायक बाबू के घर शादी की तैयारी बड़े ही धूमधाम से हो रही थी धीरे-धीरे मेहमान आ रहे थे कई प्रकार की उपहार से कमरा भरा दिखाई दे रहा था, लेकिन इस खुशी की माहौल में कभी-कभी विनायक ब...

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झूठी शान By Shubham Rawat

सन 1998, जहां भारत एक परमाणु देश बन चुका था। वहीं दूसरी तरफ निहारिका, 16 साल की लड़की, जिसकी शादी तय कर दी गई थी। निहारिका ने अभी-अभी आठवीं की परीक्षा पास करी थी और वह आगे की पढ़ाई...

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चुभन By Surbhi Singh

ये कहानी है अमृत नाम के लड़के की जिसको सभी प्यार से गुड्डा कहा करते थे| उसके परिवार में उसके अलावा उसके पिता, माँ और एक बड़ा भाई थे|उसके पिता नामी दवा कंपनी में काम करते थे और माँ...

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जितना ‘जतन’ उतना ‘पतन’ By Anil Patel_Bunny

“तो तू आ रही है ना इस संडे?” संजना ने पूछा।“ये में अभी से कैसे फाइनल कह सकती हूं?” कामिनी ने कहा।संजना और कामिनी कॉलेज के समय से पुरानी सहेलियां थी, वर्तमान समय मे दोनों एक कुशल गृ...

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दूसरा आखिरी पन्ना। By रामानुज दरिया

अब बात नहीं होती, न ही fb पर रात - रात भर चैट होती है। काफी दिन गुजर जाता है, न ही कोई मैसेज न ही कोई call। सब बन्द पड़ा है अगर एक तरफ से hello आ भी जाता है तो दूसरी तरफ से रिप्लाई...

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आज की द्रौपदी और सुभद्रा - 3 By आशा झा Sakhi

शुभी ने कुछ शंकाओं के साथ धवल का प्रेम स्वीकार कर लिया । धवल ने भी शुभी से वादा किया कि वो शुभी और अंशिका दोनों को खुश रखेगा। अब गतांक से आगे------- दो दिनों की खुमारी में शुभी के...

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सुनहरे भविष्य की कल्पना By Dev Borana

प्रो - देवाराम पटेलयह कहानी लेखक खुद सुना रहा है , लेखक कहता है कि गया था मैं शहर से गांव कुछ दिन बिताने । बहुत अच्छा भी लग रहा था...

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लाकेट By Mamta

लाकेट सामने पड़ी किताबों के ढेर में आँखे गड़ाए ,अपने गले के लाकेट को उँगलियो से नचाती सी ना जाने कब से खोयी थी कि अचानक सामने प्रिन्सिपल महोदया को सामने देखकर वह अचकचा कर उ...

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मुखौटा By Ratna Raidani

मुखौटा आज राजस्थान के एक छोटे से शहर में एक विशाल मंदिर का उदघाटन था। शहर के विख्यात उद्योगपति श्री हीराचंद जी की तरफ से इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। संगमरमर से बना नक्काशीदार...

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कागज By Shubham Rawat

मोहित को अपनी पढाई पूरी करे पाच साल हो चुके है और आज तक वो बेरोजगार है। वो हमेसा से पढाई में ठीक-ठाक रहा है ना ज्यादा होशियार ना ही कमजोर। उसके पास पहले डिवीजन की डिग्री है फिर भी...

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यादों की बारात By S Sinha

कहानी - यादों की बारात एक लम्बे अंतराल के बाद राज पटना आया था . लगभग बीस साल पहले पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर वह अम...

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360 डिग्री का कोण By Sneh Goswami

360 डिग्री का कोण मैं प्लेटफार्म पर खड़ी अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी । गाड़ी करीब दो घंटे लेट थी और हमे यहाँ खड़े डेढ़ घंटा तो हो ही गया था सो इन्तजार करते करते बुरी तरह से थका...

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ज़िन्दगी का नाम दोस्ती By Vijay Raval

सोमवारसप्ताह का पहला दिन, बैसाख महीने की त्राहिमाम जैसी भीषण गरमी के प्रकोप से पसीने से लथपथ ऑफिस टाईम के पीक अवर्स की भीड़ को चीरते महात्मा सर्किल के पास सिटी बस के पीक-अप प्वाइंट...

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मतलबी दुनिया By Ganesh

दुनिया का क्या है दोस्त, आज तेरे साथ है, कल किसी और के साथ। वो बोलते है ना कि दुनिया गोल है, गोल नहीं, दुनिया मतलबी है। आज हर इंसान एक दूसरे को हराने में लगा है, हर द...

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खिलते पत्थर By Prabodh Kumar Govil

"खिलते पत्थर!" उन्हें इस अपार्टमेंट में आए ज़्यादा समय नहीं हुआ था। ज़्यादा समय कहां से होता। ये तो कॉलोनी ही नई थी। फ़िर ये इमारत तो और भी नई। शहर से कुछ दूर भी थी ये बस्ती। सब कु...

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पागल – बंदूक सिंह By Mens HUB

पागल एक छोटे शहर और उसके दरोगा का किस्सा है जिससे 3 भागों में लिखा गया है इस किस्से का वास्तविक नाम ‘रामनगर’ या ‘दरोगा बन्दूक सिंह’ होना चाहिए था | परन्तु बहुत सोच विचार करने के पश...

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करवा चौथ की मेहंदी.. By Mahira Choudhary

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भगवान बेचने वाला By Alok Mishra

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एक शायराना सफ़र By Aksha

नजरो से नजर मिला कर जान ना सके,हाथ से हाथ मिलाकर नियति अपना ना सके,लफ्ज़ से लफ्ज़ प्यासे सागर का इरादा ना समझ सके,जिस्म से जिस्म का ये इत्तेफाक कभी दोहरा ना सके,रूह से रूह जोड़ कर...

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मोहब्बत By अनामिका

रात का घना अंधेरा छाया हुआ था UP के किसी रास्तें पर फुल्ल स्पीड से बाईक भागे जा रही थी वो बाईक एक शानदार घर के सामने खड़ी रहीबाईक लॉक कर के वो लड़का उतारा घर के भीतर जाते वक़्त उसक...

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दंश बाबूजी ने बहुत उमंग व आतुरता से दरवाजे पर लगा घण्टी का बटन दबाया। सोच रहे थे, उन्हें अचानक सामने देखकर बिटिया कितनी खुश होगी। कितना समय हो गया उस...

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बैल-हैं-बैल By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- बैल-हैं-बैल...

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आजाद परिंदा – आत्मनिर्भर By Mens HUB

नमिता सुबह 7 बजे ही ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी थी | ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला उसकी सहेली थी और विशेष तौर पर नमिता के अनुरोध पर ही ब्यूटी पार्लर इतनी सुबह खुला था | ब्यूटी पार्लर...

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अप्रैल का महीना था चिलचिलाती धूप निकली थी बाहर गर्म हवाएं चल रही थी कही-कही कोई दूर यात्री छाता लेकर आते-जाते दिखाई दे रहे थे,तो कही वृक्षों की छाया में बैठे हुए राहगीर दिखाई दे जा...

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अनामिका By Sudheer Maurya

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अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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