hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • लिखी हुई इबारत - 7

    श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई...

  • बेचारा

    #बेचारा एक वार बादशाह ने अपने राज्य के किसानों से बड़े जोर से किसानों की आय दोगुन...

  • ना उम्र की सीमा हो - 2

    भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की...

अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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लिखी हुई इबारत - 7 By Jyotsana Kapil

श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई थी, जिस पर, सभी के बीच व्याप्त आक्रोश को महसूस किया जा सकता था। कोलाहल के बीच मुखिया के पदार्पण के स...

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बेचारा By Rajesh Kumar

#बेचारा एक वार बादशाह ने अपने राज्य के किसानों से बड़े जोर से किसानों की आय दोगुनी करने का विगुल क्या फूंका। किसानों में अच्छे भविष्य की लहर दौड़ पड़ी। राजनैतिक गलियारों सहित गांव के...

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प्रेम की गति By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या उस दिन मैंने, प्रेम से प्रेम को, लिखवा दिया था ??उस दिन मेरे पास एक फ़ोन आया, उधर से वीरेंद्र सिंह भदौरिया जी बोल रहे थे, मैं उसे प्यार से वीरू कहता हूँ, मेरा भाई जैसा...

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लघुकथाएँ - 3 By Abha Dave

लघुकथाएँ /आभा दवे ----------------- 1)खुशी ----------दीपेश ने अपने पिताजी से फोन पर तुरंत शहर आने के लिए कहा ।आने का कोई कारण नहीं बताया और फोन रख दिया। दीपेश के पिताजी दीपेश क...

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ना उम्र की सीमा हो - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ........

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समाधीशाला By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- समाधीशाला...

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बेटी का अधिकार By Bhavna Patkar

बेटी का अधिकारसात सात बेटे हैं ,हमारे सातों के पास सर्वसुविधा युक्त घर हैं ,कारें हैं ,जमीनें हैं हम निश्चिंत हैं उनकी तरफ से ,बेटी भी आत्मनिर्भर है, ससुराल में सुख से है।पत्नी -हा...

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ग़लतफ़हमी। By रामानुज दरिया

Haa...y...eeee, कैसे हो आप, hello.....मैं ठीक हूँ आप बताओ कैसे हो, मैं भी ठीक हूँ, क्या हुआ...........?, No reply, अरे बोलो भी कुछ..................No reply, उसके बार बार आग्रह करन...

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फुलस्टॉप-ब्रेकअप डे By S Choudhary

उसने कहा-तुम्हे याद है हम पहले कितनी बाते करते थे,कितना टाइम एकसाथ गुजारते थे,कितना खुश रहते थे? मैं- हाँ याद है। वो-तो अब क्यों नही हम ऐसे रह सकते ? मैं-सब दिन एक जैसे नही रहते,पर...

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School Trip स्कूल टूर ख्वाहिश By navita

वो बचपन के दिन , स्कूल की वो यादे , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। वो दोस्तो से बातें, हर रोज की मुलाकाते , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। गांव का मेरा स्कूल, जहा लगती थी क्लास , वो प...

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क्या ठीक है? By Abha Yadav

एक ही इंसान से एक ही समय में प्यार और नफरत करना कितना हास्यास्पद है!लेकिन, ऐसा होता है-एक ही समय में एक ही इंसान से प्यार और नफरत. सच ही तो है-जब बाबू गलतफहमियों में घिरे हुए म...

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अधूरा खत By Sneh Goswami

अधूरा ख़त बन्ते का इंतजार करती करती सन्तो कोअब नींद आने लगी थी । उसका दिल किया कि चादर ओढ कर सो जाये पर कैसे सो सकती है । अभी तो बन्ते को आना था फिर उन्होंने रोटी खानी थी । उसके...

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कुछ खफ़ा सा हूँ खुद से जुदा सा हूँ By शुभेन्द्र सिंह संन्यासी

जब कभी हम को खुद पर गुस्सा आता है या खुद से ही नफरत हो जाती है तो हम फावड़ा उठाकर खेतो की तरफ चल देते है और तब तक काम करते है जब तक शरीर खुद न बोल पड़े अब तो रहने दे भाई क्या अब आज ह...

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छल... ! By Deepak Bundela AryMoulik

छल... !ज़िन्दगी तो एक धोखा है जी लो इसे यहीं मौका है.. !उदय अपने चेंबर से फ़ोन पर बात करते हुए निकला था.. चेंबर से निकलते ही एक बड़ा लंबा हॉल है जिसकी 20×60 की चौड़ाई और लम्बाई है ज...

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गोलगप्पे By Geeta Kaushik Ratan

ग्यारह वर्षीय शैली अपनी सभी सहेलियों में क़द-काठी में सबसे लम्बी थी। खेलकूद प्रतियोगिताओं और पढ़ाई में सबसे होशियार परन्तु साथ ही सबसे अधिक शरारती भी। चित्रकारी और शायरी का इतना...

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बालमजदूरी (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

जनवरी का महीना तथा चारों तरफ कुहासा घिर चुकी थी ठंढी हवा चल रही थी, मानो रक्त जमा देती और इसी बीच नौ-दस साल की एक गरीब लड़की फटी चादर ओढ़कर हाथ में कुछ किताबें लेकर जल्दी-...

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गिरगिट By Anil jaiswal

मेट्रो स्टेशन पहुँचने पर गाना सुनने में तल्लीन अधेड़ उम्र के राकेश का ध्यान भंग किया ऑटो वाले ने, "सर जी, मेट्रो स्टेशन आ गया।" राकेश ने कुछ नहीं कहा। गुनगुनाते हुए जेब से पचास का...

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पीली साड़ी By Abha Yadav

"मां,इस बर्ष आपने मेरा अट्ठारहवां जन्मदिन मनाया था न?""अरे,तुमने केक काटा तुम्हें नहीं पता."रोशनी हँसकर बोली."मुझे तो याद है.बस,यह जानना चाहती थी कि आपको पता है कि मैं बालिग हो ग...

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सबसे बड़ा पाप क्या है ? By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या कभी मैं, भारत की आजादी को, पूरी तरह से जी पाया हूँ ??उस दिन 14 अगस्त था, और मैंने अंग्रेजी में स्कूल में सबके सामने बोलने के लिए एक स्पीच लिखी थी, बहुत खुश था क्योंकि...

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अपना - अपना संघर्ष By amit sonu

हथेली पर चीनी के दाने छन - छन करते.... कितने अच्छे लगते है न, लेकिन थोड़ी सी नमी आ जाए तो अपनी चिपचिपाहट छोड़ने में देरी भी नहीं करती।देव का जीवन भी ऐसा ही था।वो दूसरो की मदद करने...

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दिव्यांग By Anil Patel_Bunny

बहुत ही बड़े शिवजी के मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। सब लोग कुतूहलवश जानने की कोशिश में थे कि आखिर वहां हुआ क्या था।“आप को गलतफहमी हुई है बहन जी!”“तू खुद गलत काम कर रहा है और मुझे...

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वो अजनबी By Alok Mishra

कहानी एक दिन सड़क पर यूं ही वो मिल गया । साधारण सी वेशभूषा में छोटी सी मूंछ , बिखरे बाल और पैन्ट शर्ट में उम्र का अंदाज लगा सकना सम्भव नही था । म...

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सांवलापन By रामानुज दरिया

ऐसा नहीं कि ओ खूबसूरत नहीं थी लेकिन किसकी नज़र में थी इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल था शायद उसके लिए जो उसी की तरह बदसूरत हों या फिर उसके लिये जो उससे भी ज्यादा हों।हालांकि किसी...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक - भाग 3 By vani

पिछले दो दिनो से हम अस्पताल जा रहे थे, लेकिन कुछ वजह से हमे भाई को नही मिलने दिया जा रहा था।आज तीसरा दिन था जब मे अस्पताल जाने वाली थी ,लेकिन आज मे अकेली जाने वाली थी,सुबह सात बजे...

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अनोखी मित्रता - 10 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि दिशा आकाश को orphanage ( अनाथ आश्रम ) में लेकर जाती है ... अब आगे .... ~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°° अंदर जाकर अब रुक गई । दिशा :- अब अपन...

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सुर्खियां... By Deepak Bundela AryMoulik

सुर्खियां.. !ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़.... टीवी की स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज़ के ट्रांजेक्शन तीन बार म्यूजिक स्ट्रोक के साथ आते है.. एकता होटल में बैठे...

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बैंगनी दुपट्टा By Apoorva Singh

अमर एक स्मार्ट और गुड लुकिंग लड़का है जो एक प्राइवेट बैंक मे मैनेजर के पद पर न्यू दिल्ली में कार्यरत हैं।दो दिन बाद अमर का जन्मदिवस है। है।हर साल की तरह इस बार भी अमर ये जन्मदिन...

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बीजांकुर By Ratna Raidani

एडवोकेट बंसल के मोबाइल पर किसी अज्ञात नंबर से कॉल आ रही थी। निर्मला ने देखा तो समझ आया कि कोई अंतर्राष्ट्रीय कॉल है। वैसे वह कभी भी उनका फ़ोन नहीं उठाती थी। मि. बंसल अगर जरूरी समझते...

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रिक्शावाला By Kalyan Singh

आज बहुत दिनों बाद अपने परममित्र से मिलने जाने का उत्साह मुझे मन ही मन बहुत व्याकुल किये जा रहा था। कब जल्दी पहुँचू ... कब उससे गले मिलू और अपने दिल की किताब उसके सामने खोलूँ।...

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अंधकूप By Rama Sharma Manavi

प्रेम, प्यार, इश्क, मुहब्बत सब हृदय के एक अनुपम भाव के नाम हैं।बिना इसके जीवन तपते मरुस्थल की मानिंद होता है।प्रेम जीवन को अत्यंत सुंदर बना देता है, परन्तु कभी कभी घृणित वासना प...

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ग्रामीण व्यक्ति का हिसाब By mim Patel

एक ग्रामीण आदमी एक शहरी के यहां मेहमान बना जिसके यहां बहुत सारी मुर्गियां थी , उस शहरी के घर वालों में, उसकी पत्नी ,दो लड़के और दो लड़कियां थी; शहरी का कहना है कि मैंने अपनी बीवी स...

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कहानी - माय डिअरेस्ट पापा - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) आगे पढ़िए - क्या रिधान अपनी पत्नी विद्या से मिल पाता है , क्या आद्या अपनी माँ से मिल पाती है ?...

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Nepotism: एक अलग पहलू By Anil Patel_Bunny

मुंबई, सुबह 6.45 बजे वैसे तो मुंबई शहर कभी नहीं सोता, हां मगर कुछ सड़कें जरूर सुनसान होती है। ऐसी ही एक सुनसान सड़क पर वहां की शांति को भंग करते हुए एक एम्बुलेंस जा रही थी, भारत...

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लड़की एक बोझ या लक्ष्मी भाग-1 By Adroja Mital

एस सदी में कुछ लोग लड़की को एक बोज मानते हैं तो कुछ लोग घरकि लक्षमी मानते हैं| ये कहानी हैं, दो लड़कियों कि, जो दोनो दोस्त थि। जिंनके परिवार ऊँचे घराने ओर निचे...

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रघुवन की कहानियां - भालू का अपहरण By Sandeep Shrivastava

रघुवन का भोलू भालू शिकारियों के जाल में फंस चुका था| जैसे ही शिकारियों के लगाए हुए जाल पर उसने पैर रखा एक शिकारी ने अपनी बन्दुक से रंग बिरंगा छोटा सा तीर उसके सीने में दाग दिया। थ...

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अनन्या... By Dinkal

अनन्या आज बहुत जल्दी में थी। उसे आज जल्दी अपने काम पे पहुंचना था। आज बाहर से कुछ सेवाभावी संस्था के लोग वहां आनेवाले थे। कल रात उसे ऑफिस का काम करते करते बहुत देर हो गई...

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मिठाई By Anil jaiswal

"मां, काम वाली आंटी आज भी नही आई क्या?" स्कूल से आकर बस्ता पटकते हुए मीनू ने पूछा। मां के चिड़चिड़े चेहरे और बेतरतीब किचेन को देखकर वह समझ गई थी कि आज भी काम वाली बाई ने मम्मी को झटक...

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मासूम की बद्दुआ अंतिम भाग By S Sinha

Part 2 अंतिम भाग - कहानी के अंतिम भाग में पढ़िए शिखा को क्यों लगा कि उसे मासूम की बद्दुआ लग गयी है ... कहानी - मासूम की बद्दुआ दो दिन बाद शिखा डॉक्टर से मिलने गयी...

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अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य - 1 By Rajnish

अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य (भाग - 1) चारों तरफ दर्शक दीर्घा को देखते हुए.... विवेक बंसल: यश! कुछ भी हो, आज भी लड़कियों के बीच में तुम्हारा जादू बरकरार है (चुटकी लेते हुए) तभी उद्घो...

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Golden Jubilee By Bharat Rabari

शीर्षक :- Golden Jubileeनोट :: - इस रचना को गांधीनगर के समाचार में प्रथम विजेता घोषित किया गया है।"हेनिश, क्या तुम रात को दस बजे से पहले वापस आ जाओगे?" - अपने खास दोस्त मिलनने पूछा...

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मेट्रो By Anil jaiswal

मेट्रो प्लेटफॉर्म पर आकर रुकी। दरवाजे खुले, तो रामलाल ने अंदर पैर रखा। आज मेट्रो में ज्यादा भीड़ नहीं थी। रामलाल ने चारों ओर नजरें दौड़ाईं। सारी सीटें फुल थीं। इससे उन्हें क्या? वह ध...

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कुबेर का खज़ाना By Varsha

"कुबेर का खज़ाना" माँ ओ माँ....मेरी अच्छी माँ....दुलारी माँ......प्यारी प्यारी माँ.....! अरे....बसससस.....बोल क्या चाहिए? होओओओओ....माँ तुम्हें प्यार करूँ तो...

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आत्मनिर्भरता - आत्मनिर्भरता जीवन की नई राह By बावरा मन

मैडम हम आपको ऐसे लोन नही दे सकते, ना ही आपकी कोई नियमित कमाई है ना ही आप इनकम टैक्स भरते हो और ना ही आपके पति का कोई पुराना इनकम टैक्स या फॉर्म 16 का रिकॉर्ड उपलब्ध है, और तो और आप...

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दशहरे का मेला By Kalyan Singh

मनुष्य की इंसानियत भी उस दिन जाग उठती है। जिस दिन उसे अपने कर्मों का ज्ञान हो जाता है। बस कोई सच्चा गुरु होना चाहिए सही पथ दिखाने वाला या कोई ऐसी घटना घटित हो जो उसकी इंसानियत पर स...

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अंतिम इच्छा By Dr.Ranjana Jaiswal

सुबह से यह चौथा फोन था। फोन उठाने का बिल्कुल मन नहीं था ।...पर माँ... माँ समझने को तैयार ही नहीं थी। फोन की घंटियां उसके मन-मस्तिष्क पर हथौड़े की तरह पड़ रही थी। अंततः नेहा ने फोन...

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लिखी हुई इबारत - 7 By Jyotsana Kapil

श्वान चरित आज अरसे बाद पंचायत बैठी थी और कई वर्षों बाद ऐसी कोई घटना हुई थी, जिस पर, सभी के बीच व्याप्त आक्रोश को महसूस किया जा सकता था। कोलाहल के बीच मुखिया के पदार्पण के स...

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बेचारा By Rajesh Kumar

#बेचारा एक वार बादशाह ने अपने राज्य के किसानों से बड़े जोर से किसानों की आय दोगुनी करने का विगुल क्या फूंका। किसानों में अच्छे भविष्य की लहर दौड़ पड़ी। राजनैतिक गलियारों सहित गांव के...

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प्रेम की गति By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या उस दिन मैंने, प्रेम से प्रेम को, लिखवा दिया था ??उस दिन मेरे पास एक फ़ोन आया, उधर से वीरेंद्र सिंह भदौरिया जी बोल रहे थे, मैं उसे प्यार से वीरू कहता हूँ, मेरा भाई जैसा...

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लघुकथाएँ - 3 By Abha Dave

लघुकथाएँ /आभा दवे ----------------- 1)खुशी ----------दीपेश ने अपने पिताजी से फोन पर तुरंत शहर आने के लिए कहा ।आने का कोई कारण नहीं बताया और फोन रख दिया। दीपेश के पिताजी दीपेश क...

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ना उम्र की सीमा हो - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ........

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समाधीशाला By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- समाधीशाला...

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बेटी का अधिकार By Bhavna Patkar

बेटी का अधिकारसात सात बेटे हैं ,हमारे सातों के पास सर्वसुविधा युक्त घर हैं ,कारें हैं ,जमीनें हैं हम निश्चिंत हैं उनकी तरफ से ,बेटी भी आत्मनिर्भर है, ससुराल में सुख से है।पत्नी -हा...

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ग़लतफ़हमी। By रामानुज दरिया

Haa...y...eeee, कैसे हो आप, hello.....मैं ठीक हूँ आप बताओ कैसे हो, मैं भी ठीक हूँ, क्या हुआ...........?, No reply, अरे बोलो भी कुछ..................No reply, उसके बार बार आग्रह करन...

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फुलस्टॉप-ब्रेकअप डे By S Choudhary

उसने कहा-तुम्हे याद है हम पहले कितनी बाते करते थे,कितना टाइम एकसाथ गुजारते थे,कितना खुश रहते थे? मैं- हाँ याद है। वो-तो अब क्यों नही हम ऐसे रह सकते ? मैं-सब दिन एक जैसे नही रहते,पर...

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School Trip स्कूल टूर ख्वाहिश By navita

वो बचपन के दिन , स्कूल की वो यादे , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। वो दोस्तो से बातें, हर रोज की मुलाकाते , जो कभी भुलाये नहीं भूलती। गांव का मेरा स्कूल, जहा लगती थी क्लास , वो प...

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क्या ठीक है? By Abha Yadav

एक ही इंसान से एक ही समय में प्यार और नफरत करना कितना हास्यास्पद है!लेकिन, ऐसा होता है-एक ही समय में एक ही इंसान से प्यार और नफरत. सच ही तो है-जब बाबू गलतफहमियों में घिरे हुए म...

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अधूरा खत By Sneh Goswami

अधूरा ख़त बन्ते का इंतजार करती करती सन्तो कोअब नींद आने लगी थी । उसका दिल किया कि चादर ओढ कर सो जाये पर कैसे सो सकती है । अभी तो बन्ते को आना था फिर उन्होंने रोटी खानी थी । उसके...

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कुछ खफ़ा सा हूँ खुद से जुदा सा हूँ By शुभेन्द्र सिंह संन्यासी

जब कभी हम को खुद पर गुस्सा आता है या खुद से ही नफरत हो जाती है तो हम फावड़ा उठाकर खेतो की तरफ चल देते है और तब तक काम करते है जब तक शरीर खुद न बोल पड़े अब तो रहने दे भाई क्या अब आज ह...

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छल... ! By Deepak Bundela AryMoulik

छल... !ज़िन्दगी तो एक धोखा है जी लो इसे यहीं मौका है.. !उदय अपने चेंबर से फ़ोन पर बात करते हुए निकला था.. चेंबर से निकलते ही एक बड़ा लंबा हॉल है जिसकी 20×60 की चौड़ाई और लम्बाई है ज...

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गोलगप्पे By Geeta Kaushik Ratan

ग्यारह वर्षीय शैली अपनी सभी सहेलियों में क़द-काठी में सबसे लम्बी थी। खेलकूद प्रतियोगिताओं और पढ़ाई में सबसे होशियार परन्तु साथ ही सबसे अधिक शरारती भी। चित्रकारी और शायरी का इतना...

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बालमजदूरी (लघुकथा) By Kumar Kishan Kirti

जनवरी का महीना तथा चारों तरफ कुहासा घिर चुकी थी ठंढी हवा चल रही थी, मानो रक्त जमा देती और इसी बीच नौ-दस साल की एक गरीब लड़की फटी चादर ओढ़कर हाथ में कुछ किताबें लेकर जल्दी-...

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गिरगिट By Anil jaiswal

मेट्रो स्टेशन पहुँचने पर गाना सुनने में तल्लीन अधेड़ उम्र के राकेश का ध्यान भंग किया ऑटो वाले ने, "सर जी, मेट्रो स्टेशन आ गया।" राकेश ने कुछ नहीं कहा। गुनगुनाते हुए जेब से पचास का...

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पीली साड़ी By Abha Yadav

"मां,इस बर्ष आपने मेरा अट्ठारहवां जन्मदिन मनाया था न?""अरे,तुमने केक काटा तुम्हें नहीं पता."रोशनी हँसकर बोली."मुझे तो याद है.बस,यह जानना चाहती थी कि आपको पता है कि मैं बालिग हो ग...

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सबसे बड़ा पाप क्या है ? By Manoj Sharma

प्रश्न : क्या कभी मैं, भारत की आजादी को, पूरी तरह से जी पाया हूँ ??उस दिन 14 अगस्त था, और मैंने अंग्रेजी में स्कूल में सबके सामने बोलने के लिए एक स्पीच लिखी थी, बहुत खुश था क्योंकि...

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अपना - अपना संघर्ष By amit sonu

हथेली पर चीनी के दाने छन - छन करते.... कितने अच्छे लगते है न, लेकिन थोड़ी सी नमी आ जाए तो अपनी चिपचिपाहट छोड़ने में देरी भी नहीं करती।देव का जीवन भी ऐसा ही था।वो दूसरो की मदद करने...

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दिव्यांग By Anil Patel_Bunny

बहुत ही बड़े शिवजी के मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। सब लोग कुतूहलवश जानने की कोशिश में थे कि आखिर वहां हुआ क्या था।“आप को गलतफहमी हुई है बहन जी!”“तू खुद गलत काम कर रहा है और मुझे...

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वो अजनबी By Alok Mishra

कहानी एक दिन सड़क पर यूं ही वो मिल गया । साधारण सी वेशभूषा में छोटी सी मूंछ , बिखरे बाल और पैन्ट शर्ट में उम्र का अंदाज लगा सकना सम्भव नही था । म...

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सांवलापन By रामानुज दरिया

ऐसा नहीं कि ओ खूबसूरत नहीं थी लेकिन किसकी नज़र में थी इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल था शायद उसके लिए जो उसी की तरह बदसूरत हों या फिर उसके लिये जो उससे भी ज्यादा हों।हालांकि किसी...

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जिंदगी की सफर वेंटिलेटर तक - भाग 3 By vani

पिछले दो दिनो से हम अस्पताल जा रहे थे, लेकिन कुछ वजह से हमे भाई को नही मिलने दिया जा रहा था।आज तीसरा दिन था जब मे अस्पताल जाने वाली थी ,लेकिन आज मे अकेली जाने वाली थी,सुबह सात बजे...

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अनोखी मित्रता - 10 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि दिशा आकाश को orphanage ( अनाथ आश्रम ) में लेकर जाती है ... अब आगे .... ~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°°°~°°°° अंदर जाकर अब रुक गई । दिशा :- अब अपन...

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सुर्खियां... By Deepak Bundela AryMoulik

सुर्खियां.. !ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़..... ब्रेकिंग न्यूज़.... टीवी की स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज़ के ट्रांजेक्शन तीन बार म्यूजिक स्ट्रोक के साथ आते है.. एकता होटल में बैठे...

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बैंगनी दुपट्टा By Apoorva Singh

अमर एक स्मार्ट और गुड लुकिंग लड़का है जो एक प्राइवेट बैंक मे मैनेजर के पद पर न्यू दिल्ली में कार्यरत हैं।दो दिन बाद अमर का जन्मदिवस है। है।हर साल की तरह इस बार भी अमर ये जन्मदिन...

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बीजांकुर By Ratna Raidani

एडवोकेट बंसल के मोबाइल पर किसी अज्ञात नंबर से कॉल आ रही थी। निर्मला ने देखा तो समझ आया कि कोई अंतर्राष्ट्रीय कॉल है। वैसे वह कभी भी उनका फ़ोन नहीं उठाती थी। मि. बंसल अगर जरूरी समझते...

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रिक्शावाला By Kalyan Singh

आज बहुत दिनों बाद अपने परममित्र से मिलने जाने का उत्साह मुझे मन ही मन बहुत व्याकुल किये जा रहा था। कब जल्दी पहुँचू ... कब उससे गले मिलू और अपने दिल की किताब उसके सामने खोलूँ।...

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अंधकूप By Rama Sharma Manavi

प्रेम, प्यार, इश्क, मुहब्बत सब हृदय के एक अनुपम भाव के नाम हैं।बिना इसके जीवन तपते मरुस्थल की मानिंद होता है।प्रेम जीवन को अत्यंत सुंदर बना देता है, परन्तु कभी कभी घृणित वासना प...

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ग्रामीण व्यक्ति का हिसाब By mim Patel

एक ग्रामीण आदमी एक शहरी के यहां मेहमान बना जिसके यहां बहुत सारी मुर्गियां थी , उस शहरी के घर वालों में, उसकी पत्नी ,दो लड़के और दो लड़कियां थी; शहरी का कहना है कि मैंने अपनी बीवी स...

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कहानी - माय डिअरेस्ट पापा - 2 By S Sinha

भाग 2 ( अंतिम भाग ) आगे पढ़िए - क्या रिधान अपनी पत्नी विद्या से मिल पाता है , क्या आद्या अपनी माँ से मिल पाती है ?...

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Nepotism: एक अलग पहलू By Anil Patel_Bunny

मुंबई, सुबह 6.45 बजे वैसे तो मुंबई शहर कभी नहीं सोता, हां मगर कुछ सड़कें जरूर सुनसान होती है। ऐसी ही एक सुनसान सड़क पर वहां की शांति को भंग करते हुए एक एम्बुलेंस जा रही थी, भारत...

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लड़की एक बोझ या लक्ष्मी भाग-1 By Adroja Mital

एस सदी में कुछ लोग लड़की को एक बोज मानते हैं तो कुछ लोग घरकि लक्षमी मानते हैं| ये कहानी हैं, दो लड़कियों कि, जो दोनो दोस्त थि। जिंनके परिवार ऊँचे घराने ओर निचे...

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रघुवन की कहानियां - भालू का अपहरण By Sandeep Shrivastava

रघुवन का भोलू भालू शिकारियों के जाल में फंस चुका था| जैसे ही शिकारियों के लगाए हुए जाल पर उसने पैर रखा एक शिकारी ने अपनी बन्दुक से रंग बिरंगा छोटा सा तीर उसके सीने में दाग दिया। थ...

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अनन्या... By Dinkal

अनन्या आज बहुत जल्दी में थी। उसे आज जल्दी अपने काम पे पहुंचना था। आज बाहर से कुछ सेवाभावी संस्था के लोग वहां आनेवाले थे। कल रात उसे ऑफिस का काम करते करते बहुत देर हो गई...

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मिठाई By Anil jaiswal

"मां, काम वाली आंटी आज भी नही आई क्या?" स्कूल से आकर बस्ता पटकते हुए मीनू ने पूछा। मां के चिड़चिड़े चेहरे और बेतरतीब किचेन को देखकर वह समझ गई थी कि आज भी काम वाली बाई ने मम्मी को झटक...

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मासूम की बद्दुआ अंतिम भाग By S Sinha

Part 2 अंतिम भाग - कहानी के अंतिम भाग में पढ़िए शिखा को क्यों लगा कि उसे मासूम की बद्दुआ लग गयी है ... कहानी - मासूम की बद्दुआ दो दिन बाद शिखा डॉक्टर से मिलने गयी...

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अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य - 1 By Rajnish

अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य (भाग - 1) चारों तरफ दर्शक दीर्घा को देखते हुए.... विवेक बंसल: यश! कुछ भी हो, आज भी लड़कियों के बीच में तुम्हारा जादू बरकरार है (चुटकी लेते हुए) तभी उद्घो...

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Golden Jubilee By Bharat Rabari

शीर्षक :- Golden Jubileeनोट :: - इस रचना को गांधीनगर के समाचार में प्रथम विजेता घोषित किया गया है।"हेनिश, क्या तुम रात को दस बजे से पहले वापस आ जाओगे?" - अपने खास दोस्त मिलनने पूछा...

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मेट्रो By Anil jaiswal

मेट्रो प्लेटफॉर्म पर आकर रुकी। दरवाजे खुले, तो रामलाल ने अंदर पैर रखा। आज मेट्रो में ज्यादा भीड़ नहीं थी। रामलाल ने चारों ओर नजरें दौड़ाईं। सारी सीटें फुल थीं। इससे उन्हें क्या? वह ध...

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कुबेर का खज़ाना By Varsha

"कुबेर का खज़ाना" माँ ओ माँ....मेरी अच्छी माँ....दुलारी माँ......प्यारी प्यारी माँ.....! अरे....बसससस.....बोल क्या चाहिए? होओओओओ....माँ तुम्हें प्यार करूँ तो...

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आत्मनिर्भरता - आत्मनिर्भरता जीवन की नई राह By बावरा मन

मैडम हम आपको ऐसे लोन नही दे सकते, ना ही आपकी कोई नियमित कमाई है ना ही आप इनकम टैक्स भरते हो और ना ही आपके पति का कोई पुराना इनकम टैक्स या फॉर्म 16 का रिकॉर्ड उपलब्ध है, और तो और आप...

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दशहरे का मेला By Kalyan Singh

मनुष्य की इंसानियत भी उस दिन जाग उठती है। जिस दिन उसे अपने कर्मों का ज्ञान हो जाता है। बस कोई सच्चा गुरु होना चाहिए सही पथ दिखाने वाला या कोई ऐसी घटना घटित हो जो उसकी इंसानियत पर स...

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