जब भी आँखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नज़र आए

अपना मेहवर बदल चुकी थी ज़मीं
हम ख़ला से जो लौट कर आए

चाँद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए

चंद लम्हे जो लौट कर आए
रात के आख़िरी पहर आए

एक गोली गई थी सू-ए-फ़लक
इक परिंदे के बाल-ओ-पर आए

कुछ चराग़ों की साँस टूट गई
कुछ ब-मुश्किल दम-ए-सहर आए

मुझ को अपना पता-ठिकाना मिले
वो भी इक बार मेरे घर आए

#गुलजार_साहब
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Hindi Good Night by Dharmesh Vala : 111238507
______ 5 years ago

Tere aane ki jab khabar mehke....teri khushbu se sara ghar.....

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