*निषेवते प्रशस्तानी*
*निन्दितानी न सेवते ।*
*अनास्तिकः श्रद्धान*
*एतत् पण्डितलक्षणम् ॥*
*भावार्थ👉*
_सद्गुण, शुभ कर्म, भगवान् के प्रति श्रद्धा और विश्वास, यज्ञ, दान, जनकल्याण आदि, ये सब ज्ञानीजन के शुभ- लक्षण होते हैं ।_
Good morning
Jay shree krishna🙏🏻💐