इस जहा मे दो प्रकार के लोग है, एक वो जो सब मे घुल मील जाते है , सभी से प्रेम भाव और अपना पन रखते है एसे सकारात्मक लोग , जो खुद तो खुश रहते है लोग भी उनसे प्रसन्न रहते है, जीन्है बाह्रमुखी लोग कहते है।।
दुसरे वो जो कीसीमे घुल मीलते नही अपने मतलब के लीए ही जीते है अकेले ही रहते है धमंडी और स्वार्थी और नकारात्मक वीचार रखते है'
जीन्हे अंतरमुखी लोग कहते है,
हमे खुद को पहचानना होगा हम कीस प्रकार मे आते है , और हमे कैसा होना चाहीए
#खुद