हर किसीने अपने लिहाजसे
सभ्य बना दिया हमें
वर्ना सभ्यता तो
कूट कूटके भरी थी हममें
कहासे आती है यह सोच
जो जूठको सच कहती है
और सच पेहचाननेमें खुद
धोखा खा जाती है
सभ्यता पर मेरी कोई कैसे
मुहर लगाएगा "फिरदोस "
जिन्हे खुद पता नहीं
सभ्यताके मायने क्या है
#सभ्य

Hindi Blog by Firdos Bamji : 111460818

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