#कीमती
ज़िन्दगी कीमती है और कुछ रिश्ते उससे भी ज्यादा कीमती हैं। जब रिश्तों में उलझन आने लगे तो उन्हें कैसे सुलझाना चाहिए?
दाम्पत्य में सब कुछ पारदर्शी होते हुए भी तन-मन की कुछ परतें अपारदर्शी रह जाती हैं, जहाँ पर पति और पत्नी के अलावा कोई और चाह कर भी नहीं पहुँच सकता। उपन्यास "देह की दहलीज पर" तन और मन की इन्हीं गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास कर आगे बढ़ता जा रहा है... क्या कामिनी-मुकुल, नीलम-राकेश, सुयोग-प्रिया, अरोरा अंकल आंटी के दाम्पत्य के कीमती रंगों में झांक कर देखा है आपने..? अभय की मौत से शालिनी की ठहरी जिंन्दगी में ख्वाब और ख्वाहिशें तो नहीं रुक पाए? क्या होगा अब आगे....? जानने के लिए साथ बने रहिए... आज शाम छः बजे अगली कड़ी प्रकाशित होगी...!

-- Dr. Vandana Gupta

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Hindi Book-Review by Rita Gupta : 111463751

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