भीष्म पितामह को इच्छा - मृत्यु का वरदान प्राप्त था किन्तु, उन्होंने अपने सभी कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह करने के पश्चात् ही अपने प्राण त्यागे और जीवन पर्यांत बहुत आलोचनाएं, कष्ट व दुःख भी सहे।
हम - आपको तो वह वरदान भी प्राप्त नहीं तो फिर आत्मदाह/आत्महत्या क्यों?