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जानवर और आदमी में अंतर ये है कि आदमी को शारीरिक क्षुधा के साथ साथ बौद्धिक क्षुधा को भी शांत करना होता है। यही कारण है कि आदमी के जीवन में सुबह की चाय और अख़बार अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। अख़बार में आदमी किस तरह की खबर रोज पढ़ता है , इससे जानवर के आदमी होने के छलांग का अंदाजा लगाया जा सकता है । क्या आप जानवर के आदमी होने की छलांग का अंदाजा लगा सकते हैं ? नकारात्मक पत्रकारिता पर चोट करती हुई व्ययंगात्मक रचना।

Hindi Poem by Ajay Amitabh Suman : 111671745

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