लगभग 50% महिलाओं का जीवन ही घटनाओं से घिरा है या यूं कह लें कि घटना ही उनका जीवन है, जिन औरतों के जीवन में खुशियां हैं वो दुःख से अनजान हैं और जिनके जीवन में दुःख है, उनके लिए सुख किसी अजूबे का नाम है।
ऐसा बहुत सारी औरतों के साथ होता है, समाज को दिखाने के लिए पति है लेकिन सम्बन्ध किसी और के साथ, घर आकर मारना पीटना, भाई के बच्चों से प्यार और अपने बच्चों से नफ़रत। अपना वेतन शराब में उड़ाना, फिर उसकी मां और भाई का कहना कि मेरा बेटा अथवा भाई तेरी वजह से पीता है, तेरी वजह से बहकता है, फिर उसके घर वालों का कहना कि अपने मायके चली जाओं, आखिर शराब पीकर पत्नी को ही क्यों मारता है मां और भाभी को क्यों नहीं मारता, बेवजह इल्जाम लगाना तेरी वजह से बेटा बिगड़ गया तो मां ने बचपन से क्या सिखाया। परदे के पीछे का कड़वा सच है जाने कितनी औरतों सिसक -सिसक कर नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। शायद इसका अन्त भी नामुमकिन है।
अंतरात्मा-1
-Suneeta Gond