आज भी बहुत सारे घरों में पांडवों यानि छोटे भाई के बच्चों के साथ निम्न जाति के बच्चों की तरह व्यवहार किया जाता है, वो भी अपने बड़े पापा की तरफ से, छोटा भाई आंखों पर विश्वास की पट्टी बांध कर अपनी पत्नी और बच्चों की तरफ से लापरवाह हो जाता है। अब आज के युग में भीष्म पितामह तो पैदा नहीं होते, अपने खानदान को घृतराष्ट्र से बचाने के लिए।
अंतरात्मा -12
-Suneeta Gond