क्या लिखूं?.....
सफऱ-ए-जिंदगी या जो रहा है,अधूरा वो कहानी हमारी।
वो बिन बादल की बरखा,या उस बाढ़ का पानी।।
उस रब की मेहरबानी, या इस मन की कारस्तानी।
स्वप्नों की सेज, लिखूँ! या जियें हैं जो संग वो भरपूर जिंदगानी।।
?????????????क्या लिखूं?.....✍️

#मैं_और_मेरी_तन्हाई
#दर्पणकासच
#दर्द_छलक_जाता_है
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111750840

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