सफलता का आधार
जब मन में हो दुविधा
और डिग रहा हो आत्म विश्वास
तब तुम करो आत्म चिंतन
और करो स्वयं पर विश्वास
यह है ईश्वर का अद्भुत वरदान
इससे तुम्हें मिलेगा
कठिनाईयों से निकलने की राह का आभास
ये जीवन के अंत तक
देंगे तुम्हारा साथ
कठिनाइयों और परेशानियों को दूर कर
हर समय ले जाएंगे
सफलता की ओर
इनसे मिलेगी तुम्हें कर्म की प्रेरणा
और तुम बनोगे कर्मयोगी
लेकिन धर्म को मत भूलना
धर्मयोग है ब्रह्मस्त्र
वह हमेशा तुम्हारी मदद करेगा
और विपत्तियों को
जीवन में आने से रोकेगा
सफलता सदैव मिलती है
साहस, लगन और परिश्रम से
इससे मिलती है मस्तिष्क को संतुष्टि
और हृदय को मिलती है तृप्ति
यही है जीवन में सफलता का आधार
कल था, आज है और कल भी रहेगा।