याद तेरी आई है
चारों तरफ गहरी तनहाई है
गहरा है तुझ से नाता मेरा Bindu Anurag
कैसे भूल पाऊं में उन यादों को
क्योंकि मेरा हर एक लम्हा तेरे साथ ही गुजरा था
क्योंकि मेरी हर एक सांस में तेरी ही धुन बसी है
क्योंकि मेरी हर एक खुशी की वजह भी तू ही है
तेरे बगैर भी जीना होगा यह कभी सोचा ही नहीं था
पर अभी भी मेरे एहसास में तू मेरे पास है
याद तेरी आई है
चारों तरफ गहरी तन्हाई है
09:30 PM 19/01/22
-Bindu _Anurag