शायद मे तुम्हे चाहने लगा था
कभी रिप्लाय ना आये तो दिल को दर्द होणे लगा था
फिर सोचा की बाते बंद करके देखले
बात नहीं करणी दिल को समजा लिया था
फिर ऊस फैसले का दर्द भी होणे लगा था
तुमसे बाते करणा अच्छा लग रहा था !!
तुम्हारी कही गयी हर बात दिल मे छुपा रहा था !!
तेरी हर परेशानी को अपनी परेशानी समजणे लगा था !!
और तेरी हर खुशी मे मेरे दुःख भुल कर शामिल हो रहा था !!

-Nill

Hindi Shayri by Nikita Nik : 111807441

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