रामायण भाग - 22
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सीता माँ से वार्ता (दोहा - छंद)
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नमन किया तब मात को, आए माँ के पास।
हनुमत मेरा नाम है, मैं हूँ प्रभु का दास।।

राम नाम की मुद्रिका, दी माता के हाथ।
राम नाम अंकित मिला,छवि भी देखी साथ।।

देख निशानी राम की, माता हुई अधीर।
कब आयेगे राम जी, बतलाओ बलवीर।।

मैया मैं तो दास हूँ, करूँ राम का काज।
आज्ञा दो तो ले चलूँ, माता तुमको आज।।

सूर वीर हैं राम जी, करते सब के काज।
ले आएगे प्रभु मुझे, रखने कुल की लाज।।

Uma Vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Religious by Uma Vaishnav : 111815398

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