ख्यालों के शहर में,
इक नया मोड़ लाऊंगा।
मिटने से पहले ही,
कुछ प्रश्न छोड़ जाऊंगा।।
हालात-हवालात की,
हो सवाल-सवालात फिर।
निशानियाँ - कहानियाँ,
नादानीयाँ - मनमानियाँ।।
बहकते - दहकते,
महकते - चहकते।
तार जोड़ आऊंगा,
इक सार छोड़ जाऊंगा।।
#पीड़ा_मन_की
#तृप्ती_अंतस_की
#दर्पणकासच
#सारांश
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Questions by सनातनी_जितेंद्र मन : 111816033

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now