#Friendship

मैं और मेरे अह्सास

साजन के लिए लिखा एक तराना है l
रूठे हुए यार को प्यार से मनाना है ll

जिंदगी भागदौड़ मे बीती बाकी का l
जीवन चैन औेर सुकूं से बिताना है ll

मौत को गले लगाने से पहले सखी l
उलझे हुए रिस्तों को सुलझाना है ll

साखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111823815

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