करता रहता नादानियां ये दिल,
क्योंकि दिल मेरा बच्चा है।
पर अहित किसी का नहीं सोचते,
क्योंकि दिल मेरा सच्चा है।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111825247

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