प्रेम सदैव खिल जाने को तैयार होता है,
वो दिन के उजालों से नहीं घबराता,
न डरता है रात्रि के अंधेरों से,
वो कभी बन जाता है ,
प्रेम कुमुदनी का
कभी समर्पित हरिश्रिंगार सा,
प्रेम कभी नही ढूंढता सुरज सी चमक
प्रमाण है केतकी की कोमलता,
रातरानी की चमक
और चंपा की की सुगंध,
प्रेम का कोई आखिरी छोर नही होता,
हा होता है एक बिंदु
जंहा से ,
वो तत्पर होता है एक यात्रा के लिए
एक ऐसी विरल यात्रा
जिसका कोई अंत नहीं।।

Hindi Motivational by NIMISHA TRIPATHI : 111841727

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