कविता नही अब तो कवि मिला है
चांद की चांदनी के बाद सुबह का रवि मिला है
कोन केहता है की प्रेम में ताकत नहीं होती
मुझे तो जान से भी प्यारा प्रेमी मिला हैं।

दूर हो कर भी पास होने का पैगाम मिला है
क्या कहूं उस प्रेम को उसी के खातिर
ही तो अब जीने का एक ज़रिया मीला है।

यादों के सफर पर साथ देने वाला राही मिला है
मुझे खुदा का अक्ष दिखने वाला
एक बेहतरीन हमराही मिला हैं।

इश्क को मुक्कमल करने का आसरा मिला है,
प्रेम को प्रेम नही परमात्मा मानने
वाला एक मुझे जोगी मिला हैं।

कोन केहता है की प्रेम में ताकत नहीं होती
मुझे तो जान से भी प्यारा प्रेमी मिला हैं।


- HEER

Love is beyond all hope.......

Hindi Poem by Hiral Zala : 111853017

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