“बरसों बीत गए
हमको मिले बिछड़े
बिजुरी बनकर गगन पे चमकी
बीते समय की रेखा

मैंने तुमको देखा
मन संग आँख मिचौली खेले
आशा और निराशा
फिर भी मेरा मन प्यासा

मेरे नैना सावन भादो
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा”

Hindi Song by Umakant : 111865301

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