नहीं कोई वाकिफ, इतना दर्द लिए चलते है,
टुटते है हर सुबह जब आईना देखते है,
जूम के चलते हैं, हस के मिलते है,
हम ऐसे कितनो को दगा देते है...
_Anvi

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