जो नहीं होना चाहिए था
वह हुआ,
महाभारत में जो अधर्म के साथ था
वह मारा गया
लेकिन अश्वत्थामा घाव लिये अमर हो गया,
जो धर्म के साथ था
वह भी मारा गया,
लेकिन युधिष्ठिर सशरीर स्वर्ग गये।
ग्यारह अक्षौहिणी सेना अधर्म के साथ!
सात अक्षौहिणी सेना धर्म के साथ!
गीता के संदेश के बाद
ईश्वर के आँखों के सामने
रक्त गरमाया और लहू बहा,
अंधा राजा निर्णायक नहीं था
रानी आँखों पर पट्टी बाँध
श्रीकृष्ण को शाप दे गयी,
जिसे भगवान ने बचाया
उसे तक्षक साँप डस गया,
बाघ से पूछा-
उसने हिरन को क्यों मारा?
तो उसने उत्तर नहीं दिया!
*** महेश रौतेला