सुनो. सिर्फ तुम
मेरे मन की केतली में
तेरे इश्क़ की चाय है....
जिसमे पड़ी हुई है तुम्हारे मुस्कान की चायपति
मेरे इंतजार का अदरक
तुम्हारे नयन की इलायची...एक तलाश है....
तुम्हारे मिलन के शक्कर की जिससे मिलन की मिठास और बढ़ जाए...!
- SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》