🌧️ "सावन की पहली बूँद" 🌧️
(भक्ति और प्रेम से भीगी कविता)
सावन की पहली बूँद गिरी, मिट्टी से खुशबू आई,
जैसे शिव जी की कृपा ने, धरती पर बरसात बरसाई।
हरियाली ने पहना चोला, अंबर ने गीत सुनाया,
हर कोने से, हर मन से, “हर हर महादेव” का स्वर आया।
आँगन में झूले झूल रहीं, चूड़ियाँ छनक रही हैं,
हाथों में मेंहदी रचकर, नारियाँ मुस्कुरा रही हैं।
कंचन-सी मुस्कान लिए, हर छोटी बात में ख़ुशी,
पलकों में सावन बस जाए, मन हो जाए भीगा-भीगा-सा अभी।
मंदिर से घँटी की धुन आए, बेलपत्र और धूप की महक,
काँवर वाले गाते जाएँ, “बोल बम” की लगती धमक।
हर दिल में एक आस जगे, हर मन में विश्वास है,
सावन के इस पावन मास में, शिव मेरे पास हैं।
तो चलो इस सावन में भीगें, ना बस पानी में — शिव भक्ति में,
हर दुःख, हर पीड़ा को धो जाए, यह सावन प्रेम की शक्ति में।
- Priyanka Singh