कोचिंग नगरी-सीकर
सीकर शहर, नहीं कोई मामूली बात,
यहाँ हर गली में चलता है पाठशालाओं का व्यापार।
बैनर-बोर्ड चमकते जैसे नेता के वादे,
IAS हो या हो REET,
यहाँ हर कोचिंग सजाती है उम्मीदों की भीड़।
मोटिवेशन क्लास में उड़ते जज़्बात,
"तू कर सकता है", ये चलता दिन-रात।
पर बैच में भीड़ ऐसी कि चेहरा दिखे ना साफ,
डाउट पूछना हो तो, करनी पड़े क्लास के बाद तलाश।
पीजी छोटा, फीस बड़ी, चाय की दुकान बनी यारी,
गणित कम, चिंता ज़्यादा,
हर कोचिंग कहे – "टॉपर हमारा",
पर फेल हुए बच्चों का कोई ना सहारा।
टेस्ट में नंबर आए जीरो,
फिर भी होर्डिंग पर हीरो।
शहर बना एजुकेशन की मंडी,
जहाँ सपनों की लगती है बोली।