चलो आजाद किया तुम्हें उस पिंजरे से ,
जिसमें तुम खुद को परिंदा समझती थी।।
मेरी दुनिया से तुम खुद को तो मिटा दोगी ,
पर मेरी दिमागी दुनिया से कैसे खुद को मिटाओगी।।
चलो अब आपने समझ ही लिया है गलत मुझे,
तो समझ लो ,
पर याद रखना इस दिमाग में तुम न्यूरोट्रांसमीटर जैसे रिलीज होगी ।।।
कोशिश करेंगे तुम्हें अपना बनाना छोड़ दे ।
अब न ही तुम्हें सताएंगे और न ही आपका समय बर्बाद करेंगे हम ।।।
मैं तो अब यही चाहता हूं कि आपके सपने मेरे
हनुमान जी पूरा करे।।
Good luck for your dream...