364 दिन मैं करूँ लड़ाई,
पति जी बस मोबाइल दबाएँ,
सोफे पर पसरें महाराज बनकर,
और मुझे ही गुस्से में ताने सुनाएँ।
1 दिन मैं करूँ तीज,
सजूँ-धजूँ, मेहँदी रचाऊँ,
पति देव आएँ मुस्कुराते हुए —
"वाह! नई दुल्हन लग रही हो" सुनाऊँ।
रहे उम्र तेरी लंबी,
ताकि रोज़-रोज़ आदेश दूँ सुने,
“चाय बना दो, बटन टाँक दो,
मेरी क़मीज़ प्रेस कर दो” गुनगुनाएँ।
तभी तो जीए ज़िंदगी,
वरना घर में सन्नाटा छा जाए,
क्योंकि पति देव बिना ताने के,
जैसे क्रिकेट बिना टेस्ट मैच रह जाए।