"लड़कों का अनकहा दर्द"
कभी उनकी आँखों में झाँककर देखो… हर दर्द, हर कहानी साफ़ नज़र आएगी।
बस… सुनने वाला चाहिए
कुछ लड़के होते हैं…
जिनकी तकलीफ़ सुनने वाला कोई नहीं होता।
जो हमेशा चुपचाप सहते हैं,
ना आवाज़ करते हैं, ना शिकायत।
जिन्होंने थकना सीखा ही नहीं।
दुनिया लड़कियों के दर्द पर बातें करती है,
लेकिन लड़कों के दर्द का ज़िक्र तक नहीं होता।
ये लड़के अपनी माँ के सामने भी
अपने दिल का तूफ़ान छुपा लेते हैं,
ताकि उन्हें कभी पता न चले
कि उनकी आँखों में आँसू भी हैं
और दिल में दर्द भी।
अगर कभी ये किसी से बात करते हैं,
तो बस अपने सच्चे दोस्त से —
जो उनके लिए भाई जैसा होता है।
या फिर उस लड़की से —
जो उनकी माँ के बाद पहली होती है,
जिसे वो अपनी पलकों पर बिठाकर रखते हैं।
इनका वफ़ा निभाने का तरीका अलग होता है।
एक बार जो हाथ पकड़ लिया,
तो आख़िरी साँस तक नहीं छोड़ते।
अगर प्यार किया है,
तो उसकी खुशी के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं।
बिना कहे उसकी हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखते हैं,
उसके पीछे परछाई की तरह रहते हैं,
और उसे पता भी नहीं चलता।
उसकी परेशानियों के आगे
एक साया बनकर खड़े हो जाते हैं।
दुख को उसके पास आने नहीं देते।
जैसे बाप अपनी बेटी को राजकुमारी बनाकर रखता है,
वैसे ही ये अपने प्यार को संभालते हैं।
प्यार शायद बोलकर न जताएं,
लेकिन इनके जैसा प्यार जताना किसी को नहीं आता।
ये लड़की को माँ जैसी इज़्ज़त देते हैं,
उसका हर तरह से ख्याल रखते हैं।
आजकल लोग कहते हैं —
"लड़के तो प्लेबॉय होते हैं"।
पर सच ये है…
सब वैसे नहीं होते।
कुछ साफ़ दिल वाले लड़के ऐसे भी हैं,
जिनके चलते इस दुनिया में
प्यार की पवित्रता अभी भी ज़िंदा है।
ये अपनी तकलीफ़ें छुपाकर
ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं।
जब प्यार में टूटते हैं,
तो अंदर का तूफ़ान कोई नहीं देख पाता।
हर दिन थोड़ा-थोड़ा मरते हैं,
लेकिन हँसते रहते हैं।
और जब भी पूछो,
तो बस इतना कहते हैं —
"किसी की गलती नहीं, हालात गलत थे।"
पर सच ये है…
अगर इनका असली दर्द सामने आ जाए,
तो सुनने वाले की रूह काँप जाए।
ये रुकना चाहते हैं, कहना चाहते हैं,
"थक गया हूँ, अब तुम संभालो"
लेकिन जानते हैं…
उन्हें ही करना है, क्योंकि
घर कैसे चलेगा? सबका पेट कैसे भरेगा?
माँ की मुस्कान देखकर
अपनी सारी थकान भूल जाते हैं।
इनको बस घर में
शांति और प्यार चाहिए।
काम से लौटकर
अगर कोई बिना सवाल पूछे इन्हें समझ ले,
तो ये सारी परेशानियाँ भूलकर
फिर मुस्कुरा देते हैं।
इनकी सारी इच्छाएँ, सारे सपने
कंधों पर आई ज़िम्मेदारियों के नीचे दब जाते हैं।
और दुनिया कह देती है —
"लड़कों को तकलीफ़ ही क्या होती है?"
कभी इनकी आँखों में झाँककर देखो…
हर दर्द, हर कहानी साफ़ नज़र आएगी।
बस… सुनने वाला चाहिए
अगर ये लिखाई आपके दिल को छू गई हो ❤️
तो एक बार उन लड़कों के बारे में ज़रूर सोचिए,
जो अपने दर्द को छुपाकर आपकी मुस्कान की वजह बनते हैं। 🌸
👉 और हाँ, इसे share कीजिए।
अगर आपकी life में कोई special person है,
तो उन्हें ये पढ़ाकर special feel कराइए। ✨