✨ द्रौपदी मुर्मू — संघर्ष की ज्योति ✨
सुना था, सुंदर बनती है राजकुमारी,
पर आज देखा —
द्रौपदी मुर्मू पर सजे पूरे भारत की जिम्मेदारी।
दूर से देखा मैंने,
सीरत उनकी कितनी प्यारी,
संघर्ष की आग में तपकर,
हर बार गिरकर भी उठीं —
फिर भी हार न मानी।
दुख सहा — बेटा, पुत्र, पति खोए,
इतनी पीड़ा झेली, जीवन की कठोर राह खेलकर,
फिर भी टूटे नहीं, बल्कि मजबूत हुई।
आदिवासी होने के नाते कभी नहीं मिली पहचान,
आज मिली भारत की पहचान,
सुनो स्त्रियों! अपने हाथ मत हारना।
देखो, कैसे साधारण जीवन से उठकर,
एक बेटी बनी राष्ट्र की महारानी,
संघर्ष को अपनी ताकत बना,
हर पीड़ा को धैर्य और साहस में बदलकर आगे बढ़ीं।
उनसे सीखो —
कठिनाइयों में भी हिम्मत न खोना,
हर असफलता को अपनी शक्ति में बदलना,
और हर कदम पर आगे बढ़ते जाना।
द्रौपदी मुर्मू जी — मेरे सतत प्रणाम। 🙏