प्रेम Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

प्रेम Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful प्रेम quote can lift spirits and rekindle determination. प्रेम Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

प्रेम bites

प्रेमाचा अर्थ शोधू नका फक्त प्रेम वाटू द्या आणि प्रत्येक क्षण आनंद घ्या. #प्रेम

हा अक्सर ऎसी लड़की के पीछे हम दीवाने होते हे, जो किसी और के होते हे, नहीं कह पाते हे हम उनसे और नहीं रोक पाते हे ख़ुद को, मालूम होकर भी दिल उन्हीं की राह पर अक्सर चलता रहता हे।#ndsmarathikatta #love
#bfgf #pyar #अनकहीkahani
#प्रेम

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पता नहीं क्यों?

जब उसने मेरा दिल तोड़ा,

टूटा सिर्फ मेरा मोह,

प्यार तो अभिभी जिंदा बच लिया।


#प्रेम ही साश्वत है।

#KAVYOTSAB --2
#प्रेम

*इक तेरी याद*

धूप में सब मोती सूखे ....
जल रहीं हैं पत्तियां।
देखने आया न भंवरा ....
गुल पे हैं विपत्तियां।
इस कदर तो बेरुखी ये
मार डालेगी हमें....
जान लेलो ! जान मेरी ..
पर करो न यूं सख्तियां।
चांद कहते थे हमें तुम,
और खुद को चकोर थे....
फिर लिखो मुझ पर कविता,
और कुछ अतिश्योक्तियां।
हिरनी सी चंचल- चपला,
देते थे उपमा जिन्हें.....
भूल सकते हो क्या मेरी
आंखों की वो मस्तियां
वो मेरा पहला मिलन था
नीम के पेड़ों तले.....
वो भी सारे ढेर हो गए
जली जब दिल की बस्तियां।
है जहां सारा मेरे संग
तू नहीं तो कुछ नहीं.....
भीड़ में बिल्कुल अकेली
खलती हैं तेरी रिक्तियां।।

सीमा शिवहरे "सुमन"
भोपाल मध्यप्रदेश

# KAVYOTSAV--2

विषय-
#प्रेम

मेरा प्रेम

चहों ओर फैली हरियाली...
बदरा सोम बरसाए।
अतुल छटा से अलंकृत धरती..
फूली नहीं समाए।

बारिश में जो अगन लगी है...
बुझती नहीं बुझाए।
तन का भीगा सूख भी जाए..
मन को कौन सुखाए।

बरस -बरस घनघोर घटाएं..
नदियों में मिल जाए।
सावन में यदा- कदा ही भीगूं...
यौवन रोज भिगाए।

उपवन भरे रसाल वृक्ष से..
कोयल तान सुनाएं।
पुरंदर संग देवांगनाएं झांके..
मन ही मन हर्षाएं।

लता वृक्ष से लिपट- लिपटकर..
अपना प्रेम जताएं।
किस बिंध मैं भी मिलूं पिया से..
कोई उपाय सुझाए।

भ्रमर करे रसपान कली का..
मन में काम जगाए।
मन मयूर रिम -झिम में नाचे
उनसे आलिंगन हो जाए।

बाली उमर का प्रेम है मेरा..
भूले नहीं भुलाए।
थम जा ए कजरारे बदरा
'सीमा' टूट न जाए।

सीमा शिवहरे "सुमन"
भोपाल मध्यप्रदेश

खून का दबाव व मिठास
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#काव्योत्सव #प्रेम

जी रहे हैं या यूँ कहें कि जी रहे थे
ढेरों परेशानियों संग
थी कुछ खुशियाँ भी हमारे हिस्से
जिनको सतरंगी नजरों के साथ
हमने महसूस कर
बिखेरी खिलखिलाहटें

कुछ अहमियत रखते अपनों के लिए
हम चमकती बिंदिया ही रहे
उनके चौड़े माथे की

इन्ही बीतते हुए समयों में
कुछ खूबियाँ ढूंढ कर सहेजी भी
कभी-कभी गुनगुनाते हुए
ढेरों कामों को निपटाया
तो, डायरियों में
कुछ आड़े-तिरछे शब्दों को जमा कर
लिख डाली थी कई सारी कवितायेँ
जिंदगी चली जा रही थी
चले जा रहे थे हम भी
सफ़र-हमसफ़र के छाँव तले

पर तभी
जिंदगी अपने कार्यकुशलता के दवाब तले
कब कुलबुलाने लगी
कब रक्तवाहिनियों में बहते रक्त ने
दीवारों पर डाला दबाव
अंदाजा तक नहीं लगा

इन्ही कुछ समयों में
हुआ कुछ अलग सा परिवर्तन
क्योंकि
ताजिंदगी अपने मीठे स्वाभाव के लिए जाने गए
पर शायद अपने मीठे स्वाभाव को
पता नहीं कब
बहा दिया अपने ही धमनियों में
और वहां भी बहने लगी मिठास
दौड़ने लगी चीटियाँ रक्त के साथ

अंततः
फिर एक रोज
बैठे थे हरे केबिन में
स्टेथोस्कोप के साथ मुस्कुराते हुए
डॉक्टर ने
स्फाइगनोमैनोमीटर पर नजर अटकाए हुए
कर दी घोषणा कि
बढ़ा है ब्लड प्रेशर
बढ़ गयी है मिठास आपके रक्त में
और पर्ची का बांया कोना
135/105 के साथ बढे हुए
पीपी फास्टिंग के साथ चिढ़ा रहा था हमें

बदल चुकी ज़िन्दगी में
ढेर सारी आशंकाओं के साथ प्राथमिकताएँ भी
पीड़ा और खौफ़ की पुड़िया
चुपके से बंधी मुट्ठी के बीच
उंगलियों की झिर्रियों से लगी झांकने
डॉक्टर की हिदायतें व
परहेज़ की लंबी फेहरिस्त
मानो जीवन का नया सूत्र थमा
हाथ पकड़ उजाले में ले जा रही
माथे पर पसीने के बूँद
पसीजे हाथों से सहेजे
आहिस्ता से पर्स के अंदर वाली तह में दबा
इनडेपामाइड और एमिकोलन की पत्तियों से
हवा दी अपने चेहरे को

फिर होंठो के कोनों से
मुस्कुराते हुए अपने से अपनों को देखा
और धीरे से कहा
बस इतना आश्वस्त करो
गर मुस्कुराते हुए हमें झेलो
तो झेल लेंगे इन
बेवजह के दुश्मनों को भी
जो दोस्त बन बैठे हैं

देख लेना, अगले सप्ताह
जब निकलेगा रक्त उंगली के पोर से
तो उनमे नहीं होगी
मिठास
और न ही
माथे पर छमकेगा पसीना
रक्तचाप की वजह से

अब सारा गुस्सा
पीड़ाएँ हो जायेंगी धाराशायी
बस हौले से हथेली को
दबा कर कह देना
'आल इज वेल'
और फिर हम डूब जाएंगे
अपनी मुस्कुराहटों संग
अपनी ही खास दुनिया में

आखिर इतना तो सच है न कि
बीपी शुगर से
ज्यादा अहमियत रखतें हैं हम

मानते हो न ऐसा !!

~मुकेश~

#KAVYOTSAV --२
#प्रेम

वो नीम का पेड़

वो नीम का पेड़ अब भी मुझको..
यादों में रुराने आता है।
मैं खेलती नहीं न संग उसके..
सपने में बुलाने आता है।

रेशम और जूट -बने झूले...
मेरे घर में सजाये जाते हैं।
मुझे वक्त नहीं उसे छूने का..
डालियों पर झुलाने आता है।
वो नीम.......

अब कहां वो ताजी हवाएं हैं?
ये शहर भरे कारखानों से।
मैं सो नहीं पाती चैन से अब..
छांओं में सुलाने आता है।
वो नीम.......

वो दिन भर गुजरना संग उसके...
मैं भूल नहीं पाती अब तक।
बेफिक्री भरे वो दिन मेरे...
मुझे याद दिलाने आता है।
वो नीम .....

कितने ही उकेरे थे ,दिल उस पर...
क्या अब भी धड़कते होंगे वो?
हमें मिले हुए, इक ज़माना हुआ...
दिलवर से मिलने आता है।
वो नीम का पेड़ अब भी मुझको
यादों में रुलाने आता है..

सीमा शिवहरे "सुमन"
भोपाल मध्यप्रदेश