खोया हुआ हु मैं खुद अपनी ही तलाश में
शायद मिल जाए कही ,जो अब नहीं है मेरे एहसास में
सर्द हवाएं हों या गर्म फिजाए,ं मै खोया हु खुद अपनी ही तलाश में
यूं तो लोग मिलते हज़ारों हजार पर ढूंढता ही में खुदको जो मुझमें भी लिए निखार
यूं तो किताबें है पढ़ी मैने हजार पर फिर भी हु खो जाता मै अपनी तलाश में बार बार
खोया हुआ हु मैं खुद अपनी ही तलाश में
इंतेज़ार करता हु उस पल की जो अजाए एक बस एक बार
खत्म होजाएगा तलाश मेरा बस एक बार
खत्म होजाएगा तलाश मेरा बस एक बार