काश......कभी ऐसा दिन भी आए जब मुझे खुद को संभालना न पड़े, जब मुझे खुद को समझाना न पड़े। मुझे जिंदगी गिननी न पड़े । कोई तो ऐसा दिन आए जब में दिल से खुश हो जाऊ । हे मुरारी ,कोई तो हो जो मुझे संभाल ले ! क्या ऐसा हो पाएगा? या मेरा जीवन कल न रहे तो भी कोई शिकायत नहीं । बस ये लोहे सा भरी जिगर लेकर दिनभर गुजारना नहीं हो पाता।