🕯️ “कभी-कभी अंधेरा सिर्फ रोशनी का न होना नहीं होता… उसमें कोई और भी छिपा होता है।”
😱 “मोमबत्ती बुझते ही सन्नाटा टूटा… और मैंने जाना कि मैं अकेली नहीं थी।”
🌀🌀🌀 रात के सन्नाटे में अचानक लाइट चली गई। कमरे में अँधेरा फैल गया तो मैंने मोमबत्ती जलाई और खिड़की के पास रख दी।
कुछ देर सब सामान्य रहा, लेकिन अचानक हवा का एक तेज़ झोंका आया और मोमबत्ती बुझ गई।
कमरा पूरी तरह अंधेरे में डूब चुका था। मैंने घबराकर मोबाइल उठाया और टॉर्च ऑन करने के लिए बटन दबाया।
स्क्रीन अपने आप जल उठी… और उस पर एक अजीब-सा संदेश लिखा था —
“मत डर… मैं भी यहीं हूँ, बस तेरे पीछे खड़ा हूँ।”और मेरे तो जैसे जमीन खिसक गई पैरों के नीचे से फिर उसके बाद हुआ कुछ ऐसा जो बताते हुए भी मेरे शरीर में कपकपाहट हो रही हैं।.....................