बंधन दिलों के

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"यह पुस्तक पूरी तरह से काल्पनिक है। इस पुस्तक में सभी नाम, पात्र, व्यवसाय, स्थान, घटनाएँ और घटनाएं या तो लेखक की कल्पना की उपज हैं या काल्पनिक तरीके से इस्तेमाल की गई हैं। किसी भी वास्तविक व्यक्ति, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता पूरी तरह से संयोग है।"

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बंधन दिलों के - भाग 1

प्यार का ऐसा इम्तिहान, जहाँ हार में भी जीत छुपी है. भाग 1 "यह पुस्तक पूरी तरह से काल्पनिक इस पुस्तक में सभी नाम, पात्र, व्यवसाय, स्थान, घटनाएँ और घटनाएं या तो लेखक की कल्पना की उपज हैं या काल्पनिक तरीके से इस्तेमाल की गई हैं। किसी भी वास्तविक व्यक्ति, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता पूरी तरह से संयोग है।" लेखक. केतन ज मेहता विशेष आभार. श्री. प्रमोद मंडलकार अध्याय 1: बचपन की गलियाँ अनीता, सुनीता, रोमा, करण और सागर – ये पाँच नाम एक-दूसरे से ऐसे जुड़े थे जैसे किसी पुराने पेड़ ...Read More

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बंधन दिलों के - भाग 2

भाग 2 अध्याय 10: रोमा का नया एहसास करण के अमेरिका जाने के बाद, रोमा का ध्यान धीरे-धीरे उसकी आकर्षित होने लगा। कश्मीर में आतंकवादियों के कैद में रहने के दौरान, रोमा ने करण के उदार और साहसी स्वभाव को करीब से देखा था। उसने महसूस किया था कि करण ने मुश्किल परिस्थितियों में भी सबका ध्यान रखा और कभी हार नहीं मानी। अब, जब करण दूर था, रोमा को उसकी कमी महसूस होने लगी। उसे लगने लगा कि करण के बिना उसकी ज़िंदगी अधूरी है। उसे यह भी एहसास हुआ कि शायद उसने अनीता और सुनीता की तरह ...Read More